अकबर बीरबल की कहानियां । Best Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral

अकबर बीरबल की कहानियां । Best Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral
A picture indicating Akbar and Birbal in a discussion

Akbar Birbal Story in Hindi with Moral लोककथाओं और उपाख्यानों का एक संग्रह है जो भारत में पीढ़ियों से चली आ रही हैं। ये कहानियाँ बादशाह अकबर और उनके भरोसेमंद सलाहकार बीरबल के बीच मजाकिया और विनोदी आदान-प्रदान के इर्द-गिर्द घूमती हैं।

बीरबल (Birbal or Beerbal) अपनी बुद्धिमत्ता, बुद्धि और समस्या को सुलझाने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। उनकी त्वरित सोच और जटिल मुद्दों को आसानी से हल करने की क्षमता के लिए अकबर द्वारा उनकी प्रशंसा की गई थी। इनमें से कई कहानियाँ बीरबल की चतुराई और साधन संपन्नता को प्रदर्शित करती हैं, जिसने उन्हें अपने विरोधियों को मात देने में मदद की।

कहानियां न केवल मनोरंजक हैं बल्कि मूल्यवान सबक और नैतिकता भी लेती हैं जिन्हें हमारे दैनिक जीवन में लागू किया जा सकता है। ये नैतिकताएं अक्सर ज्ञान, साहस, न्याय और विनम्रता के विषयों के आसपास केंद्रित होती हैं।

Akbar Birbal Short Stories in Hindi or Akbar aur Birbal ki Kahani प्रेरणा का एक स्रोत हैं और त्वरित सोच, समस्या-समाधान और नेतृत्व की शक्ति में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।

सर्वश्रेष्ठ और प्रसिद्ध अकबर बीरबल कहानियों का संग्रह – Best and Famous Collections of Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral

1. भरोसा एक मूल्यवान चीज है: Akbar Birbal Story in Hindi, Akbar aur Birbal ki Kahani:

अकबर एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा थे। अकबर अपने न्याय और अपने लोगों के प्रति किसी भी तरह से मदद करने के लिए जाने जाते थे।

उनके दरबार में बीरबल नाम के एक सलाहकार भी थे जो अपनी बुद्धिमता के लिए जाने जाते थे। बीरबल हमेशा महाराज अकबर की सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं फिर परिस्थति कैसी भी हो।

एक दिन, महाराज अकबर ने बीरबल की चतुराई की परीक्षा लेने का फैसला किया। उन्होंने बीरबल को अपने महल में बुलाया और उनसे दुनिया की सबसे कीमती चीज लाने को कहा। बीरबल ने कुछ देर सोचा और फिर कहा, “महाराज, दुनिया की सबसे कीमती चीज विश्वास है।”

बादशाह अकबर बीरबल के जवाब से प्रभावित तो हुए लेकिन इस बात को प्रमाणित करने के लिए कहा। उन्होंने बीरबल से भरोसे का मूल्य साबित करने को कहा।

बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, मुझे इस बात को प्रमाणित करने के लिए एक छोटा सा प्रयोग करने के लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता होगी।”

अकबर सहमत हो गए, बीरबल ने महाराज अकबर को सोने के सिक्कों से भरा का एक थैला देने के लिए कहा। अकबर ने बीरबल को सोने के सिक्कों से भरा एक थैला दे दिया।

सिक्कों से भरा थेला लेकर बीरबल बाजार गए और उन्होंने ने एक बकरी खरीदी । बीरबल ने उस बकरी बेचने वाले को सोने के सिक्कों की थैली देकर भुगतान किया और बकरी को लेकर चले गए।

अगले दिन बीरबल वापस फिर बाजार गए। बाजार में फिर उसी बकरी वाले के पास गए और बीरबल ने उस बकरी बेचने वाले से कहा कि उसका मन बदल गया है, और वह बकरी वापस करना चाहते हैं।

उस बकरी बेचने वाले ने बकरी वापस लेने और सोने के सिक्के वापस करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उसने बकरी बेच दी है, और उसे वापस नहीं ले सकता।

बीरबल तब महाराज अकबर के पास गए और उन्हें बताया कि क्या हुआ था। महाराज अकबर ने क्रोधित होकर बकरी विक्रेता को सोने के सिक्के वापस करने का आदेश दिया। बकरी विक्रेता ने मना कर दिया, यह दावा करते हुए कि वह पहले ही पैसे खर्च कर चुका है।

तब महाराज अकबर ने बीरबल से पूछा कि उन्होंने इस समस्या का हल निकालने के लिए क्या उपाय सोचा है। बीरबल ने कहा, “महाराज, मुझे भरोसा है, कि बकरी बेचने वाला अंततः सोने के सिक्के वापस कर देगा। मैं उसे सोचने और पैसे मुझे वापस करने के लिए कुछ समय दूंगा।”

बीरबल के जवाब से अकबर थोडा सोच में पड़ गए , लेकिन वह इंतजार करने को तैयार हो गए। कुछ दिन बाद बकरी बेचने वाले ने, यह स्वीकार कर लिया की उसने गलती की है और उसे बकरी वापस लेनी चाहिए थी,और बीरबल को सिक्के लौटा दिए।

अकबर, बीरबल की चतुराई और बकरी बेचने वाले पर उसके भरोसे से खुश हुए। उन्होंने बीरबल को उनकी वफादारी और ज्ञान के लिए पुरस्कृत किया।

Moral from this akbar birbal story in hindi: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भरोसा एक मूल्यवान चीज है। इसे बनाने में समय लगता है। हमें दूसरों पर भरोसा करना चाहिए और उन्हें खुद को साबित करने का एक मौका जरूर देना चाहिए। ऐसा करके हम मजबूत संबंध बना सकते हैं।



2. लालच दुर्भाग्य का कारण बन सकता है – Akbar and Birbal Story in Hindi

एक बार की बात है अकबर के राज्य में एक व्यापारी था, जो बहुत लालची था। अपने लालच के लिए वह सारे राज्य में जाना जाता था। वह अपने समान के लिए ऊँची कीमत वसूल करता था और हमेशा ग्राहकों को ठगने की कोशिश करता था।

अकबर व्यापारी के लालच के बारे में जानते थे और उन्होंने उसे व्यापारी को सबक सिखाने का फैसला किया। उन्होंने बीरबल को अपने महल में बुलाया और उसे व्यापारी को सबक सिखाने के लिए एक कहा।

बीरबल ने कुछ देर सोचा और फिर कहा, महाराज मेरे पास एक तरकीब है। मैं व्यापारी के पास जाऊंगा और व्यापारी से एक कीमती पत्थर खरीदूंगा। मैं उसे इसके लिए एक बड़ी कीमत दूंगा, लेकिन मैं उसे यह भी विश्वास दिलाऊंगा कि पत्थर शापित है।

बादशाह अकबर, बीरबल की बात मान गए और उन्हें इस काम की अनुमति दे दी। बीरबल व्यापारी की दुकान पर गए और उससे सबसे कीमती रत्न दिखाने को कहा। व्यापारी ने बीरबल को एक सुंदर रत्न दिखाया, जो वास्तव में बहुत कीमती था।

बीरबल ने व्यापारी से पूछा कि वह पत्थर के लिए कितना मूल्य चाहता है, व्यापारी ने बहुत अधिक कीमत बताई। बीरबल कीमत चुकाने के लिए तैयार हो गए, लेकिन बीरबल ने उस व्यापारी को चेतावनी भी दी कि पत्थर को श्राप दिया गया है। उन्होंने व्यापारी से कहा कि जिसके पास यह पत्थर होगा उसे दुर्भाग्य का सामना करना पड़ेगा।

व्यापारी ने अच्छे कीमत की लालच में बीरबल को पत्थर बेच दिया, और अभिशाप के बारे में नहीं सोचा। बीरबल ने उसे कीमत चुकाई और पत्थर लेकर चले गए। कुछ दिनों बाद, बीरबल व्यापारी की दुकान पर वापस गए और व्यापारी से कहा कि जब से उन्होंने पत्थर खरीदा है तब से उनका दुर्भाग्य शुरू हो गया है।

व्यापारी को अब श्राप की बात सच लगने लगी और वह डर गया ,उसने बीरबल से पत्थर वापस खरीदने की बात की। बीरबल उसे पत्थर वापस बेचने के लिए तैयार हो गए, लेकिन बीरबल ने उससे दोगुनी कीमत मांगी जो उन्होंने पत्थर खरीदते समय उस व्यापारी को दिया था।

लालची व्यापारी शापित पत्थर से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता था, इसलिए वह कीमत चुकाने को तैयार हो गया। बीरबल ने उसे पत्थर दिया, और पैसे लेकर चले गए। अकबर, बीरबल की चतुराई और लालची व्यापारी को सबक सिखाने की उनकी युक्ति से प्रसन्न हुए।

Moral from this akbar birbal story in hindi: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच दुर्भाग्य का कारण बन सकता है। जब हम लालच करते हैं तब हम अपने द्वारा किए कार्यों का क्या परिणाम होगा उसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं, और अंत में हमें कष्ट उठाना पड़ता है। हमें दूसरों के साथ हमेशा ईमानदार रहना चाहिए, और लालच से बचना चाहिए। तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं।


3. ईमानदारी का महत्व – Akbar and Birbal Story in Hindi, Akbar Birbal Story in Hindi:

एक बार की बात है, अकबर ने बीरबल के लिए एक अनोखी चुनौती रखी। अकबर को उपहार के रूप में पड़ोसी राज्य से एक कीमती हार मिला था। उन्हें संदेह था कि हार असली नहीं इसके बजाय नकली है।

बादशाह अकबर ने बीरबल को अपने दरबार में बुलाया और हार उन्हें सौंप दिया। अकबर ने बीरबल से यह पता लगाने को कहा कि हार असली है या नकली। बीरबल ने हार को देखा और कहा, “महाराज, मैं केवल इसे देखकर नहीं बता सकता कि हार असली है या नहीं। बल्कि आपकी आज्ञा हो तो मैं अपनी बुद्धि का उपयोग करके सच्चाई का पता लगा सकता हूं।”

बादशाह अकबर बीरबल के जवाब से प्रभावित हुए और उन्हें अनुमति दे दी। बीरबल हार लेकर बाजार चले गए। उन्होंने एक जौहरी को हार दिखाया और उसका मूल्य बताने के लिए कहा। जौहरी ने हार की जांच की और कहा, यह हार असली है। बीरबल ने जौहरी को धन्यवाद दिया और चला गया।

कुछ दिनों बाद, बीरबल वापस बाजार गए और दूसरे जौहरी से हार की जांच करवाई। उस जौहरी ने भी हार की जांच की और कहा, कि यह हार नकली है। इसकी कोई कीमत नहीं है।

जौहरी के जवाब से बीरबल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ। वह जानते थे कि पहला जौहरी बेईमान था और उसने उनसे झूठ बोला था। बीरबल,अकबर के पास गए और उन्हें सारी सच्चाई बताई। अकबर ,बीरबल की बुद्धिमत्ता और सच्चाई को उजागर करने की उनकी क्षमता से प्रभावित हुए।

बादशाह अकबर ने दोनों जौहरियों को अपने दरबार में बुलाया और उनसे उनके द्वारा किए गए हार के परस्पर विरोधी मूल्यांकनों की व्याख्या करने को कहा। पहले जौहरी ने मान लिया कि उसने बीरबल से झूठ बोला था क्योंकि उसे लगा था कि उसे हार की अच्छी कीमत मिल सकती है।

पहले जौहरी की बेईमानी और झूठ से अकबर बहुत क्रोधित हुए और उसे दंडित करने का आदेश दिया। दूसरे जौहरी, जिसने सच कहा था, उसकी ईमानदारी से प्रसन्न होकर इनाम दिया ।

Moral from this akbar birbal story in hindi: इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि ईमानदारी हमेशा अच्छी होती है। बेईमानी से लाभ हो सकता है, लेकिन बेईमानी से मिला लाभ अपमान और दंड की ओर ले जाएगा। हमें दूसरों के साथ हमेशा ईमानदार रहना चाहिए, भले ही इसका वर्तमान में इसका लाभ ना हो। ईमानदारी एक गुण है, जिसे हमारे जीवन में विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।



4. ईमानदारी और सच्चाई महत्वपूर्ण गुण हैं – Akbar and Birbal Story in Hindi, Akbar Birbal Story in Hindi:

एक बार की बात है बादशाह अकबर के राज्य में एक व्यक्ति था उसने उड़ने वाला घोड़ा होने का दावा किया। उस व्यक्ति को अपने दावों पर बहुत भरोसा था, और घोड़े को उड़ते हुए दिखाने के लिए उसने कई लोगों से बड़ी रकम लिया।

बादशाह अकबर ने जब इस आदमी के बारे में सुना तो सच का पता लगाने का फैसला किया।

अकबर ने बीरबल को अपने महल में बुलाया और उनसे यह पता लगाने को कहा कि क्या घोड़ा सच में उड़ सकता है। बीरबल मान गए और उस व्यक्ति से मिलने के लिए चले गए जिसने उड़ने वाले घोड़े के होने का दावा किया था। बीरबल ने उस आदमी से घोड़ा दिखाने के लिए कहा, और वह आदमी उन्हें घोड़ा दिखाने के लिए मान गया।

वह आदमी बीरबल को एक अस्तबल में ले गया जहाँ घोड़ा रखा हुआ था। बीरबल ने देखा कि घोड़ा एक सामान्य घोड़ा था और वह घोड़ा उड़ नहीं सकता था। बीरबल ने उस आदमी से पूछा कि यह कैसे दावा कर सकता है, कि घोड़ा उड़ सकता है जबकि वह एक साधारण घोड़ा है।

उस आदमी ने जवाब दिया, “बीरबल जी घोड़ा उड़ सकता है, लेकिन अगर केवल आपको विश्वास है कि यह उड़ सकता है, तो।” बीरबल उस आदमी का जवाब सुनकर मुस्कुराने लगे और उसे सबक सिखाने का फैसला किया।

बीरबल ने उस आदमी से कहा वह घोड़े को उड़ते हुए देखना चाहते हैं। वह आदमी घोड़े पर चढ़ा और घोड़े से उड़ने का आग्रह किया। लेकिन घोड़ा नहीं उड़ा और आदमी जमीन पर गिर गया। बीरबल फिर उस आदमी से कोशिश करने के लिए कहते हैं लेकिन इस बार उसने बीरबल से कहा कि वह विश्वास करेंगे तभी घोड़ा उड़ सकता है इसलिए वह उसे एक ऊंचे टॉवर से देखें।

वह आदमी बीरबल को एक मीनार पर ले गया। वह फिर से घोड़े पर चढ़ा और उसे उड़ने के लिए कहा। इस बार वह और भी अधिक ऊंचाई से गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।

बीरबल ने उस आदमी की मदद की और उससे कहा, झूठे दावे करके लोगों को धोखा देना गलत है। व्यक्ति को ईमानदार और सच्चा होना चाहिए । यदि आप ईमानदार होते, तो लोग आपका सम्मान करते, और आप इस तरह से घायल नहीं होते।

बादशाह अकबर, बीरबल की चतुराई और आदमी को एक मूल्यवान सबक सिखाने की उसकी कला से प्रसन्न हुए। उस आदमी ने सीखा कि ईमानदारी सबसे अच्छा गुण है और झूठे दावे करने के परिणाम हानिकारक हो सकते हैं।

Moral from this akbar birbal story in hindi: इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि ईमानदारी और सच्चाई महत्वपूर्ण गुण हैं। झूठे दावे करने से हमें और दूसरों को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। हमें अपने कार्यों में हमेशा सच का साथ देना चाहिए और झूठे दावे नहीं करने चाहिए, जिन्हें हम सिद्ध नहीं कर सकते। ईमानदारी और सच्चाई सफल जीवन की नींव है।


5. कर्म शब्दों से अधिक महत्व रखते हैं – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral, Akbar Birbal Story in Hindi:

एक बार बादशाह अकबर के दो पड़ोसी राज्य आपस में एक जमीन के टुकड़े के लिए लड़ रहे थे। दोनों राजाओं ने दावा किया कि जमीन उनकी है, और वे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते। बादशाह अकबर ने बीरबल से इस विषय पर उनकी राय पूछी।

बीरबल ने कहा महाराज मुझे थोड़ा समय दे। बीरबल विवादित भूमि पर गए और भूमि की जांच की। फिर दरबार में वापस आकर कहा, “महाराज, मैंने इस विवाद का हल ढूंढ लिया है। भूमि उसी की है जो इसका बेहतर उपयोग कर सकता है।”

बादशाह अकबर बीरबल के इस सुझाव से चकित हुए और उन्हें ठीक से अपनी बात समझाने के लिए कहा। बीरबल ने कहा, “महाराज, मेरा प्रस्ताव है कि हम प्रत्येक राज्य को एक वर्ष का समय दें ताकि वह भूमि का उपयोग अपने हिसाब से करें। वर्ष के अंत में, हम इसका मूल्यांकन करेंगे कि किसने इसका बेहतर उपयोग किया है। भूमि का बेहतर उपयोग करने वाले को ही असली मालिक घोषित किया जाए।”

बादशाह अकबर को बीरबल का यह सुझाव पसंद आया और वे इसके लिए तैयार हो गए। उन्होंने पड़ोसी राजा को भी इस बात की जानकारी दी और वह भी मान गए।

पहले राजा ने जमीन पर फसल बोने का फैसला किया और कई मजदूरों को काम पर रखा। उन्होंने उर्वरकों और सिंचाई पर बहुत पैसा खर्च किया कि उनकी फसल अच्छी हो। हालाँकि, फसलें उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ीं, और उन्होंने इस कार्य के लिए बहुत अधिक कर्ज लिया।

दूसरे राजा ने भूमि का उपयोग अपने मवेशियों को चराने के लिए किया। उन्होंने वहां उस भूमि पर जानवरों के लिए बाड़ और उनके रहने का स्थान बनाया। उन्होंने भूमि को उर्वरित करने के लिए मवेशियों से प्राप्त खाद का उपयोग किया। वर्ष के अंत में, उसके पास मवेशियों का एक स्वस्थ झुंड था, और भूमि हरे घास से भरी हुई थी।

वर्ष के अंत में बादशाह अकबर और बीरबल भूमि का दौरा करने के लिए गए। उन्होंने देखा कि दूसरे राजा ने पहले राजा की तुलना में भूमि का बेहतर उपयोग किया है। बादशाह अकबर ने दूसरे राजा को भूमि का मालिक घोषित कर दिया।

Moral from this akbar birbal story in hindi: Akbar aur birbal ki kahani से हमें क्या सीख मिलती है कि हमारे कर्म शब्दों से अधिक महत्व रखते हैं । किसी चीज़ के स्वामित्व का दावा करना पर्याप्त नहीं है; हमें इसका उचित उपयोग करने में भी सक्षम होना चाहिए। हमें हमेशा अपने संसाधनों का उचित सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे पास जो भी संसाधन है उसका सदुपयोग करना न केवल हमारे लिए लाभकारी हो सकता है बल्कि इससे पूरे समाज को प्राप्त हो सकता है।


6. हर गुण महत्वपूर्ण है – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral, Akbar aur birbal ki kahani

एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने दरबारियों के साथ विभिन्न गुणों पर चर्चा कर रहे थे जो एक व्यक्ति के पास हो सकते हैं। कुछ दरबारियों ने तर्क दिया कि बहादुरी सबसे महत्वपूर्ण गुण है, जबकि अन्य दरबारियों का मानना था कि बुद्धिमत्ता सबसे महत्वपूर्ण है। बीरबल की राय जानने के लिए बादशाह अकबर उत्सुक थे।

बीरबल ने कहा, “महाराज, कोई एक गुण दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण नहीं रह सकता है। प्रत्येक गुण का अपना महत्व है, और प्रत्येक व्यक्ति के पास अलग-अलग गुण होते हैं। जीवन को सफल बनाने के लिए कब किस गुण का उपयोग करना है यह जानना महत्वपूर्ण है।

बादशाह अकबर बीरबल की बुद्धिमत्ता से बहुत प्रभावित हुए और अकबर ने इसका परीक्षण करने का फैसला किया। उन्होंने बीरबल से एक ऐसा कार्य करके अपनी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जिसमें विभिन्न गुणों की आवश्यकता होती है। उन्होंने बीरबल से कहा कि वह उसे अगले दिन एक काम देंगे।

अगले दिन, अकबर ने बीरबल को सोने के सिक्कों से भरा एक बक्सा दिया और उसे गरीबों में बांटने के लिए कहा। बीरबल जानते थे कि इस कार्य के लिए न केवल बुद्धिमत्ता बल्कि दया और करुणा की भी आवश्यकता है।

सिक्कों से भरा बक्सा लेकर बीरबल बाजार गए वहां उन्हें गरीबों का एक समूह मिला। उन्होंने उनसे बात की और उनकी जरूरतों के बारे में जाना। फिर बीरबल ने सोने के सिक्कों को इस तरह से वितरित किया कि प्रत्येक व्यक्ति को वह प्राप्त हो जिसकी उन्हें अधिक आवश्यकता है, जैसे भोजन, दवा, वस्त्र, इत्यादि।

उन सिक्कों को बांटने के बाद बीरबल की नजर एक गरीब आदमी पर पड़ी जिसे कोई सिक्का नहीं मिला था। उस आदमी से बीरबल ने पूछा कि उसने मदद क्यों नहीं मांगी। उस आदमी ने जवाब दिया, “मैं ऐसी कोई भी चीज़ नहीं लेना चाहता था जो मेरी नहीं है।”

बीरबल उस आदमी की ईमानदारी से प्रभावित हुए और उसे कुछ सिक्के भी दिए। बीरबल महल में वापस गए और अकबर को सब विस्तार पूर्वक बताया । बादशाह अकबर, बीरबल के कार्य से खुश हुए और उनसे पूछा कि उन्होंने इतनी समझदारी से सिक्कों को कैसे वितरित किया।

बीरबल ने जवाब दिया, “महाराज, मैंने लोगों की ज़रूरतों को समझने के लिए अपनी बुद्धि का प्रयोग किया, दया दिखाने के लिए अपनी दयालुता, और यह सुनिश्चित करने के लिए मेरी ईमानदारी कि मैंने किसी को ऐसा कुछ नहीं दिया जो इसके लायक नहीं था।”

बादशाह अकबर बीरबल के जवाब से प्रभावित हुए और उन्होंने बीरबल की प्रशंसा की। अकबर ने महसूस किया कि बीरबल सही थे – हर गुण का अपना स्थान होता है, और वही सफल होता है जो यह जान ले कि कब किसका उपयोग करना है।

Moral from this akbar birbal story in hindi: Akbar aur birbal ki kahani से हमें क्या सीख मिलती है कि हर गुण महत्वपूर्ण है, और वही व्यक्ति सफल हो सकता हैजो यह जान ले कि कब किसका उपयोग कब करना है। हमें सभी गुणों को विकसित करने और उनका बुद्धिमानी से उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। दया, बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और करुणा सभी महत्वपूर्ण गुण हैं।


7. देखने वाले की आंखों में होती है – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral, Akbar aur birbal ki kahani:

बादशाह अकबर और उनके दरबारी महल के बगीचे में बैठे फूलों की सुंदरता को देख रहे थे। बगीचे में बहुत सारे सुंदर फूल खिले हुए थे तभी अकबर ने अपने दरबारियों से पूछा की बगीचे में सबसे सुंदर फूल कौन सा है?

कुछ दरबारियों ने कहां कि गुलाब का फूल सबसे सुंदर है तो कुछ दरबारियों ने कहा कमल का फूल सबसे सुंदर है। लेकिन बीरबल ने कहा, “महाराज, बगीचे का हर फूल अपनी-अपनी जगह सुंदर है। एक फूल की सुंदरता का दूसरे फूल से तुलना कर, यह चुनाव करना कि कौन सा फूल सबसे सुंदर है असंभव है।

बादशाह अकबर बीरबल के जवाब से चकित थे और उन्होंने अपने आदत के अनुसार इस बात का परीक्षण करने का फैसला किया। उन्होंने बीरबल से एक ऐसा फूल लाने को कहा जो सुंदर नहीं था।

अगले दिन बीरबल बगीचे में गए और सभी फूलों को देखा। उन्होंने एक साधारण गुलबहार उठाया और बादशाह के पास ले गए। बादशाह अकबर ने उस फूल को देखा और कहा, “यह एक सुंदर फूल नहीं है। यह सादा और साधारण सा दिखने वाला फूल है।”

बीरबल ने जवाब दिया, “महाराज, सुंदरता केवल फूल होने से नहीं है। यह फूल की सादगी और इसे देखने वालों को खुशी देने की क्षमता पर निर्भर करता है। गुलबहार, गुलाब या कमल की तरह तो नहीं दिखाई दे सकती । लेकिन इसकी अपनी एक अलग पहचान है।”

बादशाह अकबर को एहसास हुआ कि बीरबल सही है। हर फूल, चाहे वह कितना ही साधारण क्यों न हो, उसकी अपनी सुंदरता होती है। उन्होंने इस घटना से यह भी सीखा की असली सुंदरता सिर्फ दिखावे में नहीं बल्कि उन गुणों में भी होती है जो आंखों से दिखाई नहीं देते।

Moral from this akbar birbal story in hindi: Akbar aur birbal ki kahani से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि सुंदरता देखने वाले की आंखों में होती है। एक व्यक्ति को जो सुंदर लगता है,जरूरी नहीं है कि दूसरे व्यक्ति को भी वह सुंदर लगे। हमें चीजों को केवल उनके दिखावे के आधार पर नहीं आंकना चाहिए। हमें उन गुणों की सराहना करनी चाहिए जो उसकी सुंदरता में नहीं उसके कर्म में है। सुंदरता सादगी, दया और अन्य गुणों पहली नज़र में स्पष्ट नहीं हो सकते हैं। हमें व्यक्ति की सुंदरता नहीं उसके गुणों को देखना चाहिए।


8. सच्ची खुशी – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral, Akbar aur Birbal ki Kahani

एक बार की बात है, बादशाह अकबर और उनके दरबारी धन के महत्व पर चर्चा कर रहे थे। उनमें से कुछ ने कहां की पैसा खुशी की चाबी है, और कुछ दरबारियों का मानना था कि खुश रहने के लिए बहुत सारा पैसा होना जरूरी नहीं है।

अकबर ने बीरबल से इस विचार पर अपना मत प्रकट करने को कहा। बीरबल ने कहा, “महाराज, पैसा खुशी की चाबी नहीं हो सकता है । हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का एक जरिया जरूर हो सकता है । पैसे से हम सारी चीजें नहीं खरीद सकते जैसे प्यार, परिवार, दोस्ती जो कि जीवन की खुशी के लिए इन सब का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

बादशाह अकबर ने बीरबल से उनकी बात को प्रमाणित करने को कहा। उन्होंने बीरबल को एक महीने के लिए एक गरीब आदमी की तरह रहने और यह देखने के लिए कहा कि क्या वह गरीबी में भी अपने परिवार और मित्रों के साथ खुश रह सकते हैं।

बीरबल ने यह चुनौती स्वीकार की और शहर के बाहर एक छोटी सी झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहने चले गए। उनके साथ कोई नौकर चाकर नहीं कोई सुख सुविधा का सामान नहीं था , केवल आवश्यकता की चीजें थीं। फिर भी वह खुश और संतुष्ट थे ।

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल को उनकी कुटिया में मिलने का फैसला किया। जब बादशाह अकबर बीरबल के झोपड़े में गए, तो देखा बीरबल बाहर धूप में बैठे, धूप का आनंद ले रहे थे। उन्होंने बीरबल से पूछा कि वह बिना किसी सुख-सुविधा के इतने आराम, और खुशी से कैसे रह सकते हैं।

बीरबल ने उत्तर दिया, “महाराज, खुशी सांसारिक चीजों से नहीं आती है। यह मनुष्य के मन से आती है। मेरे पास खुश रहने के लिए सब कुछ है – मेरे सिर पर छत है, खाने के लिए भोजन, और मुझे प्रेम करने वाला मेरा परिवार और मेरे मित्र मेरे साथ हैं। यह चीजें जो वास्तव में जीवन में खुश रहने के लिए मायने रखती हैं।”

अकबर ने बीरबल की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की, और यह भी अनुभव किया, कि बीरबल सही है। पैसा और संपत्ति हमें सांसारिक खुशी, कुछ समय के लिए अवश्य प्रदान कर सकते हैं, लेकिन असली खुशी मन में छुपी होती है। हमें अपने जीवन में सरल चीजों की सराहना करनी सीखनी चाहिए, और धन संपत्ति के लालच में नहीं पड़ना चाहिए।

Moral from this akbar birbal story in hindi : Akbar aur Birbal ki kahani से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि सच्ची खुशी हमारे भीतर ही छुपी होती है। और इसे संपत्ति से नहीं खरीदा जा सकता। जो हमारे पास है, हमें उसमें संतुष्ट रहना चाहिए। दूसरों की चीजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। खुश रहने के लिए प्यार, परिवार और मित्रता यही जीवन की असली संपत्ति है ।


9. बेईमानी के दुष्परिणाम – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral

बादशाह अकबर अपनी उदारता और दयालुता के लिए जाने जाते थे। वह अक्सर अपनी धन-संपत्ति गरीबों और जरूरतमंदों में दान करते थे। एक दिन कुछ लोगों का एक समूह बादशाह के पास आया, उन लोगों ने बताया कि, किशन नाम का एक व्यक्ति उनकी इस उदारता का फायदा उठा रहा है।

किशन एक गरीब किसान था जिसकी बादशाह अक्सर मदद करते रहते थे। किशन अक्सर महल में आता था और पैसे, भोजन और अन्य सामग्री माँगता था। लोगों ने राजा को बताया कि किशन अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि अपने लिए यह सारी चीजें मांगता है।

अकबर क्रोधित हुए और उन्होंने किशन की ईमानदारी की परीक्षा लेने का फैसला किया। उसने बीरबल को सोने के सिक्कों से भरी एक थैली के साथ किशन के गाँव जाने को कहा। उन्होंने बीरबल से कहा कि यह थैला किशन को दे, और उसे यह कहे कि बादशाह ने उपहार स्वरूप यह पैसे भेजे हैं ।

बीरबल किशन के घर पहुंचे और उन्होंने किशन को सोने के सिक्कों से भरा थैला दिया, और कहां बादशाह ने यह उपहार स्वरूप भेजा है। किशन बहुत खुश हुआ, और बीरबल को बादशाह का उपहार पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया।

अगले दिन, बादशाह अकबर किशन के गाँव गए और उन्होंने किशन से पूछा कि उसने सोने के सिक्कों का उपयोग कैसे किया। किशन ने उत्तर दिया, महाराज, मैंने उस पैसे का उपयोग अपने कर्ज का भुगतान करने और अपने परिवार के लिए भोजन खरीदने के लिए किया। मैंने इससे अपने गाँव के गरीबों की भी मदद की।

अकबर किशन की ईमानदारी से खुश हुए और कहा कि उसे जब भी मदद की जरूरत हो वह महल आ सकता है।

Moral from this akbar birbal story in hindi: Akbar aur Birbal ki kahani से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब कोई नहीं देख रहा हो तब भी हमें हमेशा ईमानदार रहना चाहिए। बेईमानी से हमें कुछ समय के लिए लाभ अवश्य हो सकता है, लेकिन यह विश्वास और सम्मान के हानि का कारण बन सकती है । हमें दूसरों के साथ हमेशा ईमानदार होना चाहिए, और कभी भी किसी की अच्छाई का फायदा नहीं उठाना चाहिए। ईमानदार और सच्चे चरित्रवान बनकर सम्मान पा सकते हैं, और एक सुखी और सफल जीवन व्यतीत कर सकते हैं।


नोट: यहां साझा की गई akbar birbal story in hindi or akbar aur birbal ki kahani मेरी मौलिक रचना नहीं है, मैंने इसे पहले भी पढ़ा है और मैं अपने विचारों और सीखों को शामिल करने के बाद बस इसका हिंदी संस्करण प्रदान कर रहा हूं।

Note: This Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral or akbar aur birbal ki kahani shared here is not my original creation, I have read it before and I am just providing the Hindi version of it after including my own thoughts and learnings.


अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।


आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*