बहादुरी का मुखौटा। The Mask of Bravery: Panchtantra ki Kahaniyan
बच्चों के लिए इस पंचतंत्र की कहानी (Panchtantra ki Kahaniyan) के साथ एक मनोरम यात्रा शुरू करें, जहां एक राजकुमार, राजकुमारी को प्रभावित करने और उससे शादी करने के लिए बहादुरी का मुखौटा (the mask of bravery) और धोखे का सहारा लेता है। ट्विस्ट और टर्न से परिपूर्ण इस कहानी में राजकुमार राजकुमारी का दिल जीतने के लिए झूठी बहादुरी का जाल बुनता है।
यह आकर्षक कहानी ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और छल के परिणामों के बारे में मूल्यवान सबक सिखाती है। पंचतंत्र की करामाती दुनिया में खुद को और अपने बच्चों को सराबोर करें, जहां मनोरम कहानी के माध्यम से नैतिक दुविधाओं का पता लगाया जाता है। हमारे साथ जुड़ें और अपने बच्चे को सच्चाई की ताकत और वास्तविक होने के महत्व का पता लगाने दें।
बहादुरी का मुखौटा। The Mask of Bravery: Panchtantra ki Kahaniyan
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बहुत समय की बात है। सिंघल देश की राजकुमारी मालिनी, जो बहुत ही सुंदर थी। उनकी सुंदरता की चर्चा बहुत दूर-दूर तक थी। कई देशों के राजा उनसे विवाह करना चाहते थे।
कई राज्य के राजाओं ने तो राजकुमारी मालिनी से विवाह के लिए अपना समस्त राज्य उन्हें देने को तैयार थे। लेकिन राजकुमारी मालिनी ने किसी का भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। राजकुमारी मालिनी जितनी ही सुंदर थी, उतनी ही बड़ी वीरांगना भी थी।
शास्त्रों के साथ-साथ शस्त्रों का भी अच्छा ज्ञान रखती थी। उन्होंने यह घोषणा की कि जो भी महासिंह का सिर,सबसे विषैले सर्प का विष, और संसार का सब से चमकता हुआ हीरा उन्हें लाकर देगा वह उसी से विवाह करेंगी।
एक राज्य के राजकुमार थे पूरू उन्होंने कहा मुझे आपकी सारी शर्तें मंजूर है, कृपया मुझे 30 दिनों का समय दें? राजकुमारी ने उन्हें 30 दिनों का समय दिया।
राजकुमार को अपने देश चले गए, और 28 दिन हुआ फिर से राजकुमारी के समक्ष प्रस्तुत हुए, सभी वस्तुओं के साथ जिसे राजकुमारी ने मांगा था। राजकुमारी मालिनी यह देखकर बहुत प्रसन्न हुई ।उन्होंने राजकुमार के साथ अपनी विवाह की घोषणा की।
समस्त नगर में उनकी विवाह की तैयारियां होने लगी। पूरे राज्य को फूलों से सजाया जाने लगा। अनेक प्रकार के व्यंजन ,मिठाइयां बनाए जाने लगे। नए-नए वस्त्र और आभूषण बनवाए जाने लगे।
राजकुमारी मालिनी ने विवाह के एक दिन पूर्व राजकुमार पूरू से कहा चलिए हम शिकार पर चलते हैं। राजकुमार पूरू तैयार हो गए, और वह दोनों शिकार के लिए जंगल में गए। जंगल में अचानक ही एक शेर ने उन पर हमला कर दिया।
राजकुमार पूरू शेर पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन उनका एक भी तीर नहीं लगा। ऐसा लग रहा था, उन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। राजकुमारी मालिनी ने तुरंत राजकुमार पूरू की तलवार निकाली और शेर पर काबू पा लिया।
राजकुमारी ने राजकुमार पुरू से पूछा क्या तुम्हें तीर चलाने नहीं आती?
तो राजकुमार ने कहा मुझे तीर- धनुष, तलवार कोई भी शस्त्र चलाना नहीं आता। मैं एक राजकुमार हूं, मुझे इन सब चीजों की क्या आवश्यकता।
राजकुमारी मालिनी ने पूछा यदि तुम्हें शस्त्र चलाना नहीं आता है, तो तुम यह सारी चीजें कैसे लगाए। तब राजकुमार ने कहा यह सारी चीजें मैं नहीं मेरा एक सैनिक लेकर आया है, मेरे लिए, और तुमने मुझसे यह तो नहीं कहा था, कि यह चीजें स्वयं लानी है?
राजकुमारी ने तुरंत अपना विवाह राजकुमार पूरू के साथ रुकवा दिया, और उस सैनिक से विवाह करने की घोषणा की जो राजकुमार पूरू के लिए यह सारी वस्तुएं लाया था।
बहादुरी का मुखौटा कहानी से शिक्षा। Moral of the Mask of Bravery story: Panchtantra ki Kahaniyan
इस panchtantra ki kahani से हमें यह शिक्षा मिलती है कि धोखे से मिली हुई सफलता अधिक देर तक नहीं रहती।
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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।
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