साहूकार का कुआं। The Well of Moneylender: Tenali Rama Story in Hindi
बच्चों के लिए एक मनोरंजक तेनाली रामा की कहानी (Tenali Rama Story in Hindi) का आनंद लें, जो साहूकार का कुआं (The Well of Moneylender) के विषय में है। धनवान और चालाक साहूकार की चालों को देखकर तेनाली रामा ने उसे एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया। उनकी बुद्धिमता से उन्होंने उस लालची और धोखेबाज साहूकार को उसकी ही तरह सबक सिखाया। यह एक रोचक कहानी है जिसमें छुपे सीख के साथ साथ का एक महत्वपूर्ण संदेश है।
साहूकार का कुआं। The Well of Moneylender: Tenali Rama Story in Hindi for Kids
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एक गांव में एक किसान रहता था। उसे खेतों की सिंचाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उसके खेतों के पास ही एक कुआं था। उसने सोचा अगर इस कुएं से पानी मिल जाए तो सिंचाई करने में परेशानी नहीं होगी। यही सोचकर वह कुएं के मालिक के पास गया।
कुएं का मालिक एक साहूकार था। किसान साहूकार के पास पहुंचा। उसने साहूकार से उसका कुआं खरीदने की बात कही, तो साहूकार ने मना कर दिया।
किसान ने उससे विनती की और कहा कि, साहूकार जी वह कुआं तो आपके किसी काम का नहीं है, ना ही आप का घर वहां है और ना ही खेत। आप चाहे तो कुएं के थोड़े अधिक दाम ले लीजिये, लेकिन मेरी परेशानी को समझे, मुझे इस कुएं की बहुत आवश्यकता है।
साहूकार को किसान की बात सुनकर पैसे का लालच आ गया। उसने किसान से उस कुएं की 4 गुना पैसे मांगे।
किसान यह सुनते ही सोच में पड़ गया कि, इतने पैसे तो उसके पास नहीं है। फिर भी उसने साहूकार से थोड़ा समय मांगा। घर आकर वह पैसों के इंतजाम में लग गया। अपनी सारी जमा पूंजी उसने साहूकार को देकर, वह कुआं खरीद लिया।
दूसरे दिन वह अपने खेतों की सिंचाई करने के लिए जैसे ही कुएं से पानी निकालने लगा, साहूकार ने उसे रोक लिया। किसान ने कहा साहूकार जी, मैंने यह कुआं आप से खरीदा है, तो मैं इस कुएं का इस्तेमाल कर सकता हूं।
तब साहूकार ने कहा तुमने कुआं खरीदा है, इसका पानी नहीं। इसलिए तुम इस पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर तुम्हें इस पानी का इस्तेमाल करना है, तो इसे भी खरीदना होगा।
किसान साहूकार की बातों को सुनकर परेशान हो गया। क्योंकि उसकी सारी जमा पूंजी इस कुएं को खरीदने में चली गई थी। अब और पैसे कहां से लाता और बिना सिंचाई के फसल भी सूख रही थी।
वह परेशान होकर राजा कृष्णदेवराय के पास गया और उनसे सारी बातें बताकर इस समस्या का समाधान करने की विनती की। राजा कृष्णदेवराय ने तेनाली राम को इस समस्या का समाधान करने को कहा।
तेनाली राम बहुत ही अच्छे स्वभाव के और बुद्धिमान व्यक्ति थे। वह साहूकार की धूर्तता को समझ गए और किसान से कल साहूकार के साथ आने को कहा।
दूसरे दिन किसान और साहूकार दोनों राजा कृष्णदेवराय के दरबार में पहुचे। तेनाली राम ने जब साहूकार से प्रश्न किया तो साहूकार ने फिर वही जवाब दिया कि मैंने इस किसान को कुआं बेचा है, उसका पानी नहीं। इसलिए यह उस पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
तब तेनाली राम ने कहा कि ठीक है, तुमने इसे कुआं बेचा है और इस बात को तुम मानते हो। तो अपना पानी इसके कुएं में क्यों रखा है? अब या तो तुम अपना पानी इसके कुए से निकाल लो या इसे कुएं में पानी रखने का किराया दो।
क्योंकि अपनी चीज किसी के पास रखने के लिए उसे किराया तो देना पड़ेगा।अभी जाकर सारा पानी निकालो कुए से या किराया दो।
साहूकार अपनी चालाकी पकड़े जाने से डर गया। उसने राजा कृष्णदेवराय और किसान से माफी मांगी, और फिर कभी ऐसा नहीं करने का वादा किया।
तेनालीराम की इस बुद्धिमत्ता से राजा कृष्ण्देवराय बहुत प्रसन हुए और उन्होंने तेनाली राम को पुरस्कृत किया।
साहूकार का कुआं कहानी से सीख । Moral of the Well of Moneylender story: Tenali Rama Story in Hindi
बुद्धिमता से बड़ी कोई शक्ति नहीं है। लालच और धोखेबाजी से दूर रहिए, क्योंकि आखिर में बुद्धिमता ही विजय पाती है।
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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।
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