गुलजार जी रचित देश भक्ति कविता। Gulzar ji rachit desh bhakti poem in hindi
प्रसिद्ध गुलज़ार जी की दिल को छू लेने वाली और मार्मिक देश भक्ति कविताओं (Gulzar ji rachit desh bhakti poem in hindi) में खो जाने के लिए तैयार हो जाइए। उनके दिल को छू लेने वाले छंदों के माध्यम से देशभक्ति के सार का अनुभव करें जो हमारे देश के लिए प्यार को दर्शाता है। गुलज़ार जी के लेखन की वाक्पटुता और भावनाओं में आपको डूबा देने की कला आपके अंदर देशभक्ति की भावना जागृत कर देगी।
गुलजार जी रचित देश भक्ति कविता। Gulzar ji rachit desh bhakti poem in hindi or Desh bhakti poem in hindi or patriotic hindi poem
आज सोचो जरा सोचो, जो आज तक हुआ नहीं कभी
आज सोचो जरा सोचो, कल उम्मीद जिसकी है अभी
दिन हो चाहे आये रैन, सपने देखते हैं नैन
सबकी चैन से कटे जिंदगी
सुन रहे हैं हम तो आहटे, रुत यहाँ पे जो भी आयेगी
हमको है यकीन वो यहाँ, खुशियाँ अपने साथ लायेगी
इंडिया मेरे वतन, जन्मे हम तो यहीं पर सभी
दी तुम्ही ने आशा आने वाले कल की
Oh India तुमने ही तो सिखाया प्यार है
O India तुमसे ही तो भविष्य होगा साकार ये
O India... O India…
कल ये यकीन है हमें, आज से हसीन होगा जान लो
कल जो आयेगा यहाँ वो हमारा होगा मान लो
देख लेना ये जहाँ अपना जोश है जवाँ
सच है ये हम ना हैरान हो
झेलते हैं जो भी मुश्किले, ये नहीं है आज के लिए हौसले से अपने देखना, कल जलेंगे राहों में दिये आओ मिलके साथ-साथ, रोशनी की डगर पे चले वो बुलाती हैं हमें, नयी मंजिले O India तुमने ही तो सिखाया प्यार है O India तुमसे ही तो भविष्य होगा साकार ये O India... O India…… O India...
Written by Gulzar Sir
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