अनमोल यादें । Anmol Yaden: A Swarachit Kavita in Hindi

अनमोल यादें । Anmol Yaden: A Swarachit Kavita in Hindi

आदित्य ‘चिराग’ की एक सुंदर स्वरचित कविता ‘Anmol Yaden’ के साथ आइए चलते हैं उन खूबसूरत यादों के लम्हों में। अपने विचारोत्तेजक छंदों के माध्यम से, यह हार्दिक कविता उन खट्टी-मीठी भावनाओं को पकड़ती है और अनुभवों के बारे में याद करते हैं जिन्होंने हमारे जीवन को आकार दिया है।

खुशी और हंसी के क्षणों से लेकर बिछड़ने और खोने के क्षणों तक, ‘अनमोल यादें’ मानवीय संबंधों के अनमोल उपहार और प्यार की स्थायी शक्ति की मार्मिक याद है।

अनमोल यादें । Anmol Yaden: A Swarachit Kavita

सूरज की किरणें जब भी,
आकर गिरती मेरे आंगन में ।
दिल झूम उठता मेरा,
बेलें भी अंगड़ाइयां लेती ॥

नव निर्मित स्वर्ण कपोलों पर,
रवि किरणें जब आकर गिरती ।
ऐसा लगता जैसे कि,
पत्तों पर मोती है बनती ॥

याद जब भी करता हूं,
उन पुराने दिनों की, एक सुंदर सी
छवि, एक सुनहरी सी काया,
मन- मस्तक में उतर जाती है मेरी ॥

वक्त एक दरिया है,
खो जाता जिसमें है हर कोई ।
सोचा था हमने जीता है वक्त को,
भूल थी ना जीत पाया है वक्त को कोई ॥

वक्त बीत जाता है, साथ छूट जाते हैं,
यादें हैं, जो हर वक्त साथ निभाते हैं ।
यादें जो हर वक्त किसी की याद लाती हैं,
यादें जो अपनों से बिछड़ने के बाद आती हैं॥

यादे...ये यादें,
जो अक्सर याद आती हैं ॥

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आदित्य जी सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक ( बी.टेक इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) हैं और वर्तमान में आईटी क्षेत्र में कार्यरत हैं। साहित्य और कविताओं में उनकी रुचि बचपन से ही थी और अब अपनी रचनाओं को चाय के पल के माध्यम से आप पाठकों तक पहुंचाने का फैसला किया है।

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