बचपन। Childhood: Reflections on Compassion and Child Labor
बचपन (Childhood) आंचल बृजेश मौर्य की स्व-लिखित कहानी (Swarachit Kahani) है जो हमें एक ट्रेन यात्रा पर ले जाती है जहाँ एक यात्री की मुलाकात एक युवा पानी बेचने वाले से होती है, जो बाल श्रम (Child Labor) की कठोर वास्तविकता पर प्रकाश डालती है। सामाजिक असमानताओं पर चिंतन के बीच, कहानी सहानुभूति और दयालुता (Empathy and Kindness) के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालती है, हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए जागरूकता और वकालत का आग्रह करती है।