बच्चों के लिए कविताएं। Hindi Kavita for Kids: Over 50 Heartwarming Poems for Kids to Enjoy
विभिन्न विषयों पर आधारित बच्चों के लिए 50 से अधिक छोटी हिंदी कविताओं (Hindi Kavita for Kids) का एक रमणीय संग्रह पढ़ेंऔर हिंदी के प्रति प्रेम बढ़ाएं!
जानवरों से लेकर प्रकृति और उससे आगे तक, ये कविताएँ (Hindi Poems for Kids) युवा पाठकों के लिए आनंद लेने और सीखने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।
Hindi Kavita for Kids no.1: पढ़ेंगे- लिखेंगे
Table of Contents
पढ़ेंगे लिखेंगे करेंगे अच्छा काम,
खेलों में भी करेंगे ऊँचा नाम-२
सबसे है अच्छा दोनों का मेल
समय पर पढ़ना, समय पर खेल
ला ला ला….
Hindi Kavita no. 2: आओ झूलें
आओ झूलें (हम और तुम)-३
आकाश छूलें, धरती को चूमें-२
ऊपर नीचे, नीचे ऊपर,
आओ झूलें (हम और तुम)-२
Hindi Poem for Kids no. 3: मेरा परिवार
मेरा परिवार कितना प्यारा,
हम सब की आँखों का तारा,
इसने मेरा बचपन संवारा,
यह मेरा परिवार कितना प्यारा।
Poem for Kids in Hindi no. 4: दादा जी का चश्मा गोल
दादा जी का चश्मा गोल,
मम्मी बनाती रोटी गोल,
पापा देते पैसे गोल,
सूरज गोल, चंदा गोल,
सारी दुनिया गोल मटोल।
Kids poem in Hindi no. 5: पानी बरसा छम छम छम
पानी बरसा छम छम छम,
छाता लेकर निकले हम।
पैर फिसल गया,
गिर गए हम,
नीचे छाता, ऊपर हम।
Hindi Kavita for Kids no. 6: सर्दी आई
सर्दी आई, सर्दी आई,
रुई जैसी बर्फ है लाई,
ठंडी हवा से काँपें हम सब,
टोपी, स्वेटर पहने हम सब,
गरमा गरम जलेबी खाते,
रजाई ओढ़ कर हम सो जाते,
सर्दी आई, सर्दी आई।
रुई जैसी बर्फ है लाई।
Bal Geet no. 7: गर्मी आई
गर्मी आई, गर्मी आई,
आम तरबूज़ साथ में लाई।
पंखा सबको भाता है,
ठंडा पानी पीते है,
आइसक्रीम सॉफ्टी खाते हैं।
Hindi rhymes for kids no. 8: काले बादल करते शोर
काले बादल करते शोर-२
देखो नाच रहा है मोर-२
ढोलक बाजे ढम ढम ढम-२
सारे नाचे (छम छम छम)-२
children's poetry in hindi no. 9: घोड़ा आया
घोड़ा आया, घोड़ा आया,
खींच के घोड़ा गाड़ी लाया।
भैया वाह वाह वाह-२
घोड़ा गाड़ी की सवारी,
कितनी अच्छी कितनी प्यारी।
भैया वाह वाह वाह-२
घोड़ा गाड़ी के दो पहिये,
ज़रा संभलकर बैठे रहिये।
भैया वाह वाह वाह-२
घोड़ा सरपट भागा जाए,
भैया तुमको गीत सुनाए।
भैया वाह वाह वाह-२
घोड़ा टक टक भागा जाए,
पहिया टूटा गीत सुनाए ।
भैया वाह वाह वाह-२
घोड़ा रूका तो मारा झटका,
मियाँ जी को नीचे पटका।
भैया ऊई ऊई ऊई।
Baal Kavitayen no. 10: म्याऊँ म्याऊँ
म्याऊँ म्याऊँऊँ म्याऊँ म्याऊँ,
किसको छोड्डू, किसको खाऊँ
एक तरफ है दूध मलाई,
एक तरफ से चुहिया आई
किसको छोड़ू, किसको खाऊँ
म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ
एक तरफ से मालिक आया,
इतना मोटा डंडा लाया-२
एक तरफ से कुत्ता आया,
किधर जाऊँ, किधर जाऊँ-२
म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ…
Hindi Kavita for Kids no. 11: जंगल में जानवर खेलते हैं
जंगल में जानवर खेलते हैं-२
हम भी खेलेंगे ऐसे।
शेर ऐसे दहाड़ता है,
हम भी दहाड़ेगें ऐसे।
बन्दर ऐसे उछलता है
हम भी उछलेंगे ऐसे।
Hindi Poem for Kids no. 12: पाँच छोटे बंदर
पाँच छोटे बंदर बिस्तर पे कूदे
एक गिर गया और उसके सर पर लग गई।
मम्मी ने डॉक्टर को बुलाया,
डॉक्टर ने कहा फिर से बिस्तर पर कूदना है मना।
चार छोटे बंदर…..
तीन छोटे बंदर….
दो छोटे बंदर…..
एक छोटा बंदर….
Poem no. 13: बंदर कूद-कूद-कूद।
बंदर पेड़ पर बैठा है
क्या बंदर तू भूखा है?
मेरे पास आ, रोटी खा, पानी पी!
बंदर कूद-कूद-कूद ! बंदर कूद !
Kids poem in Hindi no. 14: चूहे की बारात
चूहे की बारात चली थी,
आये सभी बाराती-२ हाथी,
ऊँट, भेड़िया आया,
हिरणी ढोल बजाती-२
मगर नहीं जब घोड़ा आया-२
खोज हुई तब भारी
पता चला वो नहीं आएगा,
पाए बिना सवारी-२ चूहे की बारात….
Kids poem in Hindi no. 15: नन्हीं चींटी
नन्हीं सी चींटी देखो,
कितनी मेहनत करती है।
जगह जगह यह फिरती है,
सदा मेल से रहती है।
मुँह में दाना भर लाती,
अपने बिल में रख आती।
गर्मी भर ये करती काम,
वर्षा में करती आराम।
Hindi Kavita no. 16: चीकू चाचा
चीकू, चीकू चाचा,
घड़ी में चूहा नाचा,
घड़ी ने एक बजाया,
चूहा नीचे आया।
आज चूहे की शादी है,
मुझे बुलावा आया है।
खूब मिठाई खायेगें,
मोटे होकर आयेगें-२
अरे, अरे! आज चूहे की शादी है।
Hindi Kavita no. 17: चूँ-चूँ करती आई चिड़िया
चूँ-चूँ करती आई चिड़िया, दाल का दाना लाई चिड़िया-२
मोर भी आया, कौवा भी आया, चूहा भी आया, बंदर भी आया,
चूँ-चूँ करती…
भूख लगी तो चिड़िया रानी, मूंग की दाल पकाएगी-२
कौवा रोटी लायेगा, ला के मुझे खिलाएगा,
मोर भी आया…
चलते चलते मिलेगा भालू, हम बोलेंगे नाचो कालू, नाचो कालू-२
मुन्ना ढोल बजाएगा, भालू नाच दिखाएगा, मोर भी आया….
साथ हमारे चले बाराती, मैं तो हूँ मुन्ने का हाथी, मुन्ने का हाथी-२
सीधा दिल्ली जाऊँगा, तेरी दुल्हनिया लाऊँगा,
मोर भी आया, कौवा भी आया, चूहा भी आया, बंदर भी आया
चूँ चूँ…
Hindi Kavita no. 18: हरी नीम की डाल पर
हरी नीम की डाल पर, तीन तोते थे। तीनों सोते थे,
एक पटाखा फूटा, जैसे बरतन टूटा,
डर गए तीनों तोते। उड़ गए तीनों तोते।
पहला तोता फुर्र, दूसरा तोता फुर्र-फुर्र,
तीसरा तोता फुर्र-फुर्र-फुर्र !
Hindi Kids Poetry no. 19: हाथी आया
हाथी आया झूम के, धरती माँ को चूम के,
गन्ने, पत्ते खाता है, लंबी सूँड हिलाता है।
आँखें उसकी छोटी-छोटी, टांगे उसकी मोटी-मोटी,
पंखे जैसे उसके कान, देखो भैया इसकी शान।
Hindi Kids Poetry no. 20: एक छोटी किश्ती मेरे पास
एक छोटी किश्ती मेरे पास, एक छोटी किश्ती मेरे पास,
वह नई बनवाई, नीली रंगाई और पानी में तैराई।
एक मेंढक बैठा पानी में, उसने देखा,
मुझको घूरा और कूदा किश्ती में।
मेरी किश्ती डगमगा गयी,
वह दूर तक गई, आँख से छिप गई,
और पानी में खो गई।
Hindi Kids Poetry no. 21:लाल पीली मोटर है
लाल पीली मोटर है,
मैं उसका ड्राईवर हूँ।
चाबी मैं लगाऊँगा,
हैंडल को घूमाऊँगा।
पापा को बैठाऊँगा।
मोटर चलेगी पों…पों…पों
Hindi Kids Poetry no. 22: रेल
छुक छुक करती आई रेल, धूल उड़ाती आई रेल,
सीटी देती आई रेल, पटरी-पटरी आई रेल,
कितना समय बचाती रेल, शहर-शहर पहुँचाती रेल।
Hindi Kids Poetry no. 23: सेब
सब फलों में सेब निराला, लाल-लाल सा प्यारा-प्यारा।
एक सेब जो रोज़ है खाता, डॉक्टर को वह दूर भगाता।
मम्मी मुझे सेब खिला दो, वरना एप्पल जूस पीला दो।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 24: आम फलों का राजा है
आम फलों का राजा है,
गर्मी में ये मिलता है।
खट्टा मीठा स्वाद लिए यह,
सबके मन को भाता है।
आम फलों का राजा है।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 25: वाह जी टमाटर
वाह जी टमाटर बड़ा मज़ेदार, बल्ले-बल्ले टमाटर, बड़ा मज़ेदार।
एक दिन इसको खरगोश ने खाया, शेर को भी दहाड़ भगाया।
वाह जी टमाटर बड़ा मज़ेदार…
एक दिन इसको चूहे ने खाया, बिल्ली को भी मार भगाया।
वाह जी टमाटर बड़ा मज़ेदार…
एक दिन उसको छोटू ने खाया, लंबू को भी मार भगाया।
बल्ले-बल्ले टमाटर बड़ा मज़ेदार…
एक दिन इसको पतलू ने खाया, मोटू को भी मार भगाया,
वाह जी टमाटर बड़ा मज़ेदार ।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 26: आलू बोला मुझको खा लो
आलू बोला मुझको खा लो, मैं तुमको मोटा कर दूँगा।
पालक बोली मुझको खा लो, मैं तुम में ताकत भर दूँगी।
गोभी, मटर, टमाटर बोले, अगर हमें भी खाओगे,
शीघ्र बड़े हो जाओगे ।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 27: एक दो, एक दो बढ़ते कदम
एक दो, एक दो बढ़ते कदम,
भारत माँ के बच्चे हम-२
नहीं रूकेंगे, नहीं झुकेंगे-२
आगे बढ़ते रहेंगे हम-२
एक दो, एक दो बढ़ते कदम,
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 28: भारत की शान
झंडा है भारत की शान,
झंडा है वीरों की आन।
इसको हम शीश झुकाते,
जन-गण-मन का गीत हैं गाते।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 29: हम होगे कामयाब
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिन…
ओ हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन।
हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ, हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन,
ओ हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन।
होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर होगी शांति चारों ओर एक दिन,
मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास, होगी शांति चारों ओर एक दिन ।
नहीं डर किसी का आज, नहीं डर किसी का आज, नहीं डर किसी का आज के दिन,
ओ हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास, नहीं डर किसी का आज के दिन।
ओ हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 30: हम छोटे छोटे बच्चे हैं
हम छोटे छोटे बच्चे हैं,
दाँत हमारे कच्चे हैं।
हम भी लड़ने जाएँगे,
सीने पर गोली खाएँगे,
कट जाएँगे, मर जाएँगे,
भारत की शान बढ़ाएँगे।
Short Hindi poems for kids in Hindi no. 31: होली
होली धूम मचाती आई, सब पर रंग बरसाती आई
हँसती आई, गाती आई, होली ढोल बजाती आई।
रंग बिरंगी होली आई, सब बच्चों में मस्ती छाई।
भरकर रंग गुलाल से झोली, निकल पड़ी बच्चों की टोली ।
Hindi Poetry for Children no. 32: राखी
राखी का त्योहार निराला,
भाई बहन का प्यार निराला।
राखी बंधवा कर देता है,
भाई एक उपहार निराला।
Hindi Poetry for Children no. 33: दिवाली
जगमग जगमग दीप जले हैं,
मोती की सी लड़ियाँ ।
फूट रहे हैं कहीं पटाखे,
और कहीं फुलझड़ियाँ।
Hindi Poetry for Children no. 34: सर सर उड़ी पतंग
सर सर सर उड़ी पतंग,
फर फर उड़ी पतंग
इसको काटा उसको काटा,
उड़ते उड़ते कटी पतंग ।
Hindi Poetry for Children no. 35: रंग बिरंगे गुब्बारे
रंग बिरंगे प्यारे-२, कितने सुन्दर हैं गुब्बारे।
इतने सारे इतने सारे, कितने सुन्दर हैं गुब्बारे ।
कोई लंबा, कोई गोल, कोई मोटा जैसे ढोल ।
गैस भरूँ तो उड़ जाता जो, वापस कभी न फिर आता वो।
मम्मी मुझे गुब्बारे ला दो, इनसे पूरे घर को सजा दो।
पहले उनसे खेलूँगा मैं, फिर फट फट फट फट फोडूंगा मैं,
रंग बिरंगे प्यारे-२ कितने सुन्दर हैं गुब्बारे ।
Hindi Poetry for Children no. 36: चंदा-मामा, चंदा-मामा, आज मेरे घर आना
चंदा-मामा, चंदा-मामा, आज मेरे घर आना,
साथ में सारे सितारों को अपने संग ले आना,
तुम बड़े सुंदर हो, मुझसे माँ यह कहती है,
चांदनी मामी भी क्या वहीं पर रहती है?
चंदा-मामा, चंदा-मामा, आज मेरे घर आना।
साथ में सारे सितारों को अपने संग ले आना,
आज रात हम बच्चे साथ तुम्हारे खेलेंगे,
देख तुम्हें मेरे घर पर मम्मी पापा खुश होंगे,
चंदा-मामा, चंदा-मामा, आज मेरे घर आना।
Short Hindi poems 37: अपना घर अपना परिवार
अपना घर अपना परिवार,
सब करते हैं हमको प्यार,
पापा हमको सैर कराते,
मम्मी से नित करते बातें,
दादा-दादी गोद में ले लें
भैय्या दीदी से हम खेलें ।
Short Hindi poems no. 38: माँ तू कितनी अच्छी है
माँ तू कितनी अच्छी है, मेरा सब कुछ करती है।
भूख मुझे जब लगती है, खाना मुझे खिलाती है।
जब मैं गंदा होता हूँ, रोज़ मुझे नहलाती है।
जब मै रोने लगता हूँ, चुप तू मुझे कराती है।
माँ मेरे मित्रों में सबसे पहले तू ही आती है।
Short Hindi poems no. 39: सावन गीत
बादल गरज रहे गड़-गइ, बिजली चमक रही है तड़-तड़।
जैसे कहीं फटा हो बम, वर्षा आई छम-छम-छम ।
देख छटा उठती घनघोर, पीहू-पीहू कर नाचे मोर।
हुआ सुहाना सा मौसम, वर्षा आई छम छम छम-२।
पत्ते भीगे, भीगे फूल, उतर गई पैरों की धूल।
लगता यूँ हीं भीगें हम, वर्षा आई छम-छम-छम-२।
मेंढक बोला टर्र-टर्र-टर्र, दूर हो गया जैसे डर।
और मिट गए सारे गम, वर्षा आई छम-छम-छम-२।
बूँदें लगती बहुत भली, पानी से भर गई गली ।
आओ नाव चलाएँ हम, वर्षा आई छम-छम-छम-२।
गर्मी से आराम मिला, छतरी को भी काम मिला।
अभी न जाएँ बूँदे थम, वर्षा आई छम छम छम-२।
Short Hindi poems no. 40: रिमझिम रिमझिम
रिमझिम रिमझिम पानी बरसे, गड़-गड़-गड़-गड़ बादल गरजे।
बूंदें लेकर बारिश आई, सबके मन में खुशी समाई।
पत्ते हो गए हरे भरे, सब कुछ देखो नया लगे।
Short Hindi poems no. 41: वॉटर साइकिल
गड़-गड़-गड़-गड़ बादल गरजा, टप-टप-टप-टप पानी बरसा,
इधर-उधर से बहता-बहता, पहुँचा जाकर सागर में।
सूरज ने फिर आँखें खोली, और कहा उन बूँदों से,
भाप बनो और ऊपर उठो, और बरसो फिर तुम धरती पर।
बादल बनकर उन बूँदों ने, मिलकर फिर पानी बरसाया,
धरती पर आकर उन्होंने, अपना सुन्दर रूप दिखलाया।
Short Hindi poems no. 42: गर्मी
गरमी के दिन आए हैं फिर, पीछे रह गई सर्दी ।
कोमल कोमल पत्तों से, भर गई है सारी धरती।
गुलमोहर के फूल खिले हैं, बड़े-बड़े पेड़ों पर।
सड़कों पर छाया देते जो, थके हुए लोगों को।
छुट्टी के दिन आए हैं फिर, खत्म हुआ है काम।
खाओ खरबूजा और लीची, खा लो मीठे आम।
Hindi Rhymes for Kids no. 43: इन्द्रधनुष
१ २ ३ ४ ५ ६ ७
आँख नहीं है कान नहीं हैं,
और नहीं हैं हाथ,
फिर भी कितना सुंदर लगे,
रंगों का ये संग, सात रंगों से,
मिलके बना है इन्द्रधनुष का रंग।
Hindi Rhymes for Kids no. 44: मोहन ग्वाले की गाय
मोहन ग्वाले की गाय ला ला ला,
रोज़ सवेरे चरने जाए ला ला ला,
कभी इधर जाए, कभी उधर जाए,
कभी पीछे, कभी आगे, कोई धीरे, कोई भागे,
कोई पतली, कोई मोटी, कोई ऊँची, कोई छोटी।
मोहन ग्वाले….
Hindi Rhymes for Kids no. 45: इन्सी विन्सी मकड़ी
इन्सी विन्सी मकड़ी, ऊपर चढ़ गयी,
नीचे बरसा पानी, मकड़ी बह गयी।
ऊपर चमका सूरज, पानी सूख गया,
इन्सी विन्सी मकड़ी, ऊपर चढ़ गयी।
इन्सी विन्सी मकड़ी ने, जाला बुन लिया।
Hindi Rhymes for Kids no. 46: जंगल से निकले दो भालू
जंगल से निकले दो भालू, हाथ में केले और आलू-२,
केले खाते, आलू खाते, पेट हिलाकर, दुम मटकाते,
चले शहर की ओर-२।
भालू बोला अब हम मेले जायेंगे, वहाँ उधम मचाएँगे,
एक छोटा एक मोटा था, पेट में कुछ कुछ होता था,
केले खाकर छिलके फेंके, कुछ दाएँ कुछ बाएँ फेंके,
चले शहर की ओर २।
भालू बोला अब हम मेले जायेंगे, और वो छिलके फेंकते गए,
फेंके पीछे फेंके आगे, फिर वो ज़ोर ज़ोर से भागे,
छिलके पर जो पैर पड़ा तो मोटा गिरा धड़ाम ।
Hindi Rhymes for Kids no. 47: आलसी बंदर
बैठा था एक डाल पर बंदर, भीग रहा पानी के अंदर ।
थर-थर, थर-थर काँप रहा था, कहाँ छियूँ वह झाँक रहा था।
चिड़िया बोली बंदर मामा, कहा नहीं था तुमने माना।
अब पानी में भीग रहे हो, आँछी-आँछी छींक रहे हो।
सुन मामा को गुस्सा आया, चिड़िया का घर तोड़ गिराया
चूँ-चूँ-चूँ-चूँ चिड़िया रोई, बैठ डाल पर वह भी सोई।
Kids rhymes in Hindi no. 48: तितली रानी
तितली रानी, तितली रानी।
इतने सुंदर पंख कहाँ से लाई हो?
क्या तुम कोई शहज़ादी हो-3,
परी लोक से आई हो ।
फूल तुम्हें भी अच्छे लगते-2,
फूल हमें भी भाते हैं।
क्या तुमको वो अच्छे लगते हैं?
जो फूल तोड़ ले जाते हैं।
Kids rhymes in Hindi no. 49: एक मदारी
देखो, एक मदारी आया, संग में अपने बंदर लाया।
डम डम डमरू बजा रहा है, बंदर को वह नचा रहा है।
चली बंदरिया देकर ताने, बंदर उसको लगा मनाने ।
दोनों ने मिल रंग जमाया, अपना-अपना नाच दिखाया।
Kids rhymes in Hindi no. 50: मामा जी के बाग में
मामा जी के बाग में बंदर आते हैं, धीरे धीरे छुप कर आम खाते हैं,
आम खाते हैं,
अब आई माली की बारी, आगे बन्दर पीछे माली,
कूद के बंदर भाग गए सब, लौटा माली हाथ खाली,
मामा जी के बाग में बंदर आते हैं।
Kids rhymes in Hindi no. 51: सो मेरी रानी
मैं तो सो रही थी-२, मुझे मुर्गे ने जगाया,
बोला कुकहूँ-कूँ ३, मैं तो सो रही थी-२,
मुझे बिल्ली ने जगाया, बोली म्याऊँ-३। कौवा……काँव-३,
कुत्ते……भौं-३, मोटर….. पौं-३,
मुझे मम्मी ने जगाया, बोली उठ बेटा उठ
मैं तो सो रही थी-२।
Hindi poems for kids no. 52: पाँच कबूतर
पाँच कबूतर पढ़ते थे अखबार,
एक कबूतर उड़ गया,
बाकी रह गए चार।
चार कबूतर बैठकर बजा रहे थे बीन,
एक कबूतर उड़ गया
बाकी रह गए तीन।
तीन कबूतर बैठकर रहे डाल पर सो,
एक कबूतर गिर गया बाकी रह गए दो।
दो कबूतर बैठ कर बना रहे थे केक,
एक कबूतर उड़ गया बाकी रह गया एक।
एक कबूतर बैठकर बजा रहा था ताली,
देखो वो भी उड़ गया डाली रह गई खाली।
Hindi poems for kids no. 53: बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी, बिल्ली मौसी, कहो कहाँ से आई हो ?
कितने चूहे मारे तुमने ? कितने खा कर आई हो ?
क्या बताऊँ, लोमड़ भाई, आज नहीं कुछ पेट भरा।
एक चूहा पाया मैंने, वह भी बिलकुल सड़ा हुआ।
Hindi poems for kids no. 54: दो चूहे थे
दो चूहे थे, मोटे-मोटे थे, छोटे-छोटे थे।
बिल्ली ने कहा, म्याऊँ मैं आऊँ ?
ना मौसी ना, हमें मार डालोगी,
फिर खा जाओगी, हम तो नहीं आएँगे,
हम तो भाग जाएँगे।
Hindi poems for kids no. 55: घोड़ा
टिक-टिक घोड़ा, टिक-टिक घोड़ा, जल्दी मुझ को घर पहुँचा,
मेरी गुड़िया रोती होगी, तेज़ हवा में दौड़ लगा।
सुन्दर-सी है, तेरी गर्दन, चार-चार हैं पाँव,
जल्दी चल मेरे घोड़े भईया, जाना मुझको गाँव।
अगर लगी है, भूख प्यास तो, पानी पी और चारा खा,
टिक-टिक घोड़ा, टिक-टिक घोड़ा, जल्दी मुझको घर पहुँचा।
नोट: यहां साझा की गई ये कविताएं चाय के पल से जुड़े किसी भी लेखक की मूल रचना नहीं हैं। इसे हमारे लेखकों ने विभिन्न पुस्तकों और अज्ञात स्रोतों में पढ़ा है और इसमें उनके अपने कुछ विचार और सीख भी शामिल हैं।
Disclaimer: These poems shared here are not the original creation of any writers associated with Chai ke Pal. This has been read by our writers in different books and unknow sources and included some own thoughts and learnings.
ऐसे ही अन्य प्रकृति पर कविताओं के लिए हमारे Kavita Kosh वेब पेज को विजिट करना और पढ़ना ना भूलें।
आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।
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