प्रेरक नैतिक कहानियां। Inspiring Top 10 Moral Stories in Hindi
यहां पर दी जा रही Top 10 Moral Stories in Hindi ईमानदारी (honesty), दया (kindness), और सम्मान (respect) जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों को बताती है। हमारी motivational story in hindi न केवल मनोरंजक हैं बल्कि आपके बच्चे को उनके दैनिक जीवन में इन मूल्यों के महत्व को समझने में भी मदद करती हैं।
हमारी motivational story in hindi आपके बच्चे को उनके सपनों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरणा और एक दिशा के लिए एकदम सही हैं। इन short moral stories in hindi के माध्यम से, आपका बच्चा दृढ़ संकल्प (determination), कड़ी मेहनत (hard work) और दृढ़ता (persistence) के बारे में सीखेगा, और कैसे ये गुण उन्हें जीवन में सफल होने में मदद कर सकते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि कम उम्र के बच्चों को कहानियां, विशेष रूप से motivational story in hindi or short moral stories in hindi or moral stories for kids in hindi सुनाने से उनका मानसिक और बौद्धिक विकास (cognitive mental and intellectual development) होता है। और साथ ही hindi story for kids के माध्यम से अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और संस्कारों से जोड़ सकते हैं।
यहां पर दी जा रही short moral stories in hindi में आपको शब्दों के साथ-साथ बहुत सारे पिक्चर्स (pictures) भी मिलेंगे जिसे आप अपने बच्चों को दिखा सकते हैं एक पुरानी कहावत है ना 1 pictures is better than 1000 words।
तो हमारी कोशिश यही है कि हम ज्यादा से ज्यादा पिक्चर्स यहां पर दे जो कहानी से relate करती हो और पिक्चर के थ्रू आप कहानी के उस सीन को अपने बच्चों को समझा सके और कहानी से सीख ले सकें।
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बच्चों के लिए नैतिक कहानियों की सूची – List of Top 10 Moral Stories in Hindi for Kids:
Table of Contents
1. हम जीते साथ-साथ । Together We Triumphed: Motivational Story in Hindi on the Power of Friendship and Perseverance
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक युवा लड़की लिली रहती थी। उसका सपना था, दुनिया की सबसे अच्छी साइकलिस्ट बनना। हर दिन वह अपनी लाल साइकिल पर प्रैक्टिस करती थी। वह एक दृढ़ संकल्प (determined) लड़की थी जो किसी भी situation में हार नहीं मानती थी।
एक सुहावने दिन ( a sunny day), लिली और उसका सबसे अच्छा दोस्त टॉमी वार्षिक साइकिल रेस में भाग ले रहे थे। रेस की स्टार्टिंग लाइन पर खड़े दोनों उत्साहित भी थे और नर्वस भी।
रेस शुरू होता है और वे अपनी पूरी ताकत लगाकर साइकिल चलाते हैं। लिली आगे निकल जाती है, उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था और वह अपराजेय (unbeatable) महसूस कर रही थी ।
जब लिली रेस ट्रैक के फाइनल राउंड में पहुंचती है, तो उसकी साइकिल का पहिया रास्ते में पड़े एक पत्थर से टकराता है और उसकी साइकिल पलट जाती है। वह जमीन पर गिरती है और चोटिल हो जाती है। बाकी दूसरे रेसर उससे आगे निकल जाते हैं। उसको ऐसा महसूस होता है कि वह अपने जीत के सपने से दूर जा रही है।
टॉमी अपने रेस में रुक कर भागता हुआ उसके पास आता है और पूछता है “तुम ठीक हो?”
लिली ने रोते हुए कहा “अब मैं नहीं चल सकती, मैं रेस हार गई।”
टॉमी उसे प्रोत्साहन (encourage) देते हुए बोलता है। “तुम कर सकती हो, लिली! याद रखो जो आपके दादाजी हमेशा कहते थे: गिर जाना जीवन का हिस्सा है, लेकिन फिर से उठना और कोशिश करना हमें मजबूत बनाता है।”
टॉमी के प्रोत्साहन से लिली में एक नई ऊर्जा आ जाती है। लिली अपने आंसू पोंछती है और एक गहरी साँस लेती है। शरीर में दर्द होने के बावजूद उसने निश्चय किया कि वह हार नहीं मानेगी। उसने अपनी साइकिल उठाई, उस पर बैठी और नए जोश के साथ साइकिल को पेडल करना शुरू किया।
टॉमी और लिली जब साइकिल रेस ट्रेक्स पर दर्शक दीर्घा (audience viewing gallery) के पास से गुजरे तो दर्शकों ने भी उनका प्रोत्साहन (cheer-up) किया। वे अपनी साइकिलों के पूरी energy and strength के साथ चलाते हुए बाकी रेसर के करीब पहुंचने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे।
अपने दोस्त टॉमी की मदद की कोशिश को देखकर लिली का हृदय कृतज्ञता (gartitudes) से भर गया और उसके प्रति सम्मान भी। वे दोनों एक साथ तेजी से साइकिल चलाते हुए धीरे-धीरे बाकी दूसरे रेसर्स के करीब आने लगे।
जब रेस अंतिम चरण में था और बाकी दूसरे रेसर्स फिनिश लाइन के करीब पहुंचने वाले थे तो एक अप्रत्याशित घटना हुई। रेस में सबसे आगे वाला रेसर्स अचानक अपनी साइकिल पर कंट्रोल खो देता है और लड़खड़ा कर गिर जाता है।
बाकी दूसरे रेसर्स बचने की कोशिश करते हैं लेकिन इसमें नाकाम रहते हैं और वह पहले वाले रेसर्स से टकरा जाते हैं जिससे एक बड़ा पाइलअप हो जाता है।
लिली और टॉमी जो थोड़ा पीछे थे साइकिल ट्रैक के साइड से एक्सीडेंट सीन को बचाते हुए बाकी रेसर्स से आगे निकल जाते हैं।
जैसे ही लिली को फिनिश लाइन दिखती है उसे एक नई ऊर्जा का एहसास होता है और पूरी ताकत के साथ जोर-जोर से साइकिल चलाने लगती है लेकिन जल्दी ही उसे एहसास होता है और वह पीछे मुड़कर देखती है कि टॉमी संघर्ष (struggle) कर रहा है।
लिली कुछ पल के लिए सोचती है और एक फैसला लेती है। वह अपनी साइकिल की रफ्तार धीमी कर देती है ताकि टॉमी उसके बराबर आ सके। और फिर दोनों एक साथ फिनिश लाइन को पार करते हैं। रेस को देखने के लिए इकट्ठे हुए दर्शक दोनों का तालियों से स्वागत करते हैं।
लिली और टॉमी खुशी से एक दूसरे को गले लगा लेते हैं।
रेस आयोजक ने लिली और टॉमी को उनकी असाधारण खेल भावना के लिए पुरस्कार दिया। रेस आयोजक के मुख्य अतिथि ने कहा “आज, आपने हमें दोस्ती और टीमवर्क की वास्तविक झलक दिखलाई है। हमारी नजर में आप दोनों विजेता हैं।”
गांव वालों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ लिली और टॉमी की जीत का जश्न (सेलिब्रेट-celebrate) मनाया। इन दोनों की अदभुत जीत, उनकी दोस्ती और ना हारने के जज्बे की कहानी आस-पास के गांव में भी फैल गई।
इन दोनों की जोड़ी को लोग उदाहरण के तौर पर देखने लगे कि दोस्ती और दृढ़ संकल्प किसी भी चुनौती को को पार कर सकती है और जीत दिला सकती है।
लिली के घाव ठीक हो जाने के साथ ही, उसका जोश भी बढ़ता गया। उस दिन का सबक वह हमेशा याद रखती और वर्ल्ड साइकिल चैंपियनशिप के सपने का पीछा करना भी ।
टॉमी और लिली ने अपनी प्रैक्टिस और ट्रेनिंग जारी रखा और और वे एक दूसरे को नए ऊंचाईयों पर पहुंचने के लिए प्रेरित करते रहे। उन्होंने आगे कई सारी रेस में हिस्सा लिया और समय के साथ साथ उनकी दोस्ती भी मजबूत होने लगी ।
एक दिन, लिली को वर्ल्ड साइक्लिंग चैंपियनशिप में खेलने के लिए invitation मिलता है। उत्साह से भरी हुई, वह टॉमी के इस बारे में बताती है । “टॉमी, हमने यह कर लिया! हमारी मेहनत सफल हुई!” वह उत्साहपूर्वक बोलती है।
टॉमी ने बेहद खुशी और गर्व से जवाब दिया “मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ हूं लिली, उस दिन मैं तुम्हें Cheer-up करने के लिए वहां जरूर रहूंगा ।
आखिरकार चैंपियनशिप का दिन आ ही जाता है। जैसे वह अपने आपको रेस के लिए तैयार करती उसे खुशी के साथ साथ तनाव भी महसूस हो रहा था क्योंकि वह अलग-अलग देशों के सबसे अच्छे साइकिलिस्टों के साथ में खेलने वाली थी ।
उसने उस दिन को याद किया जब वह विलोब्रूक साइकिलिंग रेस के दौरान गिर गई थी और हंसते हुए सोचती है कि वह कितनी दूर आ चुकी है और अपने सपने के बेहद करीब भी ।
जैसे ही रेस शुरू हुई लिली अपने चेहरे पर हवा के झोंके को महसूस कर रही थी और साथ ही साथ टॉमी की उस गहरी दोस्ती की ताकत को भी जो उसे आगे बढ़ने को प्रेरित कर रही थी। वह जानती थी कि इस रेस में वह अकेली नहीं है, टॉमी और उसकी दोस्ती उसके साथ है जिसने उसे finish line तक पहुंचने का साहस दिया।
एक रोमांचक तरीके से और बहुत ही कम मार्जिन से लिली ने चैंपियनशिप जीत ली और जनता ने लिली का तालियों से स्वागत किया ।
टॉमी उसके पास भागता है और उसे गले लगाता है। जब वे गले मिलते हैं, तो दोनों के खुशी से आंसू बहने लगते हैं। “तुमने यह कर दिया, लिली! तुम दुनिया की चैंपियन हो!” टॉमी उत्साह से चिल्लाता हुआ कहता है।
“हमने इसे मिलकर किया, टॉमी। मैं तुम्हारे बिना इसे नहीं कर पाती।” लिली उत्सुकता से उत्तर देती है, उसके दिल में टॉमी के लिए आभार और सम्मान था।
लिली के गांव लोग उसकी जीत का जश्न मनाते हैं और लिली की जीत दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाती है। लेकिन लिली और टॉमी के लिए, यह जीत उनके अटूट बंधन और मित्रता की शक्ति को दर्शाती है। यह जीत उनकी सहनशीलता और संघर्ष भरी यात्रा का परिणाम था।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हम ठोकर खाकर गिर सकते हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प (determination), सहनशीलता (patience) और सच्चे मित्रों के सहयोग (support of true friends) से हम फिर से उठ सकते हैं और जीत हासिल कर सकते हैं। साथ मिलकर हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं और सफलता पा सकते हैं।
हमेशा याद रखें, “गिरना जीवन का एक हिस्सा है, लेकिन फिर से उठना और कोशिश करना ही हमें मजबूत बनाता है। Falling is part of life, but getting up and trying again makes us stronger.”
2. आपको क्या बनना हैं । What you want to be- Top 10 Moral Stories in Hindi
आपको क्या बनना हैं (What You Want To Be) बड़े होकर, यह आज की पीढ़ी के बच्चों के लिए एक अहम सवाल बन गया है।
आज के इस तेजी से बदलते दौर में हमें अपने बच्चों को बचपन से ही सीख देनी चाहिए कि एक अच्छा और बेहतर इंसान बनना क्यो जरूरी है जब भी हम उनसे बात करें कि आपको क्या बनना हैं बड़े होकर? फिर चाहे वो किसी भी पेशे या फील्ड में बड़े हो कर काम करें ।
आइए जानते हैं कि शिवांक को क्या सीख मिली जब वह अपने शिक्षक से बात कर रहा था और उन्होंने पूछा कि आपको क्या बनना हैं?
आज शिवांक का जन्मदिन था । बहुत सारे लोग आए । शिवांक के दोस्त और उनकी अध्यापिका भी आई थी । शिवांक की अध्यापिका उससे बातें कर रही थी । उन्होंने शिवांक से पूछा, तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो?
शिवांक ने कहा मैं अपने भाई की तरह डॉक्टर बनना चाहता हूं ताकि सब की बीमारी दूर कर सकूं ।
लेकिन टीचर मैं अपने पापा की तरह इंजीनियर भी बनना चाहता हूं ताकि देश की आधारभूत संरचना (Basic Infrastructure) को विकसित कर सकूं ।
मैं अपनी मां की तरह एक लेखक भी बनना चाहता हूं ताकि मेरी कहानी से सबका मनोरंजन हो सके ।
मैं अपनी बहन की तरह कलाकार बनकर सुंदर चित्र भी बनाना चाहता हूं ।
लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या बनू ।
कोई बात नहीं शिवांक, आपके पास अभी समय है क्योंकि अभी तो आप सिर्फ 5 साल के हैं ।
अभी आपको अपने इस सुनहरे बचपन का आनंद लेना है और अपने माता-पिता की बातों को मानना है एक अच्छे बच्चे की तरह ।
बड़े होकर आप अपनी इच्छा अनुसार चाहे जो बने लेकिन देश सेवा करना ना भूले और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि एक अच्छा इंसान बने ।
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एक अच्छा इंसान होना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण और सही विकल्प है । इसके लिए जरूरी है कि हम सत्यनिष्ठा, सम्मान, सही काम करें, दूसरों को प्राथमिकता दें, त्याग करें, दूसरों की परवाह करें और जरूरतमंद लोगो लिए खड़े हों।
हमें अपने बच्चों को बचपन से ही एक अच्छा इंसान बनाने की तरफ प्रेरित करना चाहिए फिर चाहे वो किसी भी पेशे या करियर को चुने। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे सबसे अच्छे हों, उनसे बेहतर हों। दुनिया भर में अधिकांश माता-पिता शिक्षा, ग्रेड, खेल, पेशा (profession) और संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों जैसे गायन, नृत्य और फ़ुटबॉल पर ध्यान केंद्रित करते है । हम उन्हें मन लगाकर पढ़ने और समय पर गृहकार्य पूरा करने के लिए कहते हैं। लेकिन ऐसा करने में हम अक्सर उन्हें अच्छा और दयालु इंसान बनने के महत्व को बताना भूल जाते हैं।
3. अपना काम स्वयं करें – Do Your Own Work – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक गांव में एक किसान रहता था । उसका बहुत बड़ा खेत था । खेत में फसल भी लगभग तैयार होने वाली थी ।
उसी खेत के बीच में गौरैया का एक घोंसला था और उसमें तीन छोटे-छोटे गौरैया के बच्चे थे । गौरैया सारा दिन दाने चुन-चुन कर लाती और बच्चों को खिलाती थी । बच्चे अभी छोटे थे इसलिए उड़ नहीं पाते थे ।
एक दिन किसान खेत पर अपने बेटे के साथ आया । उसने फसलों को देखा और बोला कि फसल तो लगभग तैयार होने वाली है। मैं कल अपने रिश्तेदारों को बोल देता हूं आकर फसल काट दे और किसान अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।
चिड़िया के बच्चे ये बात सुनकर डर गए कि कल फसल कट जाएगी तो हम कहां रहेंगे । जैसे ही चिड़िया आई बच्चे उसे देख कर रोने लगे और बोले मां कल यह खेत की फसल कट जाएगी, हम कहां रहेंगे । चिड़िया ने कहा यह आपसे किसने कहा तो बच्चे बोले कि किसान अपने बेटे के साथ आया था । उसने कहा फसल तैयार हो गई है, कल अपने रिश्तेदारों को बोलकर फसल कटवा देगा ।
बच्चों की बात सुनकर चिड़िया मुस्कुराने लगी । उसने कहा कल खेत की फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो । कुछ समय बीता तो किसान एक दिन फिर अपने बेटे के साथ आया और बोला रिश्तेदारों ने फसल नहीं काटी । कल मैं दूसरे किसानों को बोलकर अपनी फसल कटवा लूंगा और फिर अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।
चिड़िया के बच्चे फिर डर गए और चिड़िया के आने पर रो कर सारी बात बताने लगे । चिड़िया ने कहा कल फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो । कुछ और दिन बीत गए लेकिन फसल नहीं कटी ।
फिर से किसान अपने बेटे के साथ खेत पर आया और फसल को देखकर बोला दूसरे किसानों ने भी हमारी फसल नहीं काटी । अच्छा कल पड़ोसियों को बोलकर फसल कटवा देता हूं और अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।
बच्चे फिर डर गए और चिड़िया के आने पर सारी बातें बता कर परेशान होने लगे । फिर चिड़िया ने कहा कल फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो । कल भी फसल काटने कोई नहीं आया ।
चिड़िया के बच्चे अब काफी बड़े हो गए थे और थोड़ा उड़ना भी सीख गए थे ।
कुछ दिन बाद किसान फिर अपने बेटे के साथ खेत पर आया और फसलों को देखकर बोला… बेटा सारे खेतों की फसल कट गई, बस हमारे ही खेत की फसल रह गई है । लगता है कोई नहीं आया हमारी फसल काटने । कल हम लोग खुद ही आकर अपनी फसल काटेंगे और वहां से चला गया फसल काटने की तैयारी करने ।
जब चिड़िया आई तो बच्चों ने सारी बात बताई । तब चिड़िया ने कहा बच्चों अब तुम लोगों का उड़ने का समय आ गया है और कल इस खेत की फसल भी कट जाएगी । अब हमें यहां से चले जाना चाहिए ।
बच्चों ने कहा मां तुम्हें कैसे पता कि कल फसल कट जाएगी । तुम तो हमेशा कहती हो कि कल फसल नहीं कटेगी। चिड़िया ने बच्चों की बातों को सुनकर कहा कि वह किसान हमेशा अपना काम किसी और से करने के लिए कहता था । लेकिन इस बार उसने अपना काम स्वयं करने की सोची इसलिए कल यह फसल कट जाएगी ।
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपना काम स्वयं करना (Do Your Own Work) चाहिए ना कि दूसरों के भरोसे रहना चाहिए । फिर चिड़िया और उसके बच्चे वह खेत छोड़ कर उड़ गए। जो लोग अपना काम करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, वे हमेशा खुद को परेशानी में पाते हैं।
दूसरों की मदद लेना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन पूरी तरह से उन पर निर्भर रहना एक अच्छा विकल्प नहीं है। ऐसे में या तो आपका काम नहीं बनेगा या उसमें देरी होगी। किसी से अपना काम करवाना वैसा ही है जैसे किसी से अपना खाना चबवाना। इस तरह सामने वाला ही खाने के स्वाद का लुत्फ उठाएगा, आप नहीं। इसलिए हमेशा अपना काम स्वयं करें (Do Your Own Work) और दूसरों पर निर्भर न रहें।
4. मेरे बिस्तर के नीचे – Under My Bed – Top 10 Moral Stories in Hindi
शिवांक अपने बिस्तर पर जैसे ही सोने के लिए लेटा उसे एक जोर की आवाज सुनाई दी, धम्म! धम्म! शिवांक डर गया और उसने अपनी मां को आवाज लगाई।
मां… एक मॉन्स्टर (Monster) है मेरे बिस्तर के नीचे।
मां – नहीं बेटा कोई मॉन्स्टर नहीं है, आप सोने की कोशिश करिए।
शिवांक ने वापस सोने की कोशिश की लेकिन तभी उसे फिर से एक आवाज सुनाई दी। मां… वो मॉन्स्टर फर्श को अपने पंजों से कुरेद रहा है । मुझे बचाओ मां, ये मॉन्स्टर मुझे खा जाएगा।
मां – ऐसा कुछ नहीं है, क्या आप अपने पैर की उंगलियों को कंबल में रगड़ रहे हो?
शिवांक – हां मां, मुझे डर लग रहा है इसलिए।
मां – ये उसी की आवाज है, ऐसा करना बंद करिए और सोने की कोशिश करिए।
शिवांक ने फिर एक बार सोने की कोशिश की तो उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके चेहरे को कोई स्पर्श कर रहा हो। बड़ी हिम्मत से उसने अपनी आंखें खोली और उसे देखते ही चिल्लाया।
मां… ये तो मेरा प्यारा पप्पी (Puppy) है। शायद यह ही बिस्तर के नीचे था कब से।
मां – मैंने कहा था ना मॉन्सटर नहीं होता है । अब तो आप मान गए ना, चलिए आप अब अपने पप्पी के साथ आराम से सो जाइए। शुभ रात्रि..
शिवांक – शुभ रात्रि मां…
शिवांक और पप्पी आराम से सो गए।
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मॉन्स्टर या राक्षस जैसी कोई चीज नहीं होती है और हमें बच्चों को इनसे डराना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें इसके बारे में जागरूक करना चाहिए और अगर उनके मन में कोई शंका हो तो उस शंका को दूर करना चाहिए।
5. एक अहंकारी नन्हा पौधा – Ek Ahankaaree Nanha Paudha – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक नन्हा सा पौधा एक अंधेरे कोने में रहता था । एक दिन उसने अपने पास किसी के आने की आहट सुनी । उसने पूछा कौन है?
जवाब आया मैं वर्षा कि नन्हीं बूंद हूं, कृपया मुझे अपने पास आने दीजिए ।
नन्हा पौधा – नहीं, बिल्कुल नहीं! नन्हे पौधे ने गुस्से से कहा । और बेचारी वर्षा की नन्ही सी बूंद रोते हुए वहां से चली गई ।
कुछ देर बाद नन्हें पौधे को एक और हल्की सी आहट सुनाई दी ।
नन्हा पौधा – कौन है अब? नन्हें पौधे ने फिर गुस्से में पूछा ।
मैं सूर्य की किरण हूं… नए आगंतुक ने जवाब दिया ।
नन्हा पौधा – मुझे किसी की कोई जरूरत नहीं, तुम लोग मुझे क्यों परेशान कर रहे हो । नन्हे पौधे ने गुस्से में कहा ।
कुछ समय बाद नन्हे पौधे की पत्तियां मुरझाने लगी और उसकी कोमल डालियां सूखने लगी । वह नन्हा पौधा बहुत उदास रहने लगा । फिर एक दिन उसने चिड़ियों के चहचहाने और गाने की आवाज सुनी । उसे सुनकर वो बाहर आया ।
उसने देखा बाहर और सभी पौधों में रंग बिरंगे फूल खिले हैं । फूलों पर रंग बिरंगी तितलियां मँडरा रही हैं और उनकी सुगंध हवा में चारों ओर फैली हुई है । ये बसंत का मौसम था । अब उस नन्हे पौधे को अपनी गलती का एहसास हो गया ।
अगली बार फिर जब उसके पास वर्षा की नन्हीं बूंदे और सूर्य की किरणें आई तो उसने उनका पूरे दिल से स्वागत किया ।
और फिर कुछ दिनों बाद उस नन्हे पौधे में भी सुंदर रंग बिरंगे फूल खिले जिसके लिए उसने वर्षा की नन्हीं बूंद और सूर्य की किरणों को धन्यवाद दिया ।
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें घमंड बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। घमंड करने से सिर्फ हमारा खुद का ही नुकसान होता है जिसे तो शुरू में हम नहीं देख पाते हैं लेकिन बाद में इस बात को लेकर हमें पश्चाताप होता है। इसीलिए घमंडी होने से बचे और हमेशा विनम्र रहें और दूसरों का शुक्रिया अदा करें उनके अच्छे कार्यों के लिए।
6. वो आदमी जिसने चाँद को बचाया – The Man Who saved the Moon – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक समय की बात है, एक आदमी अपने गांव से दूसरे गांव जा रहा था । दोनों गांव के बीच एक बड़ा जंगल पड़ता था । उसे पार करके ही दूसरे गांव में जा सकते थे, इसलिए वह आदमी भी जंगल पार करने लगा ।
जंगल पार करते-करते उसे रात हो गई । वह काफी समय से चल रहा था, इसलिए उसे प्यास लगने लगी । तभी उसे एक कुआं दिखा तो उसने सोचा यहां रुक कर पानी पी ले और थोड़ा आराम भी कर ले ।
उसने पानी भरने के लिए जैसे ही कुएं में झांक कर देखा, उसे कुएं के पानी में चांद का प्रतिबिंब दिखाई दिया । उसने सोचा चांद कुएं में गिर गया है इसे निकालना चाहिए नहीं तो ये मर जाएगा ।
उसने रस्सी में बाल्टी बांधी और कुए से उसे निकालने की कोशिश करने लगा । उसने जब बाल्टी भर के पानी ऊपर खींचा तो बाल्टी के पानी में उसने चांद का प्रतिबिंब देखा ।
उसे लगा चांद बाल्टी में आ गया है तो उसने बाल्टी ऊपर खींच ली और बोला पानी को जमीन पर गिरा देता हूं तो चांद बच जाएगा । और उसने पानी गिरा दिया ।
प्यास तो उसे अभी भी लगी थी इसलिए जैसे ही वो पानी निकालने के लिए वापस कुएं में झांका तो फिर चांद का प्रतिबिंब दिखा।
उसने सोचा की चांद फिर गिर गया और उसने फिर से वैसा ही किया । वो बार-बार वैसा ही करता रहा ।
भूख और प्यास के कारण उसके सर में चक्कर आ गया और वो आदमी वही गिरकर बेहोश हो गया ।
कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने पहले आसमान की तरफ देखा । उसे आसमान में चांद चमकता हुआ दिखाई दिया।
उसने कहा भगवान का शुक्र है मैंने आखिरकार चांद को बचा लिया नहीं तो लोग चांद को देख ही नहीं पाते ।
मैं कितना समझदार हूं, मुझे तो बेकार में लोग मूर्ख कहते हैं…
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धिमान होना महत्वपूर्ण होता है। हमें चाहिए कि हम अपने कामों को ध्यान से करें और अपने बुद्धि का सही उपयोग करें। हमें बुद्धिमान बनने के लिए न केवल अध्ययन करना होता है बल्कि हमें अपने जीवन में नए चुनौतियों का सामना करना भी होता है। इस कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने कामों में धैर्य रखना चाहिए और सही निर्णय लेने की कला सीखनी चाहिए।
7. आलसी कौआ – Lazy Crow – Motivational Story in Hindi, Short Moral Stories in Hindi:
एक पेड़ पर एक गिलहरी और एक कौआ रहते थे । दोनों में अच्छी दोस्ती थी । गिलहरी बहुत ही परिश्रमी थी, वही उसके विपरीत कौआ उतना ही आलसी था ।
एक दिन दोनों पेड़ पर बैठे बातें कर रहे थे । गिलहरी ने कहा कौआ भैया क्यों ना हम भी खेती करके कुछ अनाज इकट्ठा कर ले। क्योंकि खराब मौसम जैसे बहुत सर्दियों के दिनों में या बारिश में खाना खोजने की परेशानी से बचे रहेंगे और अपने घर में रहेंगे, कहीं भटकना नहीं पड़ेगा । कौआ बोला ठीक है, कल से काम शुरू करते हैं । पहले खेतों की जुताई करनी पड़ेगी ।
गिलहरी ने कहा हां कौआ भैया हम लोग सुबह जल्दी उठकर खेत पर अगर पहुंच जाए तो शाम तक खेत की जुताई का काम खत्म हो जाएगा । कौआ बोला ठीक है कल सुबह चलते हैं ।
दूसरे दिन सुबह गिलहरी कौआ को बुलाने आई । बोली कौआ भैया सुबह हो गई है, चलिए खेत की जुताई कर लेते हैं।
कौआ अपने घर में आराम से सो रहा था । उसे सुबह उठकर इतनी मेहनत का काम करने का मन नहीं था । उसने गिलहरी से कहा तू चल मैं आता हूं, चुपड़ी रोटी खाता हूं, ठंडा पानी पीता हूं, हरी डाल पर बैठा हूं ।
गिलहरी अकेले ही खेत पर जाकर जुताई का काम करने लगी । शाम तक जुताई का काम हो गया । लेकिन कौआ शाम तक भी खेत पर नहीं पहुंचा ।
दूसरे दिन फिर गिलहरी कौआ को बुलाने आई । बोली कौआ भैया चलिए खेत की जुताई हो गई है । अब बीज डाल देते हैं। गिलहरी की बात सुन आलसी कौआ बोला तू चल मैं आता हूं, चुपड़ी रोटी खाता हूं, ठंडा पानी पीता हूं, हरी डाल पर बैठा हूं ।
गिलहरी फिर चली गई और अकेले ही खेतों में बीज डालने का काम भी कर लिया ।
कुछ दिनों बाद गिलहरी फिर कौआ को बुलाने उसके घर गई । बोली कौआ भैया अब तो खेतों में बीज भी उग गए हैं, उन्हें पानी देने चलना है । फिर आलसी कौआ बोला… तू चल मैं आता हूं, चुपड़ी रोटी खाता हूं, ठंडा पानी पीता हूं, हरी डाल पर बैठा हूं ।
गिलहरी बिचारी फिर अकेले चली गई खेतों में पानी देने । कौआ इस बार भी खेतों पर नहीं गया काम करने के लिए।
कुछ दिन बीत गए । एक दिन की गिलहरी फिर से कौआ के घर गई । उसने कहा कौआ भैया हमारी फसल तैयार हो गई है, चलिए उसे काट लेते हैं । कौआ यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और फिर से बोला… तू चल मैं आता हूं, चुपड़ी रोटी खाता हूं, ठंडा पानी पीता हूं, हरी डाल पर बैठा हूं ।
गिलहरी फिर से खेतों में फसल काटने चली जाती है और अकेली ही सारी फसल काटती है । कौआ फिर से उसकी मदद करने नहीं पहुंचता है।
दूसरे दिन गिलहरी फिर से आती है और कहती है कौआ भैया मैंने सारी फसल काट दी है । चलिए अपने हिस्से की फसल आप ले लीजिए । कौआ फिर वही बोलता है ।
गिलहरी खेत में जाकर अपने हिस्से की फसल अपने घर ले आती है और उसे ठीक से रख लेती है क्योंकि बारिश का मौसम शुरू होने वाला होता है । और दूसरे दिन कौआ के घर जाकर बता देती है कि कौआ भैया मैंने अपने हिस्से की आधी फसल अपने घर ले गई हूं ।
आपके हिस्से की फसल खेत में रख दी है । बारिश के दिन आने वाले हैं तो आप अपने हिस्से की फसल अपने घर ले आओ नहीं तो बारिश में खराब हो जाएगी । इतना बोल कर गिलहरी चली गई । कौआ रोज सोचता कि कल ले आऊंगा… कल ले आऊंगा… लेकिन उसका कल होता ही नहीं । वो अपने आलस की वजह से फसल लेने नहीं गया।
एक रात बड़े जोर का आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई और कौआ की सारी फसल उस आंधी-तूफान में उड़ गई । बारिश कई दिनों तक लगातार होती रही । अब कौए के पास खाने को कुछ नहीं था और उसका भूख से बड़ा बुरा हाल हो गया ।
वो रोते हुए गिलहरी के पास गया । उसने कहा गिलहरी बहन मुझे माफ कर दो, मैं अपने आलस में जीता रहा और सारी फसल बर्बाद हो गई । मैंने ना तो तुम्हारी मदद की और ना उस फसल को ही घर लाया जो तुमने खेत में मेरे लिए रखी थी ।
मैं कई दिनों से भूखा हूं इसलिए तुम्हारे पास आया हूं मदद मांगने । गिलहरी ने पूरे दिल से कौए का स्वागत किया और उसे खाना भी खिलाया ।
कौआ अपने किए पर बहुत पछता रहा था । उसने गिलहरी से कहा बहन मुझे माफ कर दो, अब से मैं यह आलस करना छोड़ कर तुम्हारी तरह मेहनत करूंगा ताकि खराब समय के लिए कुछ रख सकूं ।
Learning from this motivational story in hindi: तो क्या आपने आलस्य का परिणाम देखा? इसलिए अपना काम समय पर करना बहुत जरूरी होता है। जो लोग अपने काम को कल पर टाले बिना समय पर और नियमित रूप से करते हैं, वे हमेशा सफल होते हैं। जो लोग आलसी होते हैं और अपना काम कल पे टालते रहते हैं वे अक्सर लाइफ में कुछ भी हासिल नहीं कर पाते हैं और एक उदासीनता भरी जिंदगी व्यतीत करते हैं।
8. जादुई सबक । The Magical Lesson – Motivational Story in Hindi, Short Moral Stories in Hindi:
एक छोटे से गाँव में बच्चों का एक समूह रहता था जिन्हें खेलना और मौज-मस्ती करना बहुत पसंद था। वे अक्सर इधर-उधर दौड़ते, बहुत ज्यादा शोर करते थे, और कभी-कभी स्कूल में उनकी कक्षाओं को क्लास को डिस्टर्ब भी करते थे।
एक दिन उनकी शिक्षिका रीता जी ने उन्हें एक जादुई पाठ पढ़ाने (The Magical Lesson) का फैसला किया। उसने बच्चों को अपने पास इकट्ठा होने के लिए कहा, और उसने अपने थैले से एक सुंदर फूल निकाला। उसने उनसे पूछा, “जब आप इस फूल को देखते हैं तो आप क्या देखते हैं?”
बच्चों ने उत्सुकता से उत्तर दिया, “यह एक फूल है, मैम (Maa’m or Madam ji)! यह बहुत सुंदर है!”
रीता जी मुस्कुराई और बोली, “हाँ, यह वास्तव में एक फूल है, और इस फूल की तरह, आप में से हर कोई अपने तरीके से अद्वितीय (unique) और सुंदर है। लेकिन इस फूल की तरह, आपको भी बढ़ने और खिलने के लिए देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ताकि आप अपने आपको निखार सकें।
रीता जी की बातों से बच्चे चकित थे और उनके पाठ को ध्यान से सुनने लगे। उन्होंने आगे बताया कि कैसे उनकी शिक्षा सूरज की रोशनी और पानी की तरह है जिसकी जरूरत फूल को बढ़ने के लिए पड़ती है।
उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपनी शिक्षा का सम्मान करें, कक्षा में ध्यान दें और अपने शिक्षकों के प्रति आभार (respect teacher) व्यक्त करें जो उन्हें सीखने और बढ़ने में मदद करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
बच्चों ने महसूस किया कि उनकी शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और उनके शिक्षक उनकी कितनी परवाह करते हैं। उन्होंने अपने शिक्षकों का सम्मान करने, उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना और उससे व्यार्थ न करने का वादा किया।
उस दिन से वे सभी बच्चे अपनी कक्षाओं में अधिक ध्यान केंद्रित और ठीक से पढाई करने लगे। वे अपने शिक्षकों का सम्मान पहले से ज्यादा करने लगे और उस जादुई पाठ के लिए आभार व्यक्त किया। अब वो उस फूल की तरह बढ़ने लगे जो खुद के सबसे अच्छे संस्करण में खिल सके।
Learning from this motivational story in hindi: कहानी का नैतिक सार या हमें यह सीख मिलती है कि शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उनका सम्मान करना और उनकी सराहना करना महत्वपूर्ण है। वे हमें सीखने और बढ़ने में मदद करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, और हमें उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करना चाहिए।
9. सारस और लोमड़ी की कहानी । Saaras aur Lomdi ki Kahani । Tit for Tat Hindi Story – Motivational Story in Hindi, Short Moral Stories in Hindi:
एक जंगल में एक लोमड़ी और सारस रहते थे । दोनों में मित्रता थी । वह साथ में खेलते, बातें करते और जंगल में घूमते थे । एक दिन दिन सारस ने कहा दोस्त तुम क्या पकाती हो, तुम्हारे घर से बहुत अच्छी खुशबू आती है?
लोमड़ी सारस की बातें सुनकर बहुत खुश हुई । बोली मैंने कल खीर बनाई थी, उसी की खुशबू थी । अगर तुम्हें पसंद है तो आज रात तुम मेरे घर आ जाना । मैं आज फिर बनाऊंगी और दोनों साथ में खा लेंगे ।
सारस सुनकर बहुत खुश हुआ । उसने कहा धन्यवाद मित्र मुझे खाने के लिए बुलाया, मैं जरूर आऊंगा । और फिर सारस और लोमड़ी अपने-अपने घर चले गए ।
लोमड़ी ने अपने घर जाकर बहुत ही स्वादिष्ट खीर बनाई और सारस का इंतजार करने लगी । थोड़ी देर बाद सारस लोमड़ी के घर पहुंचा और बोला मित्र… खुशबू तो बहुत अच्छी आ रही है । लोमड़ी ने कहा चलो फिर फिर खाते हैं ।
सारस बैठकर खाने का इंतजार करने लगा । तभी उसने देखा लोमड़ी ने थाल में खीर परोसी और सारस को खाने के लिए दिया। लोमड़ी ने अपने लिए भी थाल में खीर निकाल ली और खाने लगी ।
लोमड़ी जल्दी-जल्दी खीर खाए जा रही थी और सारस थाल से खीर खा ही नहीं पा रहा था । लोमड़ी ने सारस को देखकर कहा क्या हुआ मित्र… तुम खा क्यों नहीं रहे हो? तुम्हारा पेट भर गया क्या?
ठीक है… कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी भी खीर खा लेती हूं । चालाक लोमड़ी दोनों थालो का खीर खा गई और सारस बेचारा भूखा ही अपने घर लौट आया ।
दूसरे दिन सारस ने लोमड़ी को सबक सिखाने की सोची । उसने बहुत स्वादिष्ट खिचड़ी बनाई जिसकी खुशबू लोमड़ी के घर तक आ रही थी । लोमड़ी को खिचड़ी की खुशबू से भूख लग गई ।
उसने सोचा सारस के घर चल कर खिचड़ी खा लेती हूं । वह तुरंत सारस के घर पहुंच गई और बोली मित्र बहुत स्वादिष्ट खाने की खुशबू आ रही है ।
सारस ने कहा हां… आज मैंने बहुत स्वादिष्ट खिचड़ी बनाई है । आओ तुम भी खा लो । लोमड़ी तुरंत खाने के लिए तैयार हो गई और वह खाने के लिए बैठ गई ।
तब सारस ने 2 लंबी पतली गर्दन वाली सुराही में खिचड़ी भरी और खाने के लिए ले आया । एक लोमड़ी के सामने रख दी और दूसरे से खुद खाने लगा । लोमड़ी का तो सुराही के अंदर मुंह भी नहीं पहुंच रहा था और सारस की चोच लंबे होने के कारण वह आराम से खा रहा था ।
सारस ने लोमड़ी को देखकर कहा क्या हुआ मित्र… तुम खा क्यों नहीं रही हो, तुम्हारा पेट भर गया क्या? ठीक है इसे भी मैं ही खा लेता हूं क्योकी मुझे अभी भी भूख है ।
सारस ने लोमड़ी के सामने रखी सुराही का भी खिचड़ी खा लिया और लोमड़ी अपना सा मुंह लेकर वहां से चली गई।
Learning from this motivational story in hindi: हम जैसा दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ होता है। इसलिए हमें कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए । और ऐसे विचारो और कर्मों से दूर रहना चाहिए । साथ ही साथ यदि कोई हमारे साथ गलत करता है तो ये जरूरी नहीं है हम उसके साथ भी गलत करें । Tit for Tat – जैसे को तैसा मुहावरे और इस कहानी से मिली सीख को हमें अच्छे विचारो में लगाना चाहिए । जैसे अगर हम दूसरों का भला करते हैं, तो वे भी हमारे साथ वैसा ही करेंगे… जैसे को तैसा- Tit for Tat अच्छे काम करने के लिए !
10. लिली का जीवों के प्रति प्रेम और दयालु स्वभाव – Motivational Story in Hindi, Short Moral Stories in Hindi:
एक गांव में लिली नाम की एक लड़की रहती थी। लिली बहुत ही दयालु स्वभाव की लड़की थी, वह जानवरों से बहुत प्रेम करती थी। वह अपना ज्यादा समय जंगल में जानवरो के साथ उनकी देखभाल में बिताया करती थी।
एक दिन, जब वह जंगल में घूम रही थी तभी उसने एक आवाज सुनी। वह उस ओर गई जिधर से आवाज आ रही थी। वहा एक छोटी चिड़िया मिली।
छोटी चिड़िया के पंख टूटे हुए थे, वह जमीन पर गिरी हुई थी और मदद के लिए आवाज लगी रही थी।
लिली को छोटी चिड़िया पर दया आ गई और उसने उसकी देखभाल करने का फैसला किया। उसने चिड़िया के लिए एक छोटा सा घोंसला बनाया और उसकी मरहम पट्टी की और दाने खिलाए। उसने अपना पूरा दिन छोटी चिड़िया के देखभाल में लगा दिया।
एक दिन लिली उस छोटी चिड़िया के साथ खेल रही थी तभी उसने देखा कि छोटी चिड़िया के पंख सुनहरे हो गए हैं। लिली उसे देख कर हैरान थी। उसने उस छोटी चिड़िया को गाँव ले जाकर सबको दिखाने का सोचा।
जैसे ही वह सोने की चिड़िया के साथ गांव में आई, लोग उसे देखने लगे। वे चिड़िया के सुनहरे पंखों को देखकर चकित रह गए और लिली से पूछा कि उसे सोने की चिड़िया कहां मिली। लिली ने बताया कि चिड़िया घायल हो गई थी, उसने इसकी देखभाल की और गांव में ले आई।
गाँव वाले लिली के इस कार्य से प्रभावित हुए और उन्होंने उसके इस कार्य के लिए उसकी प्रशंसा की ,और जानवरों के प्रति उसकी प्रेम को सराहा। लिली खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी।
जैसे-जैसे दिन बीतते गए,वह छोटी चिड़िया बड़ी होने लगी। उसके पंखो में फिर से उड़ने की ताकत आ गई। अब वह सोने की चिड़िया उड़कर अपने घर जंगल में वापस जाना चाहती थी। लिली जानती थी कि चिड़िया को जाने देने का समय आ गया था। उसने चिड़िया को जाने दिया और उसे उड़ते हुए देखती रही।
कुछ दिनों बाद सुनहरी चिड़िया अपनी चोंच में एक छोटी सी थैली लिए लिली के घर आई। लिली ने थैली खोली। थैली के आंदर एक सोने का सिक्का था। लिली को लगा कि उसके जीवों के प्रति प्रेम और दयालु स्वभाव के लिए सोने की चिड़िया ने इनाम दिया है।
लिली उपहार के लिए सुनहरी चिड़िया को धन्यवाद देती है और उस घटना से सीखती है कि जीवन में दया और प्रेम कितना महत्वपूर्ण है, फिर वह किसी के भी प्रति हो। वह जंगल में उसी प्रकार जानवरों की देखभाल करती रही।
Learning from this motivational story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, कि जब हम दूसरे के पति प्रेम, दया, मदद की भावना रखेगे तो लोगो का हमारे प्रति भी समान का भाव होगा,और हम चारों ओर एक सकारात्मक वातावरण बनाते हैं।हमें हमेशा दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए, भले ही हम बदले में कुछ भी उम्मीद न करें।
नोट: यहां साझा की गई प्रेरक या नैतिक कहानी (moral stories in hindi) मेरी मौलिक रचना नहीं है, मैंने इसे पहले भी पढ़ा है और मैं अपने विचारों और सीखों को शामिल करने के बाद बस इसका हिंदी संस्करण प्रदान कर रहा हूं।
Note: This motivational story in hindi or short moral stories in hindi or top 10 moral stories in hindi or Bedtime story for kids or Moral Story shared here is not my original creation, I have read it before and I am just providing the Hindi version of it after including my own thoughts and learnings.
अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।
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