जानिए सहजन के फायदे । Magical Sehjan: Unbelievable Drumstick Benefits
ड्रमस्टिक (Drumsticks) जिसे सहजन (Sehjan or Sahjan) भी कहते हैं ,भारत में सदियों से उगाया जाता है और इसका प्रयोग अलग-अलग तरीकों से होता है। सहजन को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है जैसे कि मूंगा या मुनगा (Munga), सहजना, सुजना, सेंजन इत्यादि।
सहजन के पेड़ (Sehjan ke Ped) का वानस्पतिक नाम (drumstick botanical name) मोरिंगा ओलीफ़ेरा (Moringa Oleifera) है। यह पेड़ हिमालय की तलहटी में उत्पन्न हुआ था और धीरे-धीरे भारत के अन्य भागों में और अन्य देशों में जैसे कि दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में फैल गया।
Sahjan ka ped से मिलने वाली सामग्री जैसे कि इसकी फली का इस्तेमाल Sahjan ki Sabji और विभिन्न तरह के व्यंजनों को बनाने में होता है। कई स्वास्थ्य लाभों के कारण इसका प्रयोग खाने के अलावा और बहुत सारी चीजों में किया जाता है। सहजन का उपयोग हमारे देश की पारंपरिक चिकित्सा, आयुर्वेद और भोजन में पीढ़ियों से किया जाता है। इस लेख में सहजन के ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण फायदे और उपयोग के बारे में जानेंगे।
सहजन: पेड़ एक फायदे अनेक । The Miracle Tree: Health Benefits of Sehjan:
Table of Contents
Sahjan ka ped के कई स्वास्थ्य लाभ के कारण इसे “चमत्कारिक पेड़ – Miracle Tree” के रूप में जाना जाता है। Drumstick or Moringa ke fayde की सूची लंबी है और नीचे उनमें से कुछ कुछ फायदे के बारे में जानेंगे।
पोषक तत्वों से भरपूर । Nutrient-dense:
सहजन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें विटामिन (ए, बी और सी, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम) और अमीनो एसिड होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण हैं।
एंटीऑक्सीडेंट गुण । Antioxidant properties:
सहजन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
एंटी इन्फ्लेमेटरी । Anti-inflammatory:
सहजन के पेड़ का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में इसके इंफेक्शन से लड़ने के गुणों के लिए किया जाता रहा है, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल। Blood sugar regulation:
सहजन ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करने के लिए जाना जाता है, जो शुगर के मरीजों के लिए अच्छा विकल्प है। निश्चित रूप से यह शुगर के मरीज (sugar patient) को लाभ पहुंचाता है।
पाचन स्वास्थ्य । Digestive health:
ड्रमस्टिक में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन क्रिया में सहायक होती है और फाइबर आंत के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
कैंसर । Cancer:-
अपने भोजन में ड्रमस्टिक को नियमित रूप से प्रयोग करने से एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाने का एक अच्छा विकल्प है । विटामिन ए, सी,और बीटा-कैरोटीन, नियाज़िमिसिन की प्रचुरता कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करती है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे हम कैंसर जैसी बीमारी से भी लड़ सकते हैं।
शुक्राणुओं की संख्या के लिए सहजन। Improving Sperm Count and Drumstick Benefits for Male Sexually:
सहजन विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट ( Vitamins, Minerals and Antioxidants) जैसे पोषक तत्व के लिए जाना जाता है जो स्पर्म की संख्या (Sperm Count) में सुधार करने में मदद करता है। सहजन जिंक का एक अच्छा स्रोत है और स्वस्थ स्पर्म के लिए जिंक आवश्यक है। जिंक स्पर्म की संख्या, क्वालिटी और आकार में सुधार करने में मदद करता है।
सहजन में विटामिन ए, सी और ई जैसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्पर्म कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। एंटीऑक्सिडेंट शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, जिससे जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।
सहजन आयरन से भरपूर होता है जो स्वस्थ रक्त संचार करता है, जो की प्रजनन अंगों के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है। अच्छा रक्त संचार बेहतर स्पर्म और गुणवत्ता में योगदान करता है।
सहजन की पत्तियों में तनाव कम करने वाले गुण होते हैं, जो बेहतर स्पर्म को बनाए रखने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। अत्यधिक तनाव के कारण स्पर्म की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव होता है इसलिए सहजन की पत्तियों को तनाव कम करने के लिए एक अच्छा विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।
सहजन शरीर में हार्मोनल संतुलन (hormonal balance) बनाए रखने में मदद करता है, जो बेहतर स्पर्म के लिए महत्वपूर्ण है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल ड्रमस्टिक का सेवन करने से स्पर्म की संख्या में सुधार की गारंटी नहीं हो सकती है। प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और एक स्वस्थ जीवन शैली भी आवश्यक है।
सहजन के फायदे और नुकसान । Advantages and Disadvantages of Sehjan
सहजन के फायदे । Advantages of Sehjan
1. बढ़ने में आसान: सहजन के पेड़ अन्य पेड़ों की अपेक्षा में कम रखरखाव वाले होते हैं और इन्हें किसी भी प्रकार की प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है।
2. बहुमुखी: Sahjan ka ped या munga ka ped के सभी हिस्से जैसे कि फली, पत्तियां, फूल उपयोग किए जा सकते हैं।
3. पर्यावरण के अनुकूल: सहजन के पेड़ सूखा प्रतिरोधी होते हैं, और मिट्टी के संरक्षण में मदद कर सकते हैं।
सहजन के फायदे । Advantages of Sehjan
1.संभावित एलर्जी: कुछ लोगों को ड्रमस्टिक या मोरिंगा के प्रयोग से एलर्जी भी हो सकती है।
2.आक्रामक प्रजातियां: कुछ क्षेत्रों में सहजन के पेड़ आक्रामक हो सकते हैं, वहां के इकोसिस्टम (Ecosystem) को प्रभावित कर सकते हैं ।
सहजन के विभिन्न भागों का उपयोग । Use of different parts of Sahjan:-
सहजन की पत्तियां । Sahjan leaves or Drumstick leaves or Munga leaves:
सहजन की पत्तियां अत्यधिक पौष्टिक होती हैं और इसे कई प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे कि ,सूप, स्टर-फ्राई इत्यादि हैं। पत्तियों को सुखाकर हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सहजन के फूल । Sahjan flower or Drumstick flower or Munga flower:
सहजन के पेड़ के फूल खाने में प्रयोग किया जाता है इन्हें सलाद, स्टर-फ्राइज़ या गार्निश के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वे शहद उत्पादन के लिए भी एक अच्छा स्रोत हैं।
सहजन का तना । Sahjan stem or Drumstick stem or Munga stem:
सहजन पेड़ के तने में अधिक रेशे होते हैं इसलिए इसका उपयोग कभी-कभी रस्सी, चटाई और टोकरियाँ बनाने के लिए प्राकृतिक रेशे के रूप में किया जाता है।
सहजन की जड़ें । Sahjan roots or Drumstick roots or Munga roots:
सहजन के पेड़ की जड़ों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में पाचन संबंधी समस्याओं, सूजन और संक्रमण जैसी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। जड़ें बड़ी मात्रा में जहरीली हो सकती हैं और इन्हें सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए।
सहजन के अन्य उपयोग। Other Usages of Sahjan:-
औषधीय उपयोग । Medicinal use of Sahjan:
सहजन और उनके विभिन्न भागों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा या आयुर्वेद में पाचन संबंधी बीमारियों, सूजन और संक्रमण जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
कॉस्मेटिक उपयोग । Use of Sahjan to make Cosmetic :
सहजन के बीजों (drumstick seeds) से निकाले गए तेल का उपयोग कॉस्मेटिक्स और स्किनकेयर उत्पादों में प्रयोग किया जाता है।
पशुओं के लिए चारा । Animal Feed :
सहजन की पत्तियों (drumstick leaves) का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है, जो पशुओं के लिए आवश्यक पोषक तत्व अच्छा स्रोत है।
जल शोधन । Water Purification:
सहजन के बीजों (drumstick seeds) का उपयोग प्राकृतिक जल शोधक के रूप में किया गया है, जिससे कुचल कर पानी में मिला सकते हैं जिससे और पानी में अशुद्धियों को दूर करने में मदद मिलती है।
सहजन के पेड़ों का पर्यावरण पर प्रभाव । Impact of drumstick trees on the environment :
ड्रमस्टिक का पेड़ पर्यावरण परिवर्तन को कम करने में सहायक होते हैं यह कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में मदद कर सकते हैं। जैसे-जैसे पेड़ बढ़ते हैं, वे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं।
भूमि संरक्षण । Impact of drumstick trees on land conservation :
ड्रमस्टिक के पेड़ की जड़े मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती है, विशेष रूप से सूखे और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में। पेड़ की जड़ें मिट्टी को एक साथ बांधे रखती हैं, जिससे कटाव कम होता है और इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
वनों की कटाई । Impact of drumstick trees on deforestation:
वनों की कटाई हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या है। ड्रमस्टिक के पेड़ लगाने में आसान होते हैं और बहुत ही तेजी से बढ़ते भी हैं। यह सूखाग्रस्त इलाके या किसी भी जलवायु में तेजी से बढ़ सकते हैं और यह मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ाते हैं ।इसलिए वनों की कटाई वाले क्षेत्रों में ड्रमस्टिक के पेड़ लगाकर पर्यावरण और वन संरक्षण में मदद कर सकते हैं ।
सस्टेनेबल फार्मिंग । Impact of drumstick trees on Sustainable Farming
सहजन के पेड़ों को अन्य फसलों के साथ लगाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, क्योंकि पेड़ की पत्तियों और शाखाओं को हरी खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करने और फसल की उपज में वृद्धि करता है।
सहजन के पेड़ का सांस्कृतिक महत्व । Cultural Significance of Drumstick Tree :
सहजन के पेड़ का धार्मिक महत्व । Religious importance of drumstick tree :
भारत के कुछ क्षेत्रों में, ड्रमस्टिक के पेड़ को पवित्र माना जाता है, और उनके पत्ते, फूल और फल धार्मिक समारोहों और अनुष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं। माना जाता है कि पेड़ में आध्यात्मिक और उपचार गुण होते हैं, इसलिए यह पूजनीय है।
सहजन के पेड़ का पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद मैं महत्त्व । Importance of drumstick tree in traditional medicine and Ayurveda:
सहजन के पेड़ सदियों से आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोग किए जाते रहे हैं। पेड़ के विभिन्न भागों, जड़ों, पत्तियों सहित, सभी हिस्सों को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है इसलिए आज भी दैनिक भोजन में इसे प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
FAQ for Drumstick or Sahajan
Q1: सहजन या सहजन का पेड़ क्या है? । What is drumstick or drumstick tree?
Ans 1: ड्रमस्टिक या सहजन का पेड़ (मोरिंगा ओलीफेरा) एक तेजी से बढ़ने वाला, पेड़ है। यह अपने उत्तम पोषण और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
Q2: सहजन की पत्तियों और फली के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं? What are the health benefits of drumstick leaves and Fali, sahjan ki fali ke fayde kya hai?
Ans 2: सहजन के पत्ते और फली अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, जिनमें विटामिन, खनिज और अमीनो एसिड होते हैं। इसमें विटामिन ए, बी और सी, कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा और प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। सहजन, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए जाना जाता है, यह पाचन संबंधी रोग त्वचा ,रोग और बालों की समस्याओं को भी दूर करता है।
Q3: सहजन के पेड़ को कैसे उगाते हैं? । How to grow drumstick tree?
Ans 3: सहजन के पेड़ को बीच या तने के माध्यम से भी उगाया जा सकता है पेड़ को नियमित रूप से तब तक पानी दें जब तक जब तक कि यह ठीक से लग नहीं जाता जिसके बाद अत्यधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती ।
Q4: सहजन की फली और पत्तियों की कटाई कैसे करते हैं? ।
Ans 4: सहजन की फली को जब वह कोमल और मुलायम हो तब काटा जा सकता है, आमतौर पर लगभग 30-45 सेमी लंबी होती हैं। पेड़ से फली काटने के लिए एक तेज चाकू या कैंची का प्रयोग कर सकते हैं। सहजन की पत्तियां जो सबसे अधिक कोमल हो उनका प्रयोग किया जाता है। अधिक पोषण के लिए कटाई के बाद जितनी जल्दी हो सके पत्तियों और फली दोनों का उपयोग कर लेना चाहिए।
Q5: सहजन की पत्तियों और फली को कैसे पकाते हैं? ।
Ans 5: सहजन की पत्तियों को किसी भी अन्य पत्तेदार सब्जी जैसी पालक, चौराई, मेथी की तरह पकाया जा सकता है। उन्हें भूनकर, भाप में पकाकर या सूप में भी डाला जा सकता है। सहजन की फली को आमतौर पर सांबर, करी, या स्टर-फ्राई में उपयोग किया जाता है।
Q6: क्या सहजन के फूल भी खा सकते हैं? ।
Ans 6: सहजन के फूल खाने योग्य और पौष्टिक होते हैं। इनका उपयोग सलाद, सूप में किया जा सकता है। इनका स्वाद हल्का, मीठा होता है और ये विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं।
Q7: सहजन की पत्तियों और फली को कैसे स्टोर कर सकते हैं?। How to harvest drumstick pods and leaves?
Ans 7: ड्रमस्टिक के पत्तों को एक प्लास्टिक बैग में एक सप्ताह तक रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है। ड्रमस्टिक की फली को स्टोर करने के लिए, उन्हें एक पेपर टॉवल में लपेटें और एक प्लास्टिक बैग में भरकर फ्रिज में रख सकते हैं।
Q8: सहजन की पत्तियों और फलियों को सुखाकर इस्तेमाल के लिए स्टोर किया जा सकता है?। Can drumstick leaves and pods be dried and stored for use?
Ans 8: हाँ, सहजन की पत्तियों और फलियों को सुखाकर बाद में इस्तेमाल के लिए स्टोर किया जा सकता है। पत्तियों को सुखाने के लिए, उन्हें एक हवादार स्थान पर फैलाएं ,पूरी तरह से सूख जाने पर पत्तों को एक एयरटाइट कंटेनर में भरकर रखें। फली को सुखाने के लिए, बीज और गूदा निकाल दें, फिर बाकी के हिस्से को पतली स्ट्रिप्स में काट लें। धूप में अच्छी तरह सूखने के बाद इसे एयरटाइट कंटेनर में भरकर रखें।
Q9: क्या सहजन के पेड़ की लकड़ी भी उपयोगी है? । Is the wood of drumstick tree also useful?
Ans 9: ड्रमस्टिक पेड़ की लकड़ी बहुत ही मुलायम और कमजोर होती है और टिकाऊ नहीं होती है, इसलिए इसे फर्नीचर के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता लेकिन सहजन के पेड़ की लकड़ियों का उपयोग छोटे हस्तशिल्प बनाने के लिए किया जा सकता है।
Q10: सहजन के बीज का क्या उपयोग है?। What is the use of drumstick seeds?
Ans 10: सहजन के बीज में प्रोटीन, फाइबर और खनिज जैसे विभिन्न पोषक तत्व होते हैं। पाउडर या तेल के रूप मेंइनका प्रयोग किया जा सकता।
Q 11: सहजन का वानस्पतिक नाम क्या है? What is the drumstick botanical name?
Ans 11: सहजन के पेड़ (Sehjan ke Ped) का वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलीफ़ेरा (Moringa Oleifera) है।
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धन्यवाद, चाय के पल, आपके साथ इस सुंदर और समृद्ध साहित्यिक सफर को साझा करने के लिए। आपकी मेहनत और समर्पण को सलाम। आगामी कार्यक्रमों में भी आपके साथ जुड़ने की आशा के साथ, धन्यवाद! Brijesh