गुड़ी पड़वा 2024: जानिए सब कुछ। Gudi Padwa 2024: Know Everything

गुड़ी पड़वा 2024: जानिए सब कुछ। Gudi Padwa 2024: Know Everything
Gudi Padwa 2024 Marathi New Year

इस लेख के माध्यम से Gudi Padwa 2024 का जश्न मनाने के लिए तैयार हो जाइए और चलिए हमारे साथ इस पवित्र अवसर के परंपराओं, रिवाजों और उत्सव के मनाने के तरीके से लेकर उनके महत्व को जानने की यात्रा पर।

इस लेख में हम जानेंगे की Gudi Padwa kab hai, Gudi Padwa Wishes, Gudi Padwa Quotes, गुड़ी पड़वा के विषय में FAQ या अक्सर पूछे जाने वाले सवाल इत्यादि।

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1. गुड़ी पड़वा 2024 का परिचय। Introduction of Gudi Padwa 2024 Festival, Gudi Padwa in Hindi:

वसंत के आगमन के साथ ही, महाराष्ट्र में पारंपरिक नए साल के जश्न गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के लिए उत्साह बढ़ जाता है। यह हिंदू कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है, और पूरे महाराष्ट्र में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। रंग-बिरंगी रंगोली से घरों को सजाया जाता है।

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) एक ऐसा त्योहार है, जो परिवारों और समुदायों को खुशी के उत्सव में एक साथ लाता है। इसे संवत्सर पड़वो भी कहा जाता है। गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) मुख्य रूप से चैत्र महीने की नवरात्रि (Chaita Navratri) तिथि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है।

इस दिन, घरों को स्वस्तिक से सजाया जाता है, जो हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली प्रतीकों में से एक है। महाराष्ट्र में इसे मनाने का कारण मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की युद्ध में विजय से है। ऐसा माना जाता है कि उनके युद्ध में विजयी होने के बाद से ही गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाने लगा।

2. गुड़ी पड़वा 2024 में कब है – Gudi Padwa 2024 Date – Gudi Padwa Kab Hai:

गुड़ी पड़वा का त्योहार (Gudi Padwa Festival)  इस वर्ष 9 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा।

3. गुड़ी पड़वा का इतिहास – History of Gudi Padwa Festival:

गुड़ी पड़वा का उत्सव (Gudi Padwa Festival) प्राचीन काल से चला आ रहा है, और इसकी जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में हैं। किंवदंतियों  के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने इस दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया, जिससे जिसे हिन्दू धर्म में विषेस महत्त्व दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह  त्योहार रबी की फसल के अंत और नए कृषि मौसम की शुरुआत का भी जश्न है।

4. गुड़ी पड़वा का अर्थ -Meaning of Gudi Padwa

गुड़ी पड़वा नाम दो शब्दों को मिलाकार बना है- गुड़ी पड़वा में ‘गुड़ी’ शब्द का अर्थ ‘विजय पताका’ से है और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा तिथि है। यह त्यौहार चैत्र (चैत्र अमावस्या की तिथि) शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि मनाया जाता है, और इस मौके पर विजय के प्रतीक के रूप में गुड़ी सजाई जाती है।

परम्पराओं के अनुसार इस दिन अपने घर को सजाने और गुड़ी फहराने से घर में सुख समृद्धि आती है, और पूरे साल खुशहाली बनी रहती है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। कई जगह इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।

5. गुड़ी पड़वा का त्यौहार क्यों मनाते हैं – Why do we celebrate Gudi Padwa Festival:

गुड़ी पड़वा नई शुरुआत का त्योहार है, और यह महाराष्ट्रीयन लोगों के लिये विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। गुड़ी को फहराना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। और माना जाता है, कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।

 गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है, इसके कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक यह है, कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कई लोगों की मान्यता है, कि इसी दिन भगवान श्री राम ने वानरराज बाली के अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई। बाली के त्रास से मुक्त हुई प्रजा ने घर-घर में उत्सव मनाकर ध्वज फहराए। आज भी घर के आंगन में ग़ुड़ी खड़ी करने की प्रथा महाराष्ट्र में प्रचलित है। इसीलिए इस दिन को गुड़ीपडवा नाम दिया गया।

लोग अपने घरों के बाहर एक गुड़ी (कपड़ा और एक चांदी या तांबे के बर्तन के साथ एक बांस के डंडे में बांध कर गुड़ी बनाया जाता है } फहराकर इस जीत का जश्न मनाते हैं। गुड़ी जीत का प्रतीक है और माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और साकारात्मक  ऊर्जा लाती है।

इसके अलावा, गुड़ी पड़वा का सांस्कृतिक महत्व है क्योंकि यह महाराष्ट्रीयन कला, संस्कृति और व्यंजनों का जश्न मनाने का एक अवसर है। इस दिन लोग पूरन पोली, श्रीखंड और आमटी जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाने के  लिए एक साथ आते हैं और अपने परिवार और मित्रो के साथ नए वर्ष {हिन्दू नववर्ष} की खुशियाँ मनाते हैं

6. गुड़ी पड़वा शुरुआत कब और कैसे हुई – How Gudi Padwa Festival started:

गुड़ी पड़वा का त्योहार सदियों से महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में मनाया जाता रहा है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, और चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है।

 गुड़ी पड़वा का आरंभ सातवाहनों के शासनकाल से लगाया जा सकता है, जो महाराष्ट्र पर शासन करने वाले सबसे शुरुआती राजवंशों में से एक थे। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, उत्सव की शुरुआत सातवाहन राजा शालिवाहन ने शकों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में की थी।

शालिवाहन के साथ एक अन्य प्राचीन कथा भी जुड़ी हुई है कि उसने मिट्टी की सेना बनाकर उनमें प्राण फूंक दिए और शत्रुओं को परास्त कर दिया। इसी दिन से शालिवाहन शक की शुरुआत भी मानी जाती है। शक कैलेंडर जिसका आज भारत सरकार द्वारा पालन किया जाता है, 1957 में अपनाया गया था।

7. गुड़ी पड़वा किस तरह किस तरह बनाया जाता है – How do we celebrate Gudi Padwa Festival

गुड़ी पड़वा का त्योहार (Gudi Padwa Festival)  महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में बड़े उत्साह  के साथ मनाया जाता है। त्योहार में  सबसे महत्वपूर्ण  पूजा ,रीति रिवाज और परंपरा है, जो इस दिन की जाती है।

 7.1 गुड़ी:

पूजा की शुरुआत गुड़ी को फहराने से होती है, एक बांस का डंडा जिसके ऊपर एक कपड़ा और एक चांदी या तांबे का बर्तन बांध होता है। गुड़ी को घर के बाहर, बालकनी या खिड़की पर फहराया जाता है, और यह जीत और सौभाग्य का प्रतीक है।

7.2 रंगोली:

लोग अपने घरों को फूलों और अन्य सामग्रियों से बनी रंगीन रंगोली से सजाते हैं। माना जाता है कि रंगोली घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य लाती है।

7.3 प्रसाद:

पूजा में लोग भगवान को नारियल, गुड़ और नीम के पत्ते जैसी विभिन्न वस्तुएं चढ़ाते हैं। इन प्रसादों को शुभ माना जाता है, कि यह समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को लाता है।

7.4 प्रार्थनाएं:

लोग भगवान ब्रह्मा की पूजा करते हैं और एक सुखी और समृद्ध नए साल के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

7.5 मीठे व्यंजन:

भगवान को प्रसाद के रूप में लोग पारंपरिक महाराष्ट्रीयन मीठे व्यंजन जैसे पूरन पोली, श्रीखंड और मोदक तैयार करते हैं। फिर इन व्यंजन को परिवार और दोस्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

7.6 लोक नृत्य:

गुड़ी पड़वा पर लोक नृत्य का भी प्रचलन है। लोग इस दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ नृत्य और संगीत का भी आनंद लेते हैं। वैसे तो महाराष्ट्र में कई लोक नृत्य प्रचलित है, जैसे कोली नृत्य, लावणी नृत्य, पोवाड़ा नृत्य इत्यादी।

8. गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं, उद्धरण – Gudi Padwa Wishes in Hindi – Gudi Padwa Quotes

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि गुड़ी पड़वा का त्योहार परिवारों और समुदायों में खुशी का उत्सव लाता है, तो इस उत्सव को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शुभकामनाएं और कोट्स (Gudi Padwa Wishes in Hindi – Gudi Padwa Quotes) भेजकर मनाएं।

मां ने स्वादिष्ट पकवान बनाये,
 खेतों में फसलें पक आयी,
 बहनों ने सुन्दर रंगोली बनाई 
गुड़ी पड़वा की खुशियां छाई।
HAPPY GUDI PADWA.
गुड़ी पड़वा का दिन जो आये,
 खुशियों की सौगात भी लाये।
 सदा सुखी हो जीवन अपना,
 नए साल की हार्दिक शुभकामना।
HAPPY GUDI PADWA.
पिछली यादे गठरी में बांधकर,
करे नये वर्ष का इंतज़ार।
लाये खुशियों की बरात,
ऐसी हो गुड़ी पड़वा का त्योहार।
गुड़ी पड़वा की हार्दिक बधाई।
HAPPY GUDI PADWA.
मधुर संगीत का साज खिले,
हर एक पल खुशियां ही खुशियां मिले,
दिया बाती से सजाओ गुड़ी का यह पर्व,
ऐसे ही रोशन रहे नव वर्ष,
हैप्पी गुड़ी पड़वा।
HAPPY GUDI PADWA.
आई हैं बहारे, नाचे हम और तुम,
पास आये खुशियां और दूर जाए ग़म,
प्रकृति की लीला हैं छाई,
सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई।
HAPPY GUDI PADWA.

 गुड़ी पड़वा एक ऐसा त्योहार है, जो सदियों से महाराष्ट्र में मनाया जाता रहा है। इसका ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व तो है ही साथ ही कृषि के लिए भी इसका विशेष महत्व है। यह नई शुरुआत और  जीत की भावना का उत्सव है।

यह महाराष्ट्रीयन संस्कृति और परंपरा का उत्सव है, लोगों को प्रेम और सौहार्द का भी संदेश देता है। गुड़ी पड़वा भारत के उत्सव की एक अनुपम छवि है। महाराष्ट्र का नृत्य लावणी और कोली नृत्य तो सदा ही मंत्र मुग्ध कर देने वाले होते हैं।

गुड़ी पड़वा पर सभी देश वासियो को हार्दिक बधाई, तो आई इस वर्ष हम भी लावणी का आनंद उठाये!


Disclaimer: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है । यहां यह बताना जरूरी है कि chaikepal.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

FAQ on Gudi Padwa 2024 – Gudi Padwa Festival

Q: गुड़ी पड़वा 2024 में कब है – Gudi Padwa 2024 Date – Gudi Padwa Kab Hai?

Ans: 09 अप्रैल 2024

Q: गुड़ी पड़वा का अर्थ -What is the meaning of Gudi Padwa

Ans: गुड़ी पड़वा नाम दो शब्दों को मिलाकार बना है- गुड़ी पड़वा में ‘गुड़ी’ शब्द का अर्थ ‘विजय पताका’ से है और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा तिथि है।

Q: गुड़ी पड़वा पर किसकी पूजा की जाती है?

Ans: भगवान ब्रह्मा की। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने इस दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया, जिससे जिसे हिन्दू धर्म में विषेस महत्त्व दिया जाता है।

Q: गुड़ी पड़वा किस राज्य में प्रसिद्ध है?

Ans: महाराष्ट्र

Q: महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा किसने शुरू किया था?

Ans: ऐसा माना जाता है कि महाराष्ट्र में इसे मनाने का कारण मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की युद्ध में विजय से है। उनके युद्ध में विजयी होने के बाद से ही गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाने लगा।

गुड़ी पड़वा का आरंभ सातवाहनों के शासनकाल से लगाया जा सकता है, जो महाराष्ट्र पर शासन करने वाले सबसे शुरुआती राजवंशों में से एक थे। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, उत्सव की शुरुआत सातवाहन राजा शालिवाहन ने शकों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में की थी।


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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