यह Hindi Kahani गीता जी के दुनिया देखने के नजरिए (Najariya or Perception) के बारे में है। उनका मानना है कि जब आप समुद्र में कुछ भी डालते हैं वो थोड़ी देर बाद हमें वापस कर देता है, अपने पास कुछ नहीं रखता । हमारे बच्चे भी तो वैसे ही होते हैं। हम उनके साथ जैसा व्यवहार करेंगे, वैसा ही वो भी करेंगे। क्या गीता जी का दुनिया देखने का ये नजारा सही है? आईये जानते है इस कहानी में…