चालक लोमड़ी की कहानी। Chalak Lomdi ki Kahani: The Adventures of the Clever Fox
आइए Chalak Lomdi ki Kahani के माध्यम से हम चतुर लोमड़ी (chatur lomdi) के साथ उसकी रोमांचकारी और मस्ती से भरपूर दुनिया की सैर करते हैं। यह कहानियां हमें रोमांच के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी देती है जो हमारे बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
चालक लोमड़ी की कहानी का परिचय। Introduction of Chalak Lomdi ki Kahani
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आज हम आपको लेकर चलते हैं रोमांचक और जादुई दुनिया (exciting aur magical world) में जहां एक बहुत ही चालाक और होशियार लोमड़ी (a clever fox) रहती है। Chalak Lomdi ki Kahani के माध्यम से हम चतुर लोमड़ी के अनोखे एडवेंचर के बारे में जानेंगे। इन कहानियों में चतुर लोमड़ी (chatur lomdi) अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके दूसरे जानवरों से जीतती है और बहुत सारी मुश्किल वक्त से निकल पाती है।
जहां यह कहानियां चालाक लोमड़ी की चतुराई और बुद्धि (shrewdness or Cleverness and intelligence) को दर्शाती है साथ ही साथ अति आत्मविश्वास (Overconfidence) के नुकसान को भी बताती है। इन chatur lomdi ki kahani के माध्यम से जहां बच्चों का मनोरंजन होगा साथ ही साथ उन्हें बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।
लोमड़ी और कौवे की कहानी। Fox and Crow Story in Hindi
एक बार एक लोमड़ी भूख से परेशान होकर भोजन की तलाश में इधर-उधर घूम रही थी । उसे कहीं भी कुछ खाने को नहीं मिल रहा था । भूख से उसका बुरा हाल हो रहा था । काफी देर से वह भोजन की तलाश कर रही थी। उसने सोचा कि कुछ फल ही मिल जाए तो अच्छा है, भूख मिट सकती है।
और लोमड़ी फल को ढूंढने के लिए इधर-उधर पेड़ों पर देख रही थी, तभी उसने देखा पेड़ की एक डाली पर एक कौवा बैठा था, और उसके मुंह में एक रोटी थी। लोमड़ी को रोटी देखकर और भी तेज तेज भूख लग गई । उसने सोचा इस रोटी को कैसे लिया जाए।
थोड़ी देर सोचने के बाद लोमड़ी ने एक योजना बनाई उसने कहां की, कौवा भैया आज आप बहुत सुंदर लग रहे हैं, आपकी आवाज भी बहुत अच्छी हैं, मैंने बहुत दिनों से आपकी आवाज नहीं सुनी । आपकी आवाज तो मुझे कोयल से भी मीठी लगती है, क्या आप अपनी आवाज में मेरे लिए एक गाना सुना सकते हैं।
आपका गाना सुनकर मेरी सारी थकान दूर हो जाती है । मैं तो हर रोज आपका गाना सुनना चाहती हूं, लेकिन आप मिलते ही नहीं है । आज बहुत दिनों बाद आप मिले हैं, तो कृपया मुझे एक गाना सुना दे, आपकी मीठी आवाज सुनने को मेरे कान तरस गए हैं।
कौवे ने लोमड़ी की बात सुनी लेकिन उसने कुछ जवाब नहीं दिया, तो लोमड़ी ने कहा । क्या बात है, कौवा भैया मुझसे नाराज है क्या आप, मेरे लिए गाना नहीं सुनाएंगे । मुझे आपकी मीठी आवाज बहुत पसंद है, मैं झूठ नहीं बोल रही हूं । मैं तो आपके गाने का इंतजार कर रही हूं।
कौवा अपनी प्रशंसा सुनकर खुश हो गया । उसने सोचा कि जब लोमड़ी इतना प्यार से कह रही है, तो चलो उसे एक गाना सुना देता हूं । उसे मेरी आवाज भी बहुत पसंद है । बाकी किसी को तो मेरी आवाज पसंद ही नहीं है। सभी कहते हैं, क्या कांव-कांव करते रहते हो।
उसने जैसे ही गाने के लिए अपनी चोच खोली रोटी नीचे गिर गई। चालाक और होशियार लोमड़ी (chatur lomdi) ने मौके का फायदा उठाया, और रोटी को खा लिया । लोमड़ी रोटी खाकर कौवे को धन्यवाद देकर चली गई, और कौवा पेड़ पर बैठा कांव-कांव करता रह गया । वह अपनी मूर्खता पर पछताने के अलावा और कुछ नहीं कर सकता था।
Fox and Crow Story in Hindi से प्रेरणा:- अगर कौवा लोमड़ी की बातों में नहीं आता तो उसे अपनी रोटी नहीं गंवानी पड़ती इस कहानी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है कि हमें हमें चापलूसी करने वालों से दूर रहना चाहिए कभी भी अपनी प्रशंसा सुनकर दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए
यदि आप इसी तरह की अन्य जानवरों की मजेदार और शिक्षाप्रद कहानियां अपने बच्चों को सुनाना चाहते हैं तो हमारी शेर की कहानी ( Lion Story in Hindi ) के पोस्ट को पढ़ना ना भूले।
लोमड़ी और अंगूर की कहानी। Fox and Grapes Story in Hindi, Lomdi aur Angoor ki Kahani, Angoor Khatte Hain
एक समय की बात है। एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। एक दिन उसे बहुत भूख लगी, उसके पास कुछ खाने को नहीं था। वह खाने की तलाश में जंगल में इधर-उधर घूमने लगी, लेकिन उसे कहीं खाना नहीं मिला।
काफी समय तक ढूंढते– ढूंढते उसे एक छोटा सा बगीचा दिखाई दिया।
लोमड़ी दौड़ते हुए बगीचे में चली गई, उसने सोचा शायद कुछ खाने को मिले। बगीचे के बाहर एक भालू बैठा था। भालू ने पूछा लोमड़ी तुम यहां क्या करने आई हो? लोमड़ी ने उसकी बातों का जवाब नहीं दिया, और सीधे बगीचे में चली गई।
बगीचे में अंदर अंगूर के पेड़ थे, और वह फलों से लदे हुए थे। उन रंग-बिरंगे पके हुए अंगूरों को देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आने लगा। वह बहुत खुश हुई उसे लगा अब उसकी भूख प्यास मिट जाएगी।
वह जल्दी से अंगूरों को खाना चाहती थी, इसके लिए उसने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अंगूर के गुच्छे उसकी पहुंच से दूर थे। वह उन गुच्छों को तोड़ने के लिए उछलने लगी।
लेकिन एक भी अंगूर उसके हाथ नहीं आ रहा था। लोमड़ी ने सोचा थोड़ा और पीछे जाकर दौड़ कर अगर उछला जाए तो हो सकता है, अंगूरों को तोड़ ले।
वह बार-बार और ऊंची छलांग लगाती लेकिन हर बार असफलता ही उसके हाथ लग रही थी। एक भी अंगूर उसके हाथ नहीं लग रहे थे। वह पहले से ही भूख और प्यास से परेशान थी, और बार-बार असफल होने से उसे गुस्सा आ गया।
तभी उसे एक बड़ा और ऊंचा पत्थर दिखाई दिया, उसने सोचा इस पत्थर पर चढ़कर एक आखरी बार कोशिश करके देखती हूं, शायद अंगूर मिल जाए। वह पत्थर पर चढ़ी और जोर से ऊंची छलांग लगाई।
छलांग लगाते ही वह नीचे गिर गई, और उसे चोट लग गई। चोट लगने से वह परेशान हो गई और उसने अंगूर तोड़ने का इरादा छोड़ दिया, और वहां से जाने लगी।
बगीचे से बाहर आते ही लोमड़ी को फिर से वह भालू मिल गया। भालू ने उससे पूछा लोमड़ी क्या तुमने अंगूर खाए?
लोमड़ी ने कहा वह अंगूर बहुत खट्टे हैं (angoor khatte hain), अगर मैं उन्हें खाऊंगी तो बीमार पड़ सकती हूं, इसलिए मैंने उन्हें नहीं तोड़ा। मैं तो बगीचे में सैर करने गई थी अंगूर खाने थोड़ी ही गई थी, और लोमड़ी वहां से चली गई।
Lomdi aur Angoor ki Kahani (moral of fox and grapes story) से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब कोई मूर्ख या अहंकारी व्यक्ति किसी चीज को पाने में सफल नहीं हो पाता है तो वह उसकी बुराई करने लगता है। इसका मुख्य कारण यह है कि वह अपनी कमी को छुपाना चाहता है।
इसीलिए हमें किसी भी चीज को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
अपने बच्चों को ऐसी ही सुंदर और मजेदार बेड टाइम स्टोरीज सुनाने के लिए हमारे Bedtime Stories for Kids in Hindi को पढ़ना ना भूलें।
आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।
Bahut achhi aur preranadayak kahani