बहुत याद आता है। Miss that A Lot Poem in Hindi A Swarachit Kavita

बहुत याद आता है। Miss that A Lot Poem in Hindi A Swarachit Kavita
Miss That A Lot

दोस्तो, जो हमें सब से प्रिय होते हैं, हमारे दिल के बेहद करीब होते हैं उनकी छोटी छोटी हरकतों पर हम गौर नहीं करते हैं। लेकिन जब वो हमारे पास नहीं होते (चाहे बहुत कम समय के लिए ही) या वो लम्हा गुजर जाने के बाद वही छोटी छोटी हरकतें हमें बहुत याद आती है (We Miss that Alot) और हमारे लबों पे मुस्कान लेके आती है।

ऐसी ही एक स्वरचित कविता (swarachit kavita in hindi) आप लोगो के लिए आंचल बृजेश मौर्य की कलम से….

बहुत याद आता है – Miss that A Lot: A Swarachit Kavita in Hindi

बहुत याद आता है तेरा वो रूठ जाना,
वो छोटी-छोटी बातों पर मुंह फुलाना।
तेरा रूठ कर मुझे यू सताना,
मेरे रूठ जाने पर खुद ही मान जाना ॥

बहुत याद आता है तेरा वो रूठ जाना ।
बहुत याद आता है तेरा वह रूठ जाना

 कभी दादी नानी सी बातें करना,
कभी बच्चों की तरह हठ कर जाना।
कभी ठंडे ठंडे बर्फ के गोले खाना,
कभी खट्टी मीठी गोलियों के लिए इठलाना॥
तेरा वह धीरे से मुस्कुराना,
मुस्कुरा कर नजरें घुमाना।
बहुत याद आता है तेरा वह रूठ जाना,
बहुत याद आता है...


ऐसे ही अन्य प्रेरणादायक कविताओं के लिए हमारे Swarachit Kavita वेब पेज को विजिट करना और पढ़ना ना भूलें।


आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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