तेनाली राम और शापित आदमी। Tenali Rama and the Cursed Man Story in Hindi

तेनाली राम और शापित आदमी। Tenali Rama and the Cursed Man Story in Hindi

तेनाली रामा और शापित आदमी की दिलचस्प कहानी (Tenali Rama and the Cursed Man Story in Hindi) का अनुभव करें, जहां अंधविश्वास एक खतरनाक स्थिति की ओर ले जाता है। यह कहानी तेनाली रामा की प्रतिभा का गवाह है और दर्शाती है कैसे अपनी बुद्धिमत्ता से एक निर्दोष व्यक्ति की जान बचाते हैं और लोगों को सीख देते हैं की अंधविश्वास में लोगों को भरोसा नहीं करना चाहिए।

तेनाली राम और शापित आदमी। Tenali Rama and the Cursed Man Story:

विजयनगर में रामया नाम का एक व्यक्ति था। उसे नगर  के लोग अशुभ मानते थे। लोगो का मानना ​​था कि सुबह सुबह रामया को देखने से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है और पुरे दिन उन्हें खाना नहीं नसीब होता है।

जब राजा कृष्णदेवराय को इस बात का पता चला तो उन्होंने रामया को अपने दरबार में बुलाया, और उसे दूसरे कमरे में रहने के लिए कहा।

अगले दिन राजा कृष्णदेवराय दोपहर का भोजन करने के लिए जैसे ही बैठे उनकी थाली में एक मक्खी गिर गयी । उन्होंने दूसरा लंच बनाने का आदेश दिया। जब तक लंच बना  तब तक उनकी भूख मिट चुकी थी।

राजा का मानना ​​था कि रामया के कारण ही उनकी भूख मिट गई है। इसलिए उन्होंने रामया को फाँसी की सजा सुना दीया ।

रामया की सजा सुनकर, रामया की पत्नी बहुत दुखी हुई और तेनालीराम के पास गई।

अगली सुबह सिपाही रामया को फाँसी पर चढ़ाने के लिए ले जा रहे थे। तभी रास्ते में तेनालीराम, रामया से मिला, रामया के कान में तेनालीराम ने कुछ फुसफुसाया और फिर वहां से चले गए।

रामया को फाँसी देने से पहले, गार्ड ने रामया से उसकी अंतिम इच्छा पूछी। रामया  ने उत्तर दिया कि वह राजा कृष्णदेवराय को एक पत्र भेजना चाहता है।

जब राजा कृष्णदेवराय ने पत्र पढ़ा, तो उसमें लिखा था कि, “मेरा चेहरा देखकर किसी को दिन भर खाना नहीं नसीब होता उसकी भूख मर जाती है, लेकिन राजा का चेहरा देखकर किसी की जान चली जाती है। फिर सबसे अधिक अशुभ कौन है। मैं या राजा?”

राजा कृष्णदेवराय को पत्र पढ़कर अपनी गलती का एहसास हो जाता है और उन्होंने रामया को फांसी की सजा से मुक्त कर दिया।

तेनाली राम और शापित आदमी कहानी से शिक्षा। Moral of the Tenali Rama and the Cursed Man Story:

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि हमें अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए।


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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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