जैसे को तैसा – Tit for Tat Story in Hindi: Learning to Be Fair

जैसे को तैसा – Tit for Tat Story in Hindi: Learning to Be Fair

जैसे को तैसा (Jaise ko Taisa or Tit for Tat) एक हिंदी मुहावरा है जिसका उपयोग उस स्थिति को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जिसमें एक कार्रवाई या प्रतिशोध उस कार्रवाई के बराबर होता है जिसके जवाब में यह किया जाता है। यदि कोई अच्छा काम करता है तो उसे अच्छा फल मिलता है मगर इसके विपरीत बुरा काम करने पर बुरा फल ही मिलता है।

जैसे को तैसा मुहावरे को चरितार्थ करने हेतु सारस और लोमड़ी की कहानी- Saaras aur Lomdi ki Kahani or Tit for Tat Story in Hindi or jaise ko taisa story in hindi की रचना की गई हैं।

जैसे को तैसा – Tit for Tat Story in Hindi or सारस और लोमड़ी की कहानी – Saaras aur Lomdi ki Kahani। Kids Moral Story in Hindi:

एक जंगल में एक लोमड़ी और सारस रहते थे । दोनों में मित्रता थी । वह साथ में खेलते, बातें करते और जंगल में घूमते थे । एक दिन दिन सारस ने कहा दोस्त तुम क्या पकाती हो, तुम्हारे घर से बहुत अच्छी खुशबू आती है?

लोमड़ी सारस की बातें सुनकर बहुत खुश हुई । बोली मैंने कल खीर बनाई थी, उसी की खुशबू थी । अगर तुम्हें पसंद है तो आज रात तुम मेरे घर आ जाना । मैं आज फिर बनाऊंगी और दोनों साथ में खा लेंगे ।

सारस सुनकर बहुत खुश हुआ । उसने कहा धन्यवाद मित्र मुझे खाने के लिए बुलाया, मैं जरूर आऊंगा । और फिर सारस और लोमड़ी अपने-अपने घर चले गए ।

लोमड़ी ने अपने घर जाकर बहुत ही स्वादिष्ट खीर बनाई और सारस का इंतजार करने लगी । थोड़ी देर बाद सारस लोमड़ी के घर पहुंचा और बोला मित्र… खुशबू तो बहुत अच्छी आ रही है । लोमड़ी ने कहा चलो फिर फिर खाते हैं ।

सारस बैठकर खाने का इंतजार करने लगा । तभी उसने देखा लोमड़ी ने थाल में खीर परोसी और सारस को खाने के लिए दिया । लोमड़ी ने अपने लिए भी थाल में खीर निकाल ली और खाने लगी ।

लोमड़ी जल्दी-जल्दी खीर खाए जा रही थी और सारस थाल से खीर खा ही नहीं पा रहा था । लोमड़ी ने सारस को देखकर कहा क्या हुआ मित्र… तुम खा क्यों नहीं रहे हो? तुम्हारा पेट भर गया क्या?

ठीक है… कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी भी खीर खा लेती हूं । चालाक लोमड़ी दोनों थालो का खीर खा गई और सारस बेचारा भूखा ही अपने घर लौट आया ।

दूसरे दिन सारस ने लोमड़ी को सबक सिखाने की सोची । उसने बहुत स्वादिष्ट खिचड़ी बनाई जिसकी खुशबू लोमड़ी के घर तक आ रही थी । लोमड़ी को खिचड़ी की खुशबू से भूख लग गई ।

उसने सोचा सारस के घर चल कर खिचड़ी खा लेती हूं । वह तुरंत सारस के घर पहुंच गई और बोली मित्र बहुत स्वादिष्ट खाने की खुशबू आ रही है ।

सारस ने कहा हां… आज मैंने बहुत स्वादिष्ट खिचड़ी बनाई है । आओ तुम भी खा लो । लोमड़ी तुरंत खाने के लिए तैयार हो गई और वह खाने के लिए बैठ गई ।

तब सारस ने 2 लंबी पतली गर्दन वाली सुराही में खिचड़ी भरी और खाने के लिए ले आया । एक लोमड़ी के सामने रख दी और दूसरे से खुद खाने लगा । लोमड़ी का तो सुराही के अंदर मुंह भी नहीं पहुंच रहा था और सारस की चोच लंबे होने के कारण वह आराम से खा रहा था ।

सारस ने लोमड़ी को देखकर कहा क्या हुआ मित्र… तुम खा क्यों नहीं रही हो, तुम्हारा पेट भर गया क्या? ठीक है इसे भी मैं ही खा लेता हूं क्योकी मुझे अभी भी भूख है।

सारस ने लोमड़ी के सामने रखी सुराही का भी खिचड़ी खा लिया और लोमड़ी अपना सा मुंह लेकर वहां से चली गई।

सारस और लोमड़ी की कहानी से सीख। Moral of Tit for Tat Story in Hindi or Saaras aur Lomdi ki Kahani or Jaise ko Taisa Story in Hindi or Kids Moral Story in Hindi:

हम जैसा दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ होता है। इसलिए हमें कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। और ऐसे विचारो और कर्मों से दूर रहना चाहिए ।

साथ ही साथ यदि कोई हमारे साथ गलत करता है तो ये जरूरी नहीं है हम उसके साथ भी गलत करें। Tit for Tat – जैसे को तैसा मुहावरे और Tit for Tat Story in Hindi से मिली सीख को हमें अच्छे विचारो में लगाना चाहिए । जैसे अगर हम दूसरों का भला करते हैं, तो वे भी हमारे साथ वैसा ही करेंगे… जैसे को तैसा- Tit for Tat अच्छे काम करने के लिए !


अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।


नोट: यहां साझा की गई प्रेरक या नैतिक कहानी मेरी मौलिक रचना नहीं है, मैंने इसे पहले भी पढ़ा है और मैं अपने विचारों और सीखों को शामिल करने के बाद बस इसका हिंदी संस्करण प्रदान कर रहा हूं।
Note: This Bedtime story or Moral Story shared here is not my original creation, I have read it before and I am just providing the Hindi version of it after including my own thoughts and learnings.


आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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