इनाम और सजा। Reward and punishment: Tenali Rama Story in Hindi
पौराणिक तेनाली रामा की विशेषता वाली इनाम और सजा (Reward and punishment) की दिलचस्प कहानी का आनंद ले। इस गुणी कहानी के माध्यम से तेनाली रामा की बुद्धि और चतुराई का गवाह बनें जो बच्चों को लालच और उपेक्षा से सावधान रहना सिखाती है। हास्य, ज्ञान और जीवन के महत्वपूर्ण पाठों से भरी इस मनोरम कहानी में खुद को डुबो दें।
इनाम और सजा। Reward and punishment Story: Tenali Rama Stories in Hindi
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तेनालीराम पहली बार जब विजयनगर आए, तो वह राजा से मिलना चाहते थे। लेकिन वो मिल नहीं पा रहे थे, महल के दरबान उनको अंदर नहीं जाने दे रहे थे तब उन्होंने एक युक्ति सोची।
वह महल के द्वार पर गए और पहरेदारों से उन्होंने अंदर जाने के लिए पूछा तो पहरेदारों ने तेनालीराम से कहा कि हम तुम्हारे क्यों अंदर जाने दे इससे हमारा क्या लाभ?
तेनालीराम ने कहा कि मैं जानता हूं कि महाराज बहुत दयालु और अच्छे हैं और मुझसे प्रसन होकर वो जरूर उपहारो की वर्षा कर देंगे, और जो भी महाराज मुझे देंगे उसका आधा में तुमको दे दूंगा।
तेनालीराम ने दरबान को आधा उपहार देने का वादा किया। दरबान उपहार की लालच में आकर तेनालीराम को अंदर जाने देता है।
तेनालीराम ने अगले पहरेदार को भी वही वादा करता है। जब वह राजा कृष्णदेवराय के पास पहुँचा, तो तेनालीराम ने दौड़कर राजा को गले लगा लिया। तेनालीराम की इस हरकत की वजह से राजा को बहुत गुस्सा आ गया और उन्होंने तेनालीराम को 50 कोड़े मारने सजा सुना दी।
तेनालीराम ने राजा से कहा कि उसने पहरेदार को अपने उपहार का आधा हिस्सा देने का वादा किया था, इसलिए उन्हें आधे कोड़े भी मिलने चाहिए।
राजा तेनालीराम की बुद्धि से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे बहुत सारा उपहार दीया और उन्हें अपना सलाहकार बनाया और लालची पहरेदार को कारावास में डाल दिया
इनाम और सजा कहानी से शिक्षा। Moral of Reward and punishment Story: Tenali Rama Stories in Hindi
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि हमें लालच नहीं करना चाहिए लालच परेशानी का कारण भी बन सकती है
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