10+ शेर की कहानी। 10+ Awesome Lion Story in Hindi

10+ शेर की कहानी। 10+ Awesome Lion Story in Hindi
Lion and other animals in the forest which makes it a perfect picture to indicate the lion story in hindi for kids

अगर आप अपने बच्चों के लिए Lion Story in Hindi में ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह है। यह केवल Sher ki Kahani के बारे में ही नहीं सिखाते हैं बल्कि दोस्ती, साहस और अच्छाई के बारे में भी सिखाते हैं। तो आइए इस कहानियों के संग्रह को पढ़ें, अपने बच्चों को खुश करें और उन्हें शेर की कहानियों से नए-नए सीख दें।

शेर की कहानी का परिचय। Introduction of Lion Story in Hindi or Sher ki Kahani:

बच्चे कहानियों से बहुत प्यार करते हैं और वे ऐसी कहानियों को दिलचस्पी से सुनते हैं जिनमें कुछ नया सीखने को मिलता है और खुशी का एहसास होता है। 

इस कहानियों के संग्रह में हमने बच्चों के लिए कुछ ऐसे Sher ki Kahani हिंदी में जमा की है जैसे कि lion and rabbit story in hindi, the greedy lion story, lion and cow story, lion and fox story, lion and mouse story, sher aur chuha ki kahani इत्यादि जो बच्चों को नए-नए चीज़ सिखाने के साथ-साथ मनोरंजन भी करते हैं।

यह कहानियां सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं है बल्कि उनमें दोस्ती साहस और अच्छाई के महत्व को भी बताती हैं।

शेर और चूहे की कहानी । Sher aur Chuha ki Kahani, the Lion and the Mouse Short Story:

एक घने जंगल में एक शेर रहता था और वह सभी जानवरों को बहुत परेशान करता था। जंगल के सभी जानवर शेर से बहुत डरते थे।

उसी जंगल में एक चूहा भी रहता था। वह बहुत ही डरपोक था, अगर जंगल में तेज हवा भी चलने लगे तो डर से उसकी हालत खराब हो जाती थी। जंगल के बाकी जानवर उसका बहुत मजाक उड़ाते थे।

एक दिन जब चूहा अपने दोस्तो हीरन, बंदर, हाथी, खरगोश, इत्यादी के साथ बैठा बातें कर रहा था। तभी अचानक से जंगल में तेज हवा चलने लगी और चूहा डर के मारे जल्दी से झाड़ियों में छुप गया।

सभी चूहे पर हंसने लगे तभी हाथी ने कहा यह तो इतना डरपोक है कि हवा चलने से भी डर जाता है। और सभी जानवर उसका मजाक उड़ाने लगे। चूहे को यह सुनकर बहुत बुरा लगा।

Lion and mouse story_ an afraid mouse

वह झाड़ियों से बाहर आया और बोला मैं डरपोक नहीं हूं। तुम लोगों को क्या लगता है, मैं डर गया था। मैं डरा नहीं था, मैं किसी काम से गया था। फिर सारे जानवर हंसने लगे और बोले अच्छा ठीक है, अगर तुम डरे नहीं थे तो शेर के पास जाकर दिखाओ।

चूहे ने कहा ठीक है, चलो… उसके पास जाने में क्या हुआ है। मैं अभी चला जाता हूं… और शेर के पास जाना क्या मैं तो उसके ऊपर उछल कूद भी कर सकता हूं। मैं शेर से नहीं डरता, तुम लोग डरते होंगे। और चूहा अपनी बहादुरी दिखाने के लिए शेर के पास गया।

Lion and mouse story_ mouse playing on the head of lion

शेर अपनी गुफा के बाहर सो रहा था। चूहा धीरे-धीरे करके शेर के ऊपर चढ़ गया। शेर सो रहा था, इसलिए उसे पता नहीं चला। फिर चूहे की हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी, वह अपनी बहादुरी दिखाने के लिए सिर के ऊपर उछल कूद करने लगा।

और सारे जानवरों से बोला देखो… मैं शेर के ऊपर उछल कूद भी कर रहा हूं, मैं नहीं डरता शेर से, मैं डरपोक नहीं हूं… तुम लोग डरते हो।

सारे जानवरों ने उसे ऐसा करने से मना किया और बोला वापस आ जाओ वरना शेर जाग जाएगा। लेकिन चूहे ने उन लोगों की बात नहीं मानी और तभी सभी शेर उठ गया। शेर के उठते ही सभी जानवर वहां से डर के भाग गए।

चूहा डर से कांपने लगा। उसने कहा आप मुझे माफ कर दीजिए, मैं ऐसा फिर कभी नहीं करूंगा। मुझसे गलती हो गई, अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो हो सकता है कि मैं कभी आपके काम आ जाऊं।

शेर हंसने लगा उसने कहा… तुम मेरे क्या काम आ सकते हो। लेकिन तुम्हें मार कर भी क्या फायदा, तुम इतने छोटे से जानवर हो। तुम्हारी क्या जरूरत मुझे…मैं तो वैसे ही बहुत ताकतवर हूं।

आज मेरा किसी को मारने का मन नहीं है इसलिए मैं तुम्हें छोड़ देता हूं। जाओ यहां से और फिर कभी मेरे सामने मत आना। चूहा भी शेर को धन्यवाद देता हुआ वहां से चला गया।

Lion and mouse story_ Lion trapped in hunter's net

कुछ दिनों बाद जंगल में शिकारी आए जानवरों को पकड़ने के लिए। उन्होंने जंगल में जाल बिछा दिए। शेर इस बात से अनजान जंगल में इधर-उधर घूम रहा था और अचानक से वह जाल में फस गया। उसने मदद के लिए और जानवरों को बुलाया। लेकिन सभी शेर से डरते थे, इसलिए कोई उसके पास नहीं गया। शेर ने अपने आप को छुड़ाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह छुड़ा नहीं पाया।

शेर निराश होकर बैठ गया थोड़ी देर बाद चूहा उधर से टहलता हुआ जा रहा था। उसने देखा शेर शिकारी के जाल में फंसा हुआ है। वह तुरंत शेर के पास पहुंचा, उसने कहा आप इस जाल में कैसे फंस गए।

शेर ने कहा मुझे नहीं पता था कि शिकारी ने यहां जाल बिछाया है और मेरी कोई मदद भी नहीं कर रहा है। चूहे ने कहा मैं आपकी मदद करूंगा। मैं अपने नुकीले और तेज दातों से यह जाल काट देता हूं फिर आप बाहर आ जाना।

फिर चूहे ने जल्दी-जल्दी जाल काटना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में जाल काट दिया। तभी शेर ने देखा शिकारी आ रहे थे। शेर ने कहा जल्दी करो… मेरी पीठ पर बैठ जाओ, शिकारी आ रहे हैं… हमें तुरंत यहां से चलना होगा।

Lion and mouse story_ Lion and mouse become friend

चूहा जल्दी से शेर की पीठ पर बैठ गया और शेर तेजी से वहां से भागता हुआ अपनी गुफा की तरफ चला गया। शेर अपनी गुफा के बाहर रुक गया। उसने चूहे को नीचे उतारा और उसका धन्यवाद किया। उसने कहा तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया, तुमने आज मेरी जान बचा ली।

उस दिन मैंने तुम्हारा बहुत मजाक उड़ाया, इसके लिए मुझे क्षमा कर देना। आज से तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो। और फिर उस दिन के बाद से शेर और चूहे में अच्छी मित्रता हो गई। दोनों साथ-साथ जंगल में घूमा करते।

 सारे जानवर भी अब चूहे का मजाक नहीं उड़ाते थे। शेर ने चूहे की दयालुता और सच्चाई से सीख ली। वह समझ गया कि बुराई का अंत अच्छाई से होता है। उस दिन से उसने कभी भी किसी जानवर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की और हमेशा दयालु और सच्चा रहा।

Sher aur Chuha ki kahani, lion and mouse story in hindi,  the lion and the mouse story sequence, sher aur chuha ki kahani in hindi, the lion and the mouse story with pictures से यह सीख मिलती है की  हमें दयालु और सच्चे होना चाहिए। हमें दूसरों की मदद करना चाहिए और दूसरों के दुखों को कम करने का प्रयास करना चाहिए । यह एक do good have good story भी है कि जिसका मतलब यह दूसरो के साथ अच्छा करोगे तो तुम्हारा भी भला होगा।

अगर हम दयालु और सच्चे रहेंगे दूसरो के साथ अच्छा करेंगे तो हम अपने आसपास के लोगों के लिए एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और अपना भी भला होगा।

 यदि आप अपने बच्चों को ईमानदारी (honesty), दया (kindness), और सम्मान (respect) जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों को मजेदार कहानियों के माध्यम से बताना चाहते हैं तो हमारी Inspiring Top 10 Moral Stories in Hindi के संग्रह को पढ़ना ना भूले।

बंदर और शेर की कहानी।Bandar aur Sher ki Kahani / Lion and Monkey Story

एक घने जंगल में एक शेर रहता था । शेर उस जंगल का राजा था और अपनी दहाड़ के जरिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता था । शेर हमेशा अकेला रहना पसंद करता था और उसमें खुश था । लेकिन एक दिन उसे पता चला कि उसके पास में ही एक बंदर की फैमिली रहने लगी है।

शेर को इस नए परिवार के आने से थोड़ा सा अजीब लगा क्योंकि उसने पहले कभी जंगल में बंदर नजर नहीं आया था और साथ ही साथ आज तक ऐसा नहीं हुआ था कि कोई दूसरा जानवर शेर के इतने नजदीक में आकर रहता हो। शेर ने सोचा कि उसके नए पड़ोसियों को मिला जाए और उनके बारे में अधिक जानकारी हासिल की जाए।

Bandar aur Sher ki Kahani_ Scene 1 Lion Roaring
Bandar aur Sher ki Kahani_ Scene 2 Monkey family

जब शेर बंदरों की फैमिली के पास पहुंचा तो वे लोग पहले बहुत डर गए और उन्हें लगा कि शेर उन्हें खाने के लिए आ रहा है। लेकिन शेर ने उनसे प्यार से बात की और उन्हें समझाया कि वह सिर्फ उनके नए परिवार के बारे में जानना चाहता है।

बंदरों ने शेर का स्वागत करते हुए उससे मिलने की खुशी जाहिर की। बंदरों ने शेर को बताया कि उनके पुराने घर पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है। और उन्हें अपने उस जगह को छोड़कर यहां पर आना पड़ा। उन्होंने एक नए घर की खोज के लिए बहुत दूर तक सफर किया और अब जंगल में नए घर में रह रहे हैं क्योंकि यह उन्हें सुरक्षित जगह लगा।

बंदरों की दुख भरी कहानी सुनकर शेर का दिल भर आया और उसको पता चल गया कि यह लोग बहुत ही मुश्किल में है। शेर ने फैसला किया कि वह उनकी मदद करेगा और उनकी सुरक्षा भी। शेर ने बंदरों की फैमिली को आश्वासन दिया कि उसके रहते उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और वे लोग यहां पर शांतिपूर्वक बिना डरे रह सकते हैं।

जैसे जैसे दिन बीतते गए शेर और बंदर अच्छे दोस्त बन गए। शेर बंदरों को अक्सर मिलता और उनके बच्चों के साथ खेलता था। बंदर बदले में शेर आभार व्यक्त करते थे और उसके लिए फल और अखरोट ले आते थे।

एक दिन शिकारियों की एक टीम जंगल में आई। वे जंगली जानवरों को पकड़कर सर्कस में बेचने के लिए ढूंढ रहे थे। शेर को पता था कि उसके नए दोस्त खतरे में है इसलिए उसने फैसला किया कि वह उनकी मदद और सुरक्षा करेगा।

उसने सारे जंगल के जानवरों को इकट्ठा किया और उन्हें शिकारियों के बारे में बताया। सारे जानवर डर गए और उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। तब शेर ने उन्हें समझाया कि सब साथ में मिलकर शिकारियों को डरा कर भगा सकते हैं और उसने एक प्लान बनाया।

सारे जानवरों ने शिकारियों को चारों तरफ से घेर लिया और एक साथ जोर जोर से शोर मचाने लगे। तभी शेर शिकारियों के सामने आया और जोर से दहाड़ मारी और उनकी तरफ बढ़ने लगा। शेर को अपनी तरफ आता देख और उसकी दहाड़ सुनकर शिकारी डर गए और जंगल से भाग गए।

शिकारियों को जंगल से भागता हुआ देख सारे जानवरों ने राहत की सांस ली और वह शेर की जय-जयकार करने लगे। बंदर बहुत खुश हुआ यह देखकर कि उसके नए दोस्त शेर ने ना केवल उसकी मदद की बल्कि पूरे जंगल की मदद की।

 उस दिन के बाद शेर और बंदर खुशी-खुशी साथ में रहने लगे। शेर ने नए दोस्त बनाए और और सारे जानवरों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार और खुशी से रहने लगा। अब वह अकेला नहीं रहता था और अपनी दहाड़ से शक्ति प्रदर्शन और जानवरों को डराता नहीं था ।

सारे जानवर भी शेर को अपना राजा मानने लगे और उन्हें पता चल गया कि जब भी कोई मुसीबत आएगी तो शेर उन्हें उनकी रक्षा करेगा। पूरे जंगल में एक हंसी खुशी का माहौल बन गया।

Bandar aur Sher ki Kahani  or Lion and Monkey Story  से हमें यह सीख मिलती है कि मित्रता और सहयोग से कोई भी बांधा दूर हो सकती है तो हमेशा सबसे मिल जुल कर रहें और नए मित्र बनाने में कोई संकोच ना करें।

क्या आप अपने बच्चों को ज्ञान, साहस, न्याय और विनम्रता के विषयों को कहानियों के माध्यम से मनोरंजक ढंग से बताना चाहते हैं तो हमारी Best Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral के संग्रह को पढ़ना ना भूले।

शेर और खरगोश की कहानी।Sher aur Khargosh ki Kahani / Lion and Rabbit Story in Hindi

एक समय की बात है, एक जंगल में एक अहंकारी और ताकतवर शेर रहता था। वह जंगल का राजा था, और सारे जानवर उससे डरते थे।

उसकी दहाड़ जंगल में दूर तक सुनाई देती थी और जब वह जंगल में घूमता था तो सूर्य की रोशनी में उसके सुनहरे बाल चमकते थे और आसपास के जानवर उससे डर कर दूर भागते थे।

sher aur khargosh ki kahani
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उसी जंगल में, एक छोटा खरगोश रहता था जो अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता था। वह सभी जानवरों की मदद करता था और उनसे प्यार करता था और जंगल के सारे जानवर भी उससे बहुत प्यार करते थे।

एक दिन शेर बहुत ही गुस्से में था और उसकी दहाड़ पूरे जंगल में गूंज रही थी। उसने हर जानवर को अपने लिए खाना लाने को कहा और गुस्से में बोला, मैं जंगल का राजा हूं और मुझे अपने लिए वफादार प्रजा चाहिए जो मेरी हर प्रकार से सेवा करें।

जानवर बहुत परेशान और गुस्से में डरे हुए थे। लेकिन उन्हें पता था कि शेर को नाराज नहीं करना चाहिए। एक एक करके सारे जानवर शेर के लिए खाना लेकर आ रहे थे और उसके गुफा के सामने रख रहे थे।जेब्रा ने उसे ताजी घास दी, हाथी ने उसे पके हुए फल दिए और पक्षियों ने उसे स्वादिष्ट कीड़े दिए।

लेकिन खरगोश, शेर के व्यवहार से खुश नहीं था। उससे लगता था कि जंगल का राजा बुद्धिमान और न्याय संगत होना चाहिए, ना की स्वार्थी और अहंकारी। इसलिए, खारगोश ने सोचा की शेर को सबक सिखाना चाहिए।

वो शेर के गुफा के पास गाजर लेकर गया। वह शेर की गुफा के अंदर जाकर शेर को गाजर देते हुए कहता है, हे जंगल के राजा मैंने आपके लिए अपने बगीचे से गाजर लेकर आया हूं उम्मीद है आपको यह पसंद आएगा।

खरगोश के छोटे गाजर के गुच्छे को देख कर शेर हंसा और कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे इतना बेकार उपहार देने की? मैं जंगल का राजा हूं, और मुझे छोटे गाजर के गुच्छे नहीं बल्कि बड़े जानवर का मांस चाहिए ज्यादा चाहिए।

खरगोश ने पलटकर कहा, मैंने सुना है कि इस जंगल में एक और शेर है जो अपने आपको असली और आपसे बड़ा राजा मानता है। वह आप से बड़ा और ज्यादा ताकतवर भी है। लेकिन मैंने उस शेर से छुपते-छुपाते आपके लिए या गाजर का गुच्छा लाया हूं क्योंकि मैं आपको ही अपना असली राजा मानता हूं।

यह सुनकर शेर चौक गया और गुस्से में जोर से दहाड़ मारी। उसने गुस्से में कहा, इस जंगल का मैं अकेला शेर हूं । यहां पर और कोई नहीं है, मेरे रहते हुए दूसरा शेर मेरे राज्य में कैसे आ सकता है? चलो मुझे उससे मिलवाओ, मैं अभी उसकी खबर लेता हूं।

खरगोश मन ही मन मुस्कुराया यह सोच कर कि उसकी युक्ति काम कर रही है। उसने शेर को जंगल के किनारे एक गहरे, साफ तालाब की तरफ ले गया। यही वह दूसरा ताकतवर और आप से बड़ा शेर रहता है, खरगोश ने तालाब की तरफ इशारा करते हुए कहा।

शेर ने जब तालाब में झांक कर देखा तो उसे सचमुच एक ताकतवर और बड़े शेर का प्रतिबिंब या परछाई दिखाई दी जो उसकी तरफ ही देख रहा था। शेर को बहुत ही गुस्सा आया और उसने जोर की दहाड़ मारी। और गुस्से में कहा अभी इस नकली शेर को सबक सिखाता हूं, जिसने मेरे राज्य में आने की हिम्मत की।

शेर बिना सोचे समझे गहरे तालाब में कूद गया और खरगोश तुरंत एक सुरक्षित स्थान पर जाकर छुप गया। तब तक जंगल के और सारे जानवर भी तालाब के पास इकट्ठा हो गए थे।

शेर छपाक की आवाज के साथ तालाब के पानी में गिरा और तब उसे एहसास हुआ कि वहां और कोई दूसरा शेर या जानवर नहीं है। वह केवल अपनी ही परछाई देख रहा था।

शेर पूरी तरह से गीला हो गया था और बिना सोचे समझे अपने किए गए कार्य पर शर्मिंदा नहीं शर्मिंदा भी हो रहा था। किसी तरह वहां पानी से निकलकर किनारे पर आया।

खरगोश शेर के पास पहुंचा और बोला, एक जंगल के राजा को बुद्धिमान और विनम्र होना चाहिए ना कि अहंकारी, भयावह और बिना सोचे समझे कार्य करने वाला। राजा को अपने प्रजा की रक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रजा उसका सम्मान दिल से करें ना कि डर से

  और कृपया मुझे अपने इस किए गए कार्य पर क्षमा करें, मेरा उद्देश्य आप को हानि पहुंचाना नहीं बल्कि यह बतलाना था कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती हमारे अंदर से आती है।

शेर खरगोश की बुद्धिमत्ता और चतुराई से बहुत प्रसन्न हुआ और उसके दिल में खरगोश के लिए सम्मान बढ़ गया। शेर ने कहा “तुम सही कह रहे हो, चतुर खरगोश। मैं बेवकूफ और अहंकारी था। आज से, मैं अपने प्रजा के लिए एक बेहतर राजा बनने की कोशिश करूंगा।”

और उस दिन से, शेर एक बुद्धिमान और न्याय शासक बना। जंगल के जानवर खुशी से जीते रहे खरगोश के चतुराई और समाजदारी के कारण।

तो यह थी Sher aur Khargosh ki kahani, lion and rabbit story in hindi, the hare and the lion story, khargosh aur sher ki kahani, Rabbit and Lion Story in Hindi  जो हमें यह सिखाती है कि एक राजा या नायक को बुद्धिमान और विनम्र होना चाहिए चाहिए ना कि अहंकारी, भयावह और बिना सोचे समझे कार्य करने वाला। बुद्धिमान और विनम्र होने से, हम अपने अंदर की शक्ति को समझ और बदल सकते हैं।

अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।

शेर और गाय की कहानी। The Lion and the Cows Story:

एक समय की बात है, एक हरे भरे जंगल में एक समझदार, निडर और दयालू गाय रहती थी। वह सभी जानवरों के साथ प्रेम के साथ रहती थी और सदैव उनकी मदद करने के लिए तैयार रहती थी। जंगल के सारे जानवर भी उससे बहुत प्यार करते हैं। वो दिन भर हरी घास चरती और अपने कई दोस्तों के साथ खेलती थी।

lion and cow story
lion and cow story_Lion Roar

उसी जंगल में, एक क्रोधी और शक्तिशाली शेर भी रहता था जो जंगल का राजा था, और सारे जानवर उससे सम्मान और डर से देखते थे।

उसकी दहाड़ सुनकर सभी जानवर डर जाते थे। वह जंगल में घूमता, दहाड़ता और लोगों को याद दिलाता रहता था कि वह उनका राजा है। और जब भी उसे भूख लगती थी तो वह किसी भी जानवर का शिकार करता था।

एक सुहावने दिन की दुपहरी में शेर आराम कर रहा था तो उसे भूख का एहसास हुआ और वह अपने अगले शिकार के बारे में सोचने लगा। वो चुपके से जंगल की एक दिशा की ओर चल पड़ा एक स्वादिष्ट जानवर के तलाश में।

शेर घूमते हुए देखता है कि गाय आराम से एक जगह पर शांति से हरी घास चर रही है। शेर को तो अब भूख बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह गाय के शिकार के लिए दौड़ पड़ा। गाय को एहसास होता है कि कोई उसकी तरफ आ रहा है, जब वह पलट कर देखती है तो पता चलता है कि उसकी तरफ शेर दौड़ा चला आ रहा है।

गाय बिना डरे, बिना भागे, सहजता से से अपनी जगह पर खड़ी रहती है और शेर के आंखों में देखती है। यह देखकर शेर रुक जाता है और उसे हैरानी होती है कि गाय उसे देखकर भागी नहीं।

शेर को अपने नजदीक आता देख कर गाय ने धीरे से कहा, “कृप्या, शेर जी,” मुझे छोड़ दीजिए। मुझे पता है कि आप भूखे हैं और आपको खाना चाहिए, लेकिन मेरी प्रार्थना है की मुझे छोड़ दीजिए। इस जंगल में मेरे बहुत दोस्त हैं जो मुझे समर्थन और मार्गदर्शन के लिए चाहिए। अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो मैं आपसे वादा करती हूं कि आपको मैं अच्छा भोजन ढूंढने में मदद करूंगी।”

शेर गाय के सहस और शांत स्वभाव से हैरान था। उसने सोचा कि गाय को एक मौका दे कर देखते हैं। “ठीक है,” शेर गुर्राया, “तुम्हारे पास एक घंटा है खुद से बेहतर भोजन ढूँढने के लिए। अगर तुम फेल हो जाती हो, तो मैं तुम्हें खा जाऊंगा।”

गाय ने सर हिला कर मान लिया और तुरंट शेर के लिए उपयुक्त भोजन ढूंढने लगी। वो जंगल में चलते हुए अपने दोस्त बंदरों के समूह से मिली जो पेड़ों पर बैठकर मस्ती कर रहे थे। उन्होन मदद करने में हामी भरी और शेर के लिए खाना ढूंढने लगे। लेकिन उन्हें ऐसा कोई भोजन नहीं मिला जिसे देखकर शेर खुश हो और गाय को छोड़ दें।

ढूंढते-ढूंढते वह लोग एक गुफा के पास पहुंचे। उस गुफा में एक भालू सो रहा था जिसको देखकर एक बंदर बहुत खुश हो गया। और उसने कहा आओ मैं तुम्हें अपने दोस्त भालू से मिलाता हूं वह जरूर हमारी मदद करेगा भोजन को ढूंढने में।

उस बंदर ने अपने दोस्त भालू को जगाया और सारी बात बताई तो भालू ने कहा उसके पास एक ऐसा भोजन है जो शायद शेर ने कभी नहीं खाया हो और उसे पसंद भी आए। यह सुनकर गाय और बाकी सारे बंदर खुश हो गए।

इसके बाद भालू सभी को लेकर एक छिपे हुए गुफा में लेकर गया जहां पर स्वादिष्ट शहद का भंडार था। भालू पेड़ पर चढ़कर एक बड़े पत्ते में शहद को इकट्ठा किया और गाय को दिया। गाय और बंदरों के के समूह ने भालू का धन्यवाद दिया जरूरत के समय में उनकी मदद करने के लिए।

गाय तुरंत वहां से शेर की गुफा की तरफ भागी जहां पर शेर बड़े गुस्से और बेसब्री से गाय का इंतजार कर रहा था।

जब शेर ने सुनहरे शहद देखा, उसकी आंखें खुशी से चमक उठी। वो शहद की मिठास लेने लगा, और उसने सोचा कि कभी अपनी जिंदगी में ऐसा स्वादिष्ट खाना नहीं खाया था। उसने गाय को देखकर कड़क आवाज में बोला “तुमने अपना वादा निभाया, और मैं अपना निभाऊंगा। तुम्हें जाने दूंगा।”

उस दिन से, शेर समझदारी, निडरता और दया को समझने लगा। उसने जंगल के जानवरों को डराना बंद कर दिया और एक अच्छे राजा की तरह उनकी सुरक्षा करने लगा। अब सारे जानवर बिना डरे सुकून और शांति से जंगल में रहने लगे।

गाय को सब लोग समझदार, निडर और दयालु दोस्त मानने लगे क्योंकि उन्होंने सीखा कि किसी भी ताकतवर प्राणी को भी दया, निडरता और समझ से बदल सकते हैं।

Lion and cow story, the cows and the lion story, the lion and the cows story का उपदेश है कि दया, समझदारी, और निडरता से समाज समाज में बड़े से बड़े कठिनाई को भी पार किया जा सकता है और और उन लोगों के दिलों को भी बदल सकते हैं जो कठोर निर्दई और दूसरों लोगों को डराते हैं।

साथ ही साथ यह भी सीख मिलती है कि अगर आप दूसरों के प्रति दयालु और प्रेम भावना रखते हैं तो जरूरत में दूसरे लोग आपकी मदद भी करते हैं।

 ऐसे ही जानवरों की मजेदार कहां पर शिक्षा पद कहानियां पढ़ने के लिए हमारे दूसरे पोस्ट Lazy Crow को पढ़ना ना भूले।

शेर और लोमड़ी की कहानी। Lion and Fox Story, Lomdi aur Sher ki Kahani

एक समय की बात है, एक घने और हरे-भरे जंगल में, एक शक्तिशाली शेर और एक चतुर लोमडी जिसका रहते थे। वैसे तो दोनों बहुत अलग थे लेकिन उनके बीच बहुत ही गहरी दोस्ती थी जो जंगल के सारे जानवरों के लिए आदर्श था। 

उनकी दोस्ती ज्ञान, बुद्धिमत्ता और ताकत का प्रतीक ( symbol of wisdom, intelligence and strength ) था, और उनकी कहानी हमें सिखाती है कि एकता में बल (strength in unity) होता है और सच्ची दोस्ती किसी भी मुश्किल को पार कर सकती है।

उस घने जंगल में सभी जानवर शेर को अपना राजा मानते थे। उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देती थी और जो भी सुनता, डर से कांप उठता था। शेर बहुत ही शक्तिशाली, बलवान और स्वाभिमानी (powerful, strong and self-pride) होने के साथ-साथ बुद्धिमान और दयालु ( wise and compassionate) भी था। वह एक निष्पक्ष और न्याय प्रिय राजा था और सभी जानवर उसका सम्मान करते थे।

दूसरी तरफ लोमड़ी भी अपनी तेज बुद्धि और चतुर स्वभाव के लिए जानी जाति थी। उसकी समझदारी और समस्या को सुलझाने की क्षमता से सब प्रभावित थे क्योंकि वह हमेशा दूसरे जानवरों की विभिन्‍न समस्याओं सुलझाने में उनकी मदद करती थी। लोमड़ी की इन्हीं सब खूबियों की वजह से वह शेर की एक अच्छी और महत्वपूर्ण सलाहकार सलाहकार थी और दोनों में गहरी दोस्ती थी।

एक सुहावने और खिली खिली धूप वाले दिन शेर और लोमड़ी जंगल में घूम रहे थे। तभी उन्होंने कुछ जानवरों को झगड़ते देखा। विवाद हाथी के झुंड और भेड़ियों के बीच था।

हाथी ने भोजन तलाशने के दौरन अंजाने में भेड़ियों का घर ( मांद या गुफा or Den) नष्ट कर दिया था, जिससे भेड़ियों का झुंड बेघर और क्रोधित हो गए थे। भेड़िये मुआवज़ा (compensation) मांग रहे थे, जबकी हाथी इससे दुर्घटना मान कर इनकार कर रहे थे।

शेर और लोमड़ी समझ गए थे कि अगर वो हस्तक्षेप नहीं करते और समस्या का समाधान नहीं निकालते तो यह लड़ाई और भी विकट हो सकती है जिसका परिणाम जंगल के लिए विनाशकारी होगा। दोनों ने मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढने और दोनों झुंड के बीच शांति स्थापित करने का फैसला किया।

शेर ने दोनों पक्षों को शांत करने के लिए जोर से एक दहाड़ मारी जिससे दोनों पक्ष झगड़ा बंद करके शेर की तरह देखने लगे। तब लोमड़ी ने दोनों पक्षों को शांत होने के लिए कहा और अपनी समस्या को शेर से बताने के लिए बोली ताकि इसका समाधान निकाला जा सके।

दोनों पक्षों की समस्या सुनने के बाद, लोमड़ी अपनी तेज बुद्धि और चतुर स्वभाव के साथ, इस समस्या के समाधान के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। उसने सुझाव दिया कि हाथी अपने शक्तिशाली सूंड से भेड़ियों का नया और बेहतर घर ( मांद या गुफा or Den) बनाने में मदद कर सकते हैं, जबकी भेड़िये अपनी सूंघने की शक्ति से हाथियों के लिए भोजन को ढूंढें। इस तरह, दोनों पक्षों को लाभ होगा और जंगल में शांति भी बनी रहेगी।

शेर को यह समाधान न्याय संगत लगा और उसने दोनों पक्षों को ऐसा करने के लिए बोला। शेर ने एक बुद्धिमान शासक के रूप में, निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित किया जबकि लोमड़ी अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से समस्या का समाधान प्रस्तुत किया।

हाथी और भेड़ियों को पहले तो हिचकिचाहट हुई, लेकिन लोमड़ी का चतुराई भरा प्रस्ताव और शेर की न्याय प्रियता और शक्ति को भापकर दोनों पक्षों ने इस प्रस्ताव को मानने का फैसला किया।

फिर हाथी और भेड़ियों ने साथ काम करना सीख लिया और इससे दोनों पक्षों के बीच में रिश्ता भी मजबूत हुआ। नई मांद शानदार थी, जो भेड़ियों को आरामदायक और सुरक्षित आश्रय प्रदान करती थी। बदले में, हाथियों ने भोजन के नए स्रोतों की खोज की, भेड़ियों की सूंघने की तीव्र शक्ति के कारण।

इस विकट समस्या का इतनी सरलता और शांति से समाधान से जंगल के सारे जानवरों ने खुशियां मनाई और शेर और लोमड़ी की दोस्ती और न्याय प्रियता एक उदाहरण बन गई। दोनो दोस्त शांति और सद्भावना को बनाए रखने के लिए साथ काम करते रहे।

Lion and Fox Story, Lomdi aur Sher ki Kahani का सारांश: एकता में शक्ति (unity is strength) है, और सच्ची मित्रता (true friendhip) किसी भी बाधा को पार कर सकती है। एक साथ काम करके और एक-दूसरे की अद्वितीय क्षमताओं (unique ability) को महत्व देकर, हम जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं और अपने जीवन में सामंजस्य बनाए रख सकते हैं।

अगर आप अपने बच्चों को लोमड़ी की बुद्धिमत्ता और चतुराई की दूसरी कहानियां पढ़ना सुनाना चाहते हैं तो हमारे पोस्ट Saaras aur Lomdi ki Kahani को पढ़ना ना भूले।

आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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