राजगुरु की सवारी। Ride of Rajguru: Tenali Raman stories for kids

राजगुरु की सवारी। Ride of Rajguru: Tenali Raman stories for kids

तेनाली रामा की इस कहानी (Tenali Raman stories for kids)  में हम देखेंगे कि कैसे तेनाली रामा राजगुरु से उनकी वादा खिलाफी का बदला अपनी बुद्धिमत्ता से लेता है। तेनाली रामा राजगुरु की सवारी (Ride of Rajguru) करके और और राजा के सामने लज्जित करके उन्हें एक अच्छा सबक सिखाता है।

राजगुरु की सवारी। Ride of Rajguru: Tenali Raman stories for kids

एक बार जब राजगुरु जंगल में शिकार करने के लिए के लिए गए तब, तेनालीराम ने उनका पीछा किया। तेनालीराम ने राजगुरु को रंगे हाथों पकड़ लिया। जिससे राजगुरु डर गए और उन्होंने यह बात राजा कृष्णदेव राय को ना बताने का आग्रह किया।

तेनालीराम ने कहा कि वह एक शर्त पर अपना मुंह बंद रखेगा? राजगुरु ने कहा ठीक है मुझे तुम्हारी सारी शर्तें मंजूर है लेकिन महाराज को कुछ मत बताना।

तेनालीराम ने राजगुरु से वादा किया कि वह महाराज को कुछ नहीं बताएंगे इसके बदले में राजगुरु उन्हें अपने कंधे पर बिठाकर पूरे विजयनगर में घुमाएंगे। राजगुरु ने वही किया।

राजगुरु और तेनालीराम जब राजमहल के पास से गुजर रहे थे, तो राजा कृष्णदेव राय की नजर उन पर पड़ी जैसे ही राजा को पता चला कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को परेशान कर रहा है, वह क्रोधित हो गए और उसने अपने पहरेदारों को आदेश दिया कि वह दूसरे व्यक्ति के कंधों पर सवारी करने वाले व्यक्ति को शाही दरबार में ले आए।

तेनालीराम ने जैसे ही पहरेदारो को देखा उसे लगा जरूर कुछ गड़बड़ है। वह तुरंत राजगुरु के कंधे से नीचे आ गए, और राजगुरु को अपने कंधे पर चढ़ने का अनुरोध करने लगे।

तेनालीराम ने कहा गुरुदेव आप थक गए होंगे, मुझे क्षमा करें। अब आप मेरे कंधे पर बैठ जाएं मैं आपको नगर की सैर करवाता हूं।

राजगुरु तेनालीराम की बातों से खुश हो गए और तेनालीराम के कंधे पर बैठ गए। जब पहरेदार उनके पास पहुंचे तो राजगुरु तेनालीराम के कंधे पर बैठे थे, पहरेदारों ने राजगुरु को पकड़ लिया और दरबार ले आए।

दरबार में राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करने के लिए राजगुरु को तेनाली से माफी मांगने का आदेश दिया।

राजगुरु समझ गए कि यह सब तेनालीराम की चाल है, उनसे बदला लेने की। लेकिन उनका जंगल में शिकार पर जाने का रहस्य राजा को ना पता चल जाए, इसलिए उन्हें चुप रहना पड़ा, और तेनालीराम से माफी मांगनी पड़ी।

राजगुरु की सवारी कहानी से शिक्षा। Moral of Ride of Rajguru story: Tenali Raman stories for kids

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपना काम निकालने के लिए किसी को भी मूर्ख नहीं बनाना चाहिए क्योंकि समय आने पर वह भी हमें मूर्ख बना सकता है


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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