कागज के पन्ने। Kagaj ke Panne: Swarachit Motivational Poem in Hindi
कागज के पन्ने (Kagaj ke Panne) आँचल बृजेश मौर्य की एक स्वरचित कविता (swarachit kavita in hindi) है जो हमें उस युग में ले जाती है जहां लोगों से जुड़ने के लिए पत्र एक महत्वपूर्ण माध्यम था। जिसका आनंद शायद तकनीक से भरे दशक में नहीं लिया जा सकता है।
यह कविता आपको पत्र पढ़ने और उन्हें यादों के रूप में सजो कर रखने का अनुभव कराती है।
कागज के पन्ने। Kagaj ke Panne: Swarachit Kavita in Hindi:
कि ये कागज के पन्ने है नहीं, ख्वाबों के पन्ने हैं । लिखते हैं कभी, जिस पर सभी जज्बात अपने हैं । लड़ते हैं जब अंतर्द्वंद से,वो साक्ष्य लिखते हैं । किसी से कह नहीं सकते कभी, वो बात लिखते हैं ॥ कि ये कागज के पन्ने है नहीं, ख्वाबों के पन्ने हैं । इन्हीं पन्नों में सिमटे हैं, कभी जज्बात वीरों के । इन्हीं पन्नों ने लूटे हैं, कभी माओं के वीरों को । कि ये कागज के पन्ने है नहीं, ख्वाबों के पन्ने हैं ॥ दिलों को जीतने का फन (Fun) इन्हीं पन्नों को आता है । जिसे ख्वाबों में मिलते थे, उसे पन्नों पे लिखते हैं । सीने से लगाकर हम, कभी पन्नों को सोते थे । कि अब पन्नों की जगह वो, हमें ईमेल लिखते हैं । कहां होते हैं पन्ने अब, जिसे चुपके से रखते थे । उसे जब भी पढ़ोगे तो, दिलों में प्यार भरते थे । कभी पन्नों के रस्तों से, दिलों को जोड़ लेते थे । कि अब मुट्ठी में दुनिया ले के भी हम दूर रहते हैं ॥ कि ये कागज के पन्ने है नहीं, ख्वाबों के पन्ने हैं । लिखते हैं कभी जिस पर, सभी जज्बात अपने हैं । कि ये कागज के पन्ने है नहीं, ख्वाबों के पन्ने हैं…
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Yadon ke bhavar me doob jane wali poem bahut sunder.
Ye poem ko padh kar man yadon ke bhawar me doob jata hai .