अपना काम स्वयं करें- Do Your Own Work: Bedtime story for Kids in Hindi

अपना काम स्वयं करें- Do Your Own Work: Bedtime story for Kids in Hindi

अपना काम स्वयं करें (Do Your Own Work) एक बहुत पुरानी कहावत है लेकिन इससे मिलने वाली सीख आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी की पहले थी। यह Bedtime Story for Kids in Hindi बच्चों को अपना काम स्वयं करने के महत्वपूर्ण पाठ को सिखाती है।

यह कहानी एक किसान की है जो दूसरों को अपना काम करवाने की कोशिश करता है। लेकिन वह काम नहीं होता है और कुछ समय पश्चात उसे एहसास होता है कि दूसरों से अपना काम करवाने की बजाय खुद को स्वयं काम करना चाहिए।

यह मनोहर कहानी (Short story for kids in hindi) बच्चों को अपने काम में जिम्मेदारी के महत्व को समझाती है और उन्हें यह सिखाती है कि खुद काम करना (Do Your Own Work) एक अहम कौशल है।

अपना काम स्वयं करें- Do Your Own Work: The Importance of Doing Your Own Work, Bedtime Story for Kids in Hindi

एक गांव में एक किसान रहता था । उसका बहुत बड़ा खेत था । खेत में फसल भी लगभग तैयार होने वाली थी ।

उसी खेत के बीच में गौरैया का एक घोंसला था और उसमें तीन छोटे-छोटे गौरैया के बच्चे थे । गौरैया सारा दिन दाने चुन-चुन कर लाती और बच्चों को खिलाती थी । बच्चे अभी छोटे थे इसलिए उड़ नहीं पाते थे ।

एक दिन किसान खेत पर अपने बेटे के साथ आया । उसने फसलों को देखा और बोला कि फसल तो लगभग तैयार होने वाली है । मैं कल अपने रिश्तेदारों को बोल देता हूं आकर फसल काट दे और किसान अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।

चिड़िया के बच्चे ये बात सुनकर डर गए कि कल फसल कट जाएगी तो हम कहां रहेंगे । जैसे ही चिड़िया आई बच्चे उसे देख कर रोने लगे और बोले मां कल यह खेत की फसल कट जाएगी, हम कहां रहेंगे।

चिड़िया ने कहा यह आपसे किसने कहा तो बच्चे बोले कि किसान अपने बेटे के साथ आया था । उसने कहा फसल तैयार हो गई है, कल अपने रिश्तेदारों को बोलकर फसल कटवा देगा ।

बच्चों की बात सुनकर चिड़िया मुस्कुराने लगी । उसने कहा कल खेत की फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो।

कुछ समय बीता तो किसान एक दिन फिर अपने बेटे के साथ आया और बोला रिश्तेदारों ने फसल नहीं काटी । कल मैं दूसरे किसानों को बोलकर अपनी फसल कटवा लूंगा और फिर अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।

चिड़िया के बच्चे फिर डर गए और चिड़िया के आने पर रो कर सारी बात बताने लगे । चिड़िया ने कहा कल फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो । कुछ और दिन बीत गए लेकिन फसल नहीं कटी ।

फिर से किसान अपने बेटे के साथ खेत पर आया और फसल को देखकर बोला दूसरे किसानों ने भी हमारी फसल नहीं काटी । अच्छा कल पड़ोसियों को बोलकर फसल कटवा देता हूं और अपने बेटे के साथ वहां से चला गया ।

बच्चे फिर डर गए और चिड़िया के आने पर सारी बातें बता कर परेशान होने लगे ।  फिर चिड़िया ने कहा कल फसल नहीं कटेगी, तुम लोग परेशान मत हो । कल भी फसल काटने कोई नहीं आया ।

चिड़िया के बच्चे अब काफी बड़े हो गए थे और थोड़ा उड़ना भी सीख गए थे ।

कुछ दिन बाद किसान फिर अपने बेटे के साथ खेत पर आया और फसलों को देखकर बोला… बेटा सारे खेतों की फसल कट गई, बस हमारे ही खेत की फसल रह गई है। लगता है कोई नहीं आया हमारी फसल काटने। कल हम लोग खुद ही आकर अपनी फसल काटेंगे और वहां से चला गया फसल काटने की तैयारी करने ।

जब चिड़िया आई तो बच्चों ने सारी बात बताई । तब चिड़िया ने कहा बच्चों अब तुम लोगों का उड़ने का समय आ गया है और कल इस खेत की फसल भी कट जाएगी। अब हमें यहां से चले जाना चाहिए ।

बच्चों ने कहा मां तुम्हें कैसे पता कि कल फसल कट जाएगी । तुम तो हमेशा कहती हो कि कल फसल नहीं कटेगी। चिड़िया ने बच्चों की बातों को सुनकर कहा कि वह किसान हमेशा अपना काम किसी और से करने के लिए कहता था। लेकिन इस बार उसने अपना काम स्वयं करने की सोची इसलिए कल यह फसल कट जाएगी ।

हमें हमेशा अपना काम स्वयं करना (Do Your Own Work) चाहिए ना कि दूसरों के भरोसे रहना चाहिए । फिर चिड़िया और उसके बच्चे वह खेत छोड़ कर उड़ गए ।

अपना काम स्वयं करें कहानी से सीखMoral of Do Your Own Work Bedtime Story for Kids in Hindi:

जो लोग अपना काम करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, वे हमेशा खुद को परेशानी में पाते हैं। दूसरों की मदद लेना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन पूरी तरह से उन पर निर्भर रहना एक अच्छा विकल्प नहीं है। ऐसे में या तो आपका काम नहीं बनेगा या उसमें देरी होगी।

किसी से अपना काम करवाना वैसा ही है जैसे किसी से अपना खाना चबवाना। इस तरह सामने वाला ही खाने के स्वाद का लुत्फ उठाएगा, आप नहीं।

इसलिए हमेशा अपना काम स्वयं करें (Do Your Own Work)और दूसरों पर निर्भर न रहें।


अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।


नोट: यहां साझा की गई प्रेरक या नैतिक कहानी मेरी मौलिक रचना नहीं है, मैंने इसे पहले भी पढ़ा है और मैं अपने विचारों और सीखों को शामिल करने के बाद बस इसका हिंदी संस्करण प्रदान कर रहा हूं।

Note: This Bedtime story or Moral Story shared here is not my original creation, I have read it before and I am just providing the Hindi version of it after including my own thoughts and learnings.


आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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