तेनाली रामा और महान पंडित। Tenali Rama and the great pundit story in hindi

तेनाली रामा और महान पंडित। Tenali Rama and the great pundit story in hindi

तेनाली रामा और महान पंडित (Tenali Rama and the great pundit story) की मनोरंजक कहानी के माध्यम से जानेंगे कि हमें अपने ज्ञान पर अहंकार नहीं होना चाहिए। यह कहानी तेनाली रामा की बुद्धि और चतुराई की साक्षी है क्योंकि वह अहंकारी पंडित से बड़ी चतुराई से निपटता है। हास्य, ज्ञान और जीवन के मूल्यवान पाठों से भरी इस आकर्षक कहानी को पढ़ें जो हमें विनम्रता और आत्म-जागरूकता के महत्व को सिखाएगी।

तेनाली रामा और महान पंडित। Tenali Rama and the great pundit story: Tenali Raman stories in hindi

एक बार विजयनगर में एक बड़े विद्वान पंडित आए। वह राजा कृष्णदेवराय से मिले और दावा किया कि वह इतने ज्ञानी है कि वह किसी भी विषय पर वाद विवाद में राजा के सभी मंत्रियों को हरा सकते हैं।

राजा कृष्णदेवराय ने चुनौती स्वीकार कर ली, और अपने मंत्रियों से मुकाबला करने को कहा। लेकिन, सभी मंत्री हार गए, क्योंकि पंडित को सभी विषयों का बहुत ज्ञान था।

फिर तेनालीराम की बारी आई। तेनालीराम ने पंडित को एक किताब के आकार का कुछ दिखाया जो कि एक कपड़े से ढका था और कहा, “मैं इस महान पुस्तक ‘तिलकाष्ट महिष बंधनम’ नामक  विषय पर आपके साथ वाद विवाद करूंगा।” पुस्तक का नाम सुन कर पंडित सोच में पड़ गया, क्योंकि उसने ऐसी किसी पुस्तक के बारे में कभी नहीं सुना था।

पंडित ने राजा से पुस्तक पर वाद विवाद की तैयारी करने के लिए एक रात का समय मांगा।

पंडित बहुत चिंतित था कि यदि वह इस वाद विवाद में हार जायेगा, तो लोग उसका मजाक बनाएंगे, क्योंकि उसने इस तरह की किताब के बारे में कभी नहीं सुना था।

इसलिए पंडित ने रात में चुपचाप अपना सामान बांधा और राज्य से भाग गया। अगले दिन राजा कृष्णदेवराय और दरबारियों को पता चला की पंडित रात में चला गया।

राजा कृष्णदेवराय तेनालीराम से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि वह उस पुस्तक को पढ़ना चाहते हैं, जिससे पंडित डर गए और रात में ही विजयनगर छोड़कर भाग गए।

राजा कृष्णदेवराय की बात सुन कर तेनालीराम हंसे और कहा कि ऐसी कोई किताब है ही नहीं महाराज। तेनालीराम ने कपड़े को हटाया तो उसमें से केवल ‘तिल’ की छड़ियों का एक गठर निकला और कुछ भेड़ के गोबर को भैंस की खाल की रस्सी से बांधकर एक किताब का आकार दिया गया था।

 तेनालीराम ने कपड़े से ढके सामग्री के संस्कृत नामों को मिलाकर पुस्तक का नाम बनाया था – ‘तिलकाष्ट महिष बंधनम’।

राजा कृष्णदेवराय तेनालीराम की चतुराई और बुदिधिमता से बहुत प्रभावित हुए और तेनालीराम को पुरस्कृत किया।

तेनाली रामा और महान पंडित कहानी से शिक्षा। Moral of the Tenali Rama and the great pundit story or Tenali Raman stories in hindi

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने ज्ञान और बुद्धि पर अहंकार नहीं करना चाहिए।


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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