डर पर काबू। Overcoming Fear: Panchtantra ki Kahaniyan

डर पर काबू। Overcoming Fear: Panchtantra ki Kahaniyan

इस पंचतंत्र की कहानी (panchtantra ki kahani) की मूल्यवान नैतिकता की खोज करें जहां हम बिना सच्चाई जाने किसी को अपना दुश्मन या दोस्त न मानने का महत्वपूर्ण सबक सीखते हैं।

यह हमें याद दिलाता है कि हमें हमेशा अपने डर पर काबू (overcoming fear) रखना चाहिए, जिससे हम अनावश्यक परेशानियों से बच सकें। आइए इस मनोरम कहानी से सीखें और सत्य की शक्ति और अपने डर पर विजय प्राप्त करने का मूल्यवान सबक प्राप्त करें।

डर पर काबू। Overcoming Fear: Panchtantra ki Kahaniyan

एक समय की बात है। कुछ ऋषियों ने समाज में फैली रोग, दुख आदि को दूर करने के लिए तपस्या करके भगवान को प्रसन्न करने की सोची।

उन्होंने आपस में विचार किया कि भगवान के प्रसन्न होने पर हम उनसे थोड़ा सा अमृत मांग लेंगे, जिससे हम समाज कल्याण का कार्य कर सकें। ऋषियों ने वन में जाकर घोर तपस्या आरंभ कर दी।

धूप वर्षा सर्दी किसी भी मौसम में उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तपस्या करते रहे। एक बार वर्षा ऋतु में इतनी वर्षा हुई की वह गले तक पानी में डूबे हुए थे, फिर भी उन्होंने अपनी चिंता न करते हुए तपस्या में लीन रहे।

वर्षा ऋतु के बाद सर्दियों का मौसम आया इतनी कड़ाके की सर्दी के चारों तरफ बर्फी ही बर्फी। नदी, पेड़, पहाड़ सभी बर्फ से ढके हुए थे। ऋषि भी बर्फ से ढके थे, लेकिन उन्होंने अपनी तपस्या नहीं छोड़ी, और वह तपस्या करते रहे।

गर्मियों में भी उन्होंने अपनी तपस्या करना करनी नहीं छोड़ी। कई वर्षों की कठिन तपस्या के बाद भगवान प्रसन्न हुए और एक आकाशवाणी हुई, ऋषि अगर मैं आपकी तपस्या से बहुत प्रसन्न हूं, कहिए क्या मांगना चाहते हैं।

ऋषियों ने कहा हमें अमृत का प्याला चाहिए। आई तभी जोरदार आवाज आई और एक बड़ा और भयानक राक्षस प्रकट हुआ। जिसके एक हाथ में कटार और दूसरे हाथ में खप्पर था। उस राक्षस को देखकर ऋषि घबरा गए भागने लगे।

पहले ऋषि ने कहा यह तो हमें मारने आ रहा है, हमें यहां से तुरंत भाग जाना चाहिए।दूसरे ने कहा हां मुझे भी ऐसा ही लग रहा है, हो सकता है हमने कुछ गलत कह दिया है? इसलिए ईश्वर ने हमें उसका दंड देने के लिए इस राक्षस को भेजा है।

दोनों ऋषि वहां से भाग गए। तीसरे ऋषि वही अपनी आंखें बंद किए ईश्वर को याद करते हुए बैठे रहे। जैसे ही व राक्षस उनके समीप आया ऋषि ने अपनी आंखें खोली। उस राक्षस को देखकर वह भी अंदर से डर गए।

लेकिन अपने डर पर काबू पाते हुए व उसके सामने खड़े रहे। उस राक्षस ने सर्वप्रथम ऋषि को देखा और कहा प्रणाम ऋषि…….. प्रभु ने आपके लिए अमृत का प्याला भेजा है। अपने हाथ में पकड़े हुए खप्पर को उस राक्षस ने ऋषि को दे दिया।

डर पर काबू कहानी से शिक्षा। Moral of the overcoming fear story: Panchtantra ki Kahaniyan

इस panchtantra ki kahani से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि बिना सच्चाई जाने किसी को अपना शत्रु या मित्र नहीं मान लेना चाहिए और हमें हमेशा अपने डर पर काबू रखने की कोशिश करनी चाहिए जिससे हम परेशानियों से बच सकते हैं।

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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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