तेनाली रामा और सोने के आम। Tenali Rama golden mangoes story in hindi

तेनाली रामा और सोने के आम। Tenali Rama golden mangoes story in hindi

तेनाली रामा और सोने के आमों की अद्भुत कहानी (Tenali Rama golden mangoes story) को पढ़ें और तेनाली रामा के एक रोमांचक साहसिक कार्य में उसके साथ शामिल हों क्योंकि वह लालची ब्राह्मणों को एक मूल्यवान सबक सिखाता है। इस कहानी में हम जानेंगे कैसे तेनाली रामा की चतुराई और बुद्धिमत्ता ब्राह्मणों के लालच पर विजय पाती है।

तेनाली रामा और सोने के आम। Tenali Rama Golden Mangoes Story: Tenali Rama Story in Hindi:

एक बार की बात है राजा कृष्णदेवराय की माँ जो की एक बहुत ही धार्मिक महिला थी, वह ब्राह्मणों को उनके प्रति सम्मान के भाव के रूप में पके आम भेंट करना चाहती थी। परन्तु उसी रात राजा कृष्णदेवराय की मां की मृत्यु हो गई। राजा अपनी माँ की मृत्यु से बहुत दुखी थे, वह उनकी आखिरी इच्छा पूरी करना चाहते थे ।

उन्होंने अपने सभी दरबारियों को बुलाया और उन्हें अपनी माँ की आखिरी इच्छा के बारे में बताया, और उनसे इस बारे में सलाह मांगी की वह अपनी माँ की आखिरी इच्छा को कैसे पूरी करे?

ब्राह्मणों ने सुझाव दिया कि उनकी माँ की आत्मा की शांति के लिए आमो का दान करना चाहिए

तब राजा कृष्णदेवराय ने कहा कि अभी तो आमों का सीजन तो है नहीं तो आम कहा से आये गए?

तब पंडितो ने उन्हें सलाह दी कि यादी आम नहीं है तो आप उसकी जगह सोने से बने आमो को दान कर सकते हैं

राजा ने इस बात को सहर्ष स्वीकार कर लिया और, अगले दिन उन्होंने ब्राह्मणों को सोने से बने आमों का दान करने के लिए दरबार में आमंत्रित किया।

जब वे दरबार में आए तो तेनाली रामा वही मौजूद थे और वह ब्राह्मणों के लालच को तुरंत समझ गए।

तेनाली रमन अंदर गए, और उन्होंने लालची ब्राह्मणों को सबक सिखाने के लिए अगले दिन अपने घर बुलाया। और कहा वह भी अपनी मां की इच्छा पूरी करना चाहता है। ब्राह्मण बहुत खुश थे कि, उन्हें राजा से सोने के आम मिले, और तेनालीराम ने उन्हें अपने घर आमंत्रित किया था।

ब्राह्मणों ने सोचा कि तेनालीराम भी उन्हें दान देना चाहते हैं। अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए।

जब ब्राह्मण तेनालीराम के घर पहुंचे तो तेनालीराम ने उनका खूब स्वागत किया और उन्हें बैठने को कहा।

तभी उन्होंने देखा कि तेनालीराम लोहे की पट्टी गर्म कर रहा है ! यह देख कर ब्राह्मण डर गए, और इससे ब्राह्मणों में हड़कंप मच गया।

तब तेनालीराम ने उन्हें बताया कि उसकी माँ गठिया रोग से मर गई थी, और वह चाहती थी कि, उनके पैर गर्म लोहे की पट्टी से जलाए जाएँ ताकि दर्द कम हो जाए। इसलिए वह ब्राह्मणों के पैर जलाना चाहते हैं ताकि उनकी माँ की आत्मा को शांति मिले।

ब्राह्मण तुरंत समझ गए कि तेनालीराम ने उन्हें सबक सिखाने के लिए बुलाया है! उन्होंने जल्दी से सुनहरे आम तेनालीराम को लौटा दिए और वहा से भाग गए। तेनालीराम ने सारे सोने के आम राजा को दे दिए और बताया कि ब्राह्मणों ने उन्हें कैसे मूर्ख बनाया।

कहानी से हमें यह शिक्षा। Moral of the Tenali Rama golden mangoes story in hindi

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की किसी को लालच नहीं करना चाहिए और जो कुछ भी हमारे पास है या हमारी मेहनत से हमें मिलता है उसमे खुश रहना चाहिए है!


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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