सबसे बड़ा मूर्ख – तेनाली रामा की कहानी। The Biggest Fool: Tenali Rama Story in Hindi

सबसे बड़ा मूर्ख – तेनाली रामा की कहानी। The Biggest Fool: Tenali Rama Story in Hindi

सबसे बड़ा मूर्ख (The Biggest Fool) की मनोरंजक कहानी के माध्यम से हम जानेंगे कि कैसे तेनाली रामा ने राजा कृष्णदेव राय जी को या एहसास दिलाया कि किसी पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। हँसी, चतुराई और जीवन के बहुमूल्य पाठों से भरी इस मनोरंजक कहानी में खोने के लिए तैयार हो जाएगी और इस करामाती साहसिक कार्य में तेनाली रामा से जुड़ें जो आपको खुश और प्रेरित करेगा।

सबसे बड़ा मूर्ख। The Biggest Fool: Tenali Rama Story in Hindi

राजा कृष्णदेवराय को घोड़े बहुत प्रिय थे और उनके अस्तबल में घोड़ों की बहुत अच्छी नस्लों का संग्रह था। एक दिन एक अरब घोड़ा व्यापारी अपने घोड़ों के साथ राजा कृष्णदेवराय के पास आया, तो कृष्णदेवराय को उसका घोड़ा बहुत पसंद आया और उसके सभी घोड़ों को खरीदना चाहते थे।

राजा ने उस व्यापारी को 5000 सोने के सिक्के दिए, और व्यापारी ने वादा किया कि वह जाने से पहले 2 दिनों में अन्य घोड़ों के साथ वापस आ जाएगा। दो दिन बीत गए  लेकिन  व्यापारी नहीं लौटा, इंतजार करते करते दो सप्ताह बीत गए  फिर भी व्यापारी नहीं लौटा।

 राजा कृष्णदेवराय की इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई। एक शाम चिंता में वह बगीचे में घूम रहे थे और वहां उन्होंने तेनालीराम को कागज पर कुछ लिखते हुए देखा। राजा कृष्णदेवराय उनके पास गए और पूछा कि तेनालीराम तुम क्या लिख रहे हो?

तेनालीराम ने कोई जवाब नहीं दिया। राजा ने फिर से पूछ  की तेनालीराम क्या लिख रहे हो बताओ भी?

तेनालीराम ने राजा कृष्णदेवराय को देखा और कहा कि वह विजयनगर के सबसे बड़े मूर्खों के नाम लिख रहा हूं।

राजा ने तेनालीराम से वह कागज लिया और देखा कि सबसे ऊपर उनका नाम लिखा हुआ है। वह तेनालीराम से बहुत नाराज हुए और इसका करण पूछा।

तेनालीराम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, किसी अजनबी को बिना जाने पहचाने 5000 सोने के सिक्के देता है, वह मूर्ख नहीं तो और क्या है?

 राजा ने तेनालीराम से कहा कि यदि वह घोड़ों का व्यापारी घोड़े के साथ लौट आया तो क्या होगा?

तेनालीराम ने कहा, उस स्थिति में, वह आदमी मूर्ख होगा। फिर वह राजा के स्थान पर व्यापारी का नाम लिख देता।

सबसे बड़ा मूर्ख कहानी से शिक्षा। Moral of the biggest fool story or this Tenali Rama story in hindi:

 इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी पर भी आँख बंद कर के विश्वास नहीं करना ( don’t trust blindly) चाहिए।


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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