आंचल मौर्य की यह स्वरचित और काल्पनिक कहानी महिला सशक्तिकरण, प्यार और शिक्षा (A Heartwarming Story of Women Empowerment and Love) के महत्व को दर्शाती है। यह कहानी एक दृढ़ निश्चयी युवा लड़की ‘शामली’ की है जो शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन में बदलाव लाने का सपना देखती है। लेकिन पारंपरिक मान्यताओं और अपनी आकांक्षाओं के बीच फंसी शामली को कम उम्र में शादी की चुनौतियों और सामाजिक अपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है।

काश (Kaash) एक एक छोटी कहानी (Short Story in Hindi) है जो महिला सशक्तिकरण (mahila sashaktikaran or nari sashaktikaran) की जरूरत को सही तरीके से  चित्रित करती है और उन महिलाओं के प्रति हमारी अवधारणा (perception) को बदलने के लिए प्रेरित करती है जिन्हे हम गृहिणी या हाउसवाइफ (housewife) कहते है।