बांस की टोकरी चुनौती। Bamboo Basket Challenge: A Panchatantra Story

बांस की टोकरी चुनौती। Bamboo Basket Challenge: A Panchatantra Story

बांस की टोकरी चुनौतीज (Bamboo Basket Challenge) में भक्ति और विवेक की अविश्वसनीय शक्ति की खोज करें, जो विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने और सफलता प्राप्त करने की एक प्रेरक पंचतंत्र कहानी है।

यह कहानी 3 युवा शिष्य की है जो अपने गुरु के लिए टपकती बांस की टोकरी में पानी ले जाने के कठिन कार्य का सामना करते हैं। जो हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और किसी भी चुनौती को पार करने के लिए समय, दृढ़ता और विश्वास का उपयोग करने का मूल्यवान सबक सिखाती है।

बांस की टोकरी चुनौती की एक पंचतंत्र कहानी। A Panchatantra Story of Bamboo Basket Challenge:

एक समय की बात है। एक गुरुकुल में, गुरुजी ने अपने शिष्यों की परीक्षा लेने की सोची। उन्होंने अपने तीनों शिष्यों को अपने पास बुलाया, और उन्हें एक-एक बांस की टोकरी दी।

फिर गुरु जी ने पास की नदी से उस टोकरी में जल भरकर लाने को कहा। सभी शिष्य हैरानी से गुरु जी को देख रहे थे, लेकिन गुरु जी ने कहा है, तो वह उनका विरोध नहीं कर सके, इसलिए वह अपनी अपनी टोकरी लेकर नदी की तरफ चल दिए।

पहले शिष्य ने नदी में जाकर टोकरी में पानी भरा, और जैसे ही टोकरी को उठाया तो उसमें से पानी नीचे गिर गया। उसने सोचा यह कैसा अजीब सा कार्य गुरु जी ने दिया है, इस टोकरी में भी भला पानी रुक सकता है?
लेकिन गुरु जी पर अपार श्रद्धा होने के कारण ,उसने सोचा यदि गुरु जी ने कहा है, तो कुछ सोच समझकर ही कहा होगा।

वह बार-बार टोकरी में पानी भरने की कोशिश करता और टोकरी से पानी नीचे गिर जाता। दूसरे शिष्य ने टोकरी में पानी भरा, और अपनी पूरी शक्ति से गुरुजी की तरफ दौड़ लगाई, लेकिन गुरुजी के पास तक पहुंचते-पहुंचते सारा पानी गिर गया।

वह फिर दोबारा नदी की तरफ गया, फिर उसने टोकरी में पानी भरा और फिर से अपनी पूरी शक्ति लगाकर गुरुजी की तरफ टोकरी लेकर दौड़ा, लेकिन फिर से उन तक पानी नहीं ले जा पाया।

इसी प्रकार वह सुबह से शाम तक दौड़ता रहा लेकिन वह उस टोकरी में पानी नहीं ले जा पाया।प्रयास करते – करते सुबह से शाम हो गई और वह दोनों शिष्य अपनी खाली टोकरी लेकर गुरुजी के पास पहुंचे।

गुरुजी ने उन दोनों की खाली टोकरी देखकर पूछा तुम दोनों की टोकरिया खाली क्यों है? दोनों शिष्यों ने कहा गुरु जी हम इन टोकरियो में पानी नहीं ला सके।

गुरुजी ने पूछा तीसरा शिष्य कहां है ,अभी तक आया नहीं?

तो दोनों शिष्यों ने कहा गुरुजी वह तो सुबह से पानी में टोकरी लेकर बैठा है, पता नहीं क्या कर रहा है?
तभी दूर से उन्हें तीसरा शिष्य तेजी से अपनी ओर आता हुआ दिखाई दिया।

जब वह गुरुजी के पास पहुंचा तो उसके हाथों में जो टोकरी थी, उसमें पानी था। गुरुजी देख कर बहुत प्रसन्न हुए, उन्होंने कहा तुम यह पानी इस टोकरी में किस प्रकार ला सके बताओ?

तीसरे शिष्य ने कहा गुरु जी जब मैं, टोकरी में पानी भरा था, तो पानी नीचे गिर जाता था। कई बार पानी भरने के बाद मैंने ध्यान दिया की बांस की टोकरी थोड़ी थोड़ी फूलने लगी हैं।

तो मैंने सोचा यदि बांस की टोकरी को काफी देर तक पानी के अंदर रखा जाए, तो वह फूल जाएगी, और इसके छेद इतने छोटे तो हो जाएंगे कि मैं इसमें पानी भर कर आपके पास तक ला सकूं, सो मैंने वही किया।

गुरु जी यह देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उसकी सूझबूझ और समझदारी के लिए उसे आशीर्वाद दिया

बांस की टोकरी चुनौती पंचतंत्र की कहानी का नैतिक मूल्य। Moral of the Bamboo Basket Challenge panchtantra ki kahaniyan:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर भक्ति, शक्ति और युक्ति (Devotion, Power and Tactic) का सही समय पर उपयोग करें तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी।


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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