51 शक्ति पीठ: हिंदू धर्म के पवित्र स्थल। 51 Shakti Peeth List in Hindi: Sacred Sites of Hinduism

51 शक्ति पीठ: हिंदू धर्म के पवित्र स्थल। 51 Shakti Peeth List in Hindi: Sacred Sites of Hinduism

इस लेख में हम 51 Shakti Peeth List in Hindi के बारे में जानेंगे जो हिंदू धर्म में देवी शक्ति को समर्पित पूजा का एक पवित्र स्थल है। ऐसा माना जाता है कि ये पवित्र स्थान वे स्थान हैं जहाँ देवी सती के शरीर के अंग या आभूषण पृथ्वी पर गिरे थे जब भगवान शिव ने उनकी मृत्यु के बाद उनके जले हुए शरीर को उठाया था।

51 Shakti Peeth List के अलावा इन शक्ति पीठों के बनने की कथा और महत्व के बारे में भी हम इस लेख में जानेंगे।

51 शक्ति पीठ का संक्षिप्त विवरण और महत्व – Significance and Brief description 51 Shakti Peeth List in Hindi :

Table of Contents

शक्ति स्वरूप मां दुर्गा के 51 Shakti Peeth है जिसका हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सती के  शरीर  का अंग,  और आभूषण जहां  गिरे, एक शक्ति पीठ बन गया। ऐसा माना जाता है कि शक्ति पीठ के दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते है,और जीवन में साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

देवी पुराण में 51 Shakti Peeth का वर्णन है। देवी भागवत में जहां 108 Shakti Peeth List और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है, वहीं तन्त्र चूडामणि में 52 शक्तिपीठ (52 Shakti Peeth Name List) बताए  हैं।

देवी पुराण में 51 shakti peeth list के बारे में बताया गया है और इन 51 shakti peeth में से कुछ विदेश में  हैं।  भारत में 42, पाकिस्तान में 1, बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1 तथा नेपाल में 3 शक्ति पीठ है।

51 शक्ति पीठ कैसे बने, पौराणिक कथा –  History 51 Shakti Peeth in Hindi :

देवी के 51 shakti peeth के बारे में पौराणिक कथा प्रचलित है। प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता ने सती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव से विवाह उनका विवाह हुआ था। 

प्रजापति दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन  भगवान शिव को इस यज्ञ में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा।

नारद जी से सती को पता चला कि उनके पिता के यहां यज्ञ हो रहा है लेकिन उन्हें निमंत्रित नहीं किया गया है। इसे जानकर वे क्रोधित हो उठीं। नारद ने उन्हें सलाह दी कि पिता के यहां जाने के लिए बुलावे की जरूरत नहीं होती है। जब सती अपने पिता के घर जाने लगीं तब भगवान शिव ने उन्हें समझाया लेकिन वह नहीं मानी तो भगवान शिव ने जाने से इंकार कर दिया।

भगवान शिव  के रोकने पर भी जिद कर सती यज्ञ में शामिल होने चली गई। यज्ञ-स्थल पर सती ने अपने पिता प्रजापति दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया। इस पर प्रजापति दक्ष, भगवान शंकर के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें करने लगे। इस अपमान से पीड़ित सती ने यज्ञ-कुंड में कूदकर अपनी प्राणाहुति दे दी।

भगवन शिव को जब पता चला तो क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया। सर्वत्र प्रलय व हाहाकार मच गया। भगवन शिव ने  वीरभद्र अवतार लिया और दक्ष का सिर काट दिया। भगवान शिव ने यज्ञकुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कर कंधे पर उठा लिया और विलाप करते हुए सम्पूर्ण भूमंडल पर इधर उधर घूमने लगे।

सती का  भगवान शव लेकर शिव तांडव नृत्य करने लगे, जिससे पृथ्वी पर प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने लगी। पृथ्वी समेत तीनों लोकों में प्रलय को आता देखकर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर दिए।

इस प्रकार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ का अस्तित्व है। इस तरह कुल 51 स्थानों में  शक्तिपीठों का निर्माण हुआ।

अगले जन्म में सती ने हिमवान राजा के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया और घोर तपस्या कर भगवान शिव को पुन: पति रूप में प्राप्त किया।

51 शक्ति पीठ की सूची। 51 Shakti Peeth List in Hindi:

देवी के 51 shakti peeth list in hindi इस प्रकार है:

1. किरीट शक्तिपीठ – Kirit Shakti Peeth :

किरीट शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल के हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर स्थित है। यहां सती माता का किरीट यानी शिराभूषण या मुकुट गिरा था। विमला के रूप में देवी हैं और संगबर्ता के रूप में शिव हैं।

 2. कात्यायनी शक्तिपीठ – Katyayani Shakti Peeth:

वृन्दावन, मथुरा के भूतेश्वर में स्थित है कात्यायनी वृन्दावन शक्तिपीठ जहां सती का केशपाश गिरे थे। यह देवी शक्ति का प्रतीक हैं, जबकि भैरव भूतेश का प्रतीक हैं।

3. करवीर शक्तिपीठ – Karveer Shakti Peeth :

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का नेत्र गिरा था। देवी महिषमर्दिनी हैं और शिव क्रोधीश हैं।

4. श्री पर्वत शक्तिपीठ  (Shri Parvat Shakti Peeth) :

इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतभेद है कुछ विद्वानों का मानना है, कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, जबकि कुछ विद्वानों का मानना है, कि यह असम के सिलहट में है, जहां माता सती का दाहिना कनपटी गिरी थी। श्री सुंदरी के रूप में देवी और सुंदरानंद के रूप में शिव हैं।

 5. विशालाक्षी शक्तिपीठ   (Vishalakshi Shakti Peeth) :

उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मीरघाट पर स्थित है शक्तिपीठ जहां माता सती के दाहिने कान के मणि गिरे थे। विश्व लक्ष्मी के रूप में देवी और कला के रूप में शिव हैं।

 6. गोदावरी तट शक्तिपीठ  (Godavari Shakti Peeth) :

आंध्रप्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का बायां कपोल गिरा था। माता विश्वेश्वरी और शिव दंडपाणि के रूप में हैं।

 7. शुचीन्द्रम शक्तिपीठ  (Suchindram Shakti Peeth) :

तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर स्थित है यह शुची शक्तिपीठ, जहां देवी के ऊपरी दाँत यहाँ गिरे थे और नारायणी के रूप में देवी और संघर के रूप में शिव हैं।

 8. पंच सागर शक्तिपीठ (Panchsagar Shakti Peeth) :

इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है पर कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लोहाघाट के पास पंचसागर, उत्तराखंड है। यहां माता के नीचे के दांत गिरे थे। यहां की शक्ति वाराही तथा भैरव महारुद्र हैं।

 9. ज्वालामुखी शक्तिपीठ (Jwalamukhi Shakti Peeth) :

हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां सती की जीभ गिरी थी। यहां अंबिका के रूप में देवी हैं और उन्मत्त के रूप में शिव हैं।

 10. भैरव पर्वत शक्तिपीठ  (Bhairavparvat Shakti Peeth) :

इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतदभेद है। कुछ  गुजरात के गिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट पर वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं, जहां माता का ऊपर का ओष्ठ या होंठ गिरा है। यहां अवंती के रूप में देवी और लम्बकर्ण के रूप में शिव हैं।

 11. अट्टहास शक्तिपीठ ( Attahas Shakti Peeth) :

अट्टहास शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में स्थित है। जहां माता का नीचे का होंठ गिरा था। यहां फुलारा के रूप में देवी और भैरव विश्वेश के रूप में शिव हैं।

 12. जनस्थान शक्तिपीठ (Janasthan Shakti Peeth) :

महाराष्ट्र नासिक के पंचवटी में स्थित है जनस्थान शक्तिपीठ जहां माता का ठुड्डी गिरी थी। यहां भ्रामरी के रूप में देवी और विक्रमाटक के रूप में शिव हैं।

 13. कश्मीर शक्तिपीठ या अमरनाथ शक्तिपीठ (Kashmir Shakti Peeth or Amarnath Shakti Peeth) :

जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में स्थित है यह शक्तिपीठ जहां माता का कण्ठ गिरा था। यहां महामाया के रूप में देवी और त्रिसंध्यास्वर के रूप में शिव हैं।

 14. नन्दीपुर शक्तिपीठ (Nandipur Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के सैन्थया में स्थित है यह पीठ, जहां देवी की देह का कण्ठहार गिरा था। यहां नंदिनी के रूप में देवी और नंदकिशोर के रूप में शिव हैं।

 15. श्री शैल शक्तिपीठ  (Shri Shail Shakti Peeth ) :

आंध्रप्रदेश  के कुर्नूल के पास है श्री शैल का शक्तिपीठ, जहां यहां देवी के गले का हिस्सा गिरा था। यहां मूर्तियाँ महालक्ष्मी के रूप में देवी और शम्बरानंद के रूप में शिव हैं।

 16. नलहटी  शक्तिपीठ (Nalhati Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के बोलपुर में है नलहटी शक्तिपीठ, जहां माता की उदरनली गिरी थी। यहां कालिका के रूप में देवी और योगेश के रूप में शिव हैं।

 17. मिथिला शक्तिपीठ (Mithila Shakti Peeth ) :

इसका निश्चित स्थान अज्ञात है। स्थान को लेकर मन्तातर है तीन स्थानों पर मिथिला शक्तिपीठ को माना जाता है, वह है नेपाल के जनकपुर, बिहार के समस्तीपुर और सहरसा, जहां माता का बायां कंधा गिरा था। यहां महादेवी के रूप में देवी और महोदरा के रूप में शिव हैं।

 18. रत्नावली शक्तिपीठ (Ratnavali Shakti Peeth) :

इसका निश्चित स्थान अज्ञात है, बंगाज पंजिका के अनुसार यह तमिलनाडु के चेन्नई में कहीं स्थित है रत्नावली शक्तिपीठ जहां माता का देवी का दाहिना कंधा यहाँ गिरा था। यहां कुमारी के रूप में देवी और भैरव के रूप में शिव हैं।

 19. अम्बाजी शक्तिपीठ (Ambaji Shakti Peeth) :

गुजरात में जूनागढ़ के गिरनार पर्वत के  शिखर पर देवी अम्बिका  का भव्य विशाल मन्दिर है, देवी का पेट यहां गिरा था । यहां चंद्रभागा के रूप में देवी और वक्रतुंड के रूप में शिव हैं।

 20. जालंधर शक्तिपीठ (Jalandhar Shakti Peeth) :

पंजाब के जालंधर में स्थित है माता का जालंधर शक्तिपीठ। माता के बाएं स्तन यहाँ गिरे थे और मूर्तियाँ त्रिपुरमालिनी के रूप में देवी और भिसन के रूप में शिव हैं।

 21. रामागिरि शक्तिपीठ (Ramgiri Shakti Peeth) :

इस शक्ति पीठ की स्थिति को लेकर भी विद्वानों में मतान्तर है। कुछ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट तो कुछ मध्यप्रदेश के मैहर में मानते हैं, जहां माता का दाहिना स्तन गिरा था। शिवानी के रूप में देवी और चंदा के रूप में शिव हैं।

 22. वैद्यनाथ शक्तिपीठ (Vaidhnath Shakti Peeth) : 

झारखण्ड के गिरिडीह, देवघर स्थित है वैद्यनाथ शक्तिपीठ, जहां माता का हृदय गिरा था। जयदुर्गा के रूप में देवी और वैद्यनाथ के रूप में शिव हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां सती का अंतिम संस्कार किया गया था।

23. वक्त्रेश्वर शक्तिपीठ (Varkreshwar Shakti Peeth) :

माता का यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के सिउरी टाउन में स्थित है जहां माता का भौंहों के बीच का भाग गिरा था। महिषमर्दिनी के रूप में देवी और वक्रनाथ के रूप में शिव हैं।

 24. कन्याकुमारी शक्तिपीठ (Kanyakumari Shakti Peeth) :

तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तीन सागरों हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है कण्यकाश्रम शक्तिपीठ, जहां माता की पीठ गिरी थी। शरवानी के रूप में देवी और निमिषा के रूप में शिव हैं।

 25. बहुला शक्तिपीठ (Bahula Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के कटवा जंक्शन के निकट केतुग्राम में स्थित है बहुला शक्तिपीठ, माता की बायीं भुजा यहाँ गिरी थी। देवी के रूप में बहुला और शिव भीरुक के रूप में हैं।

26. उज्जयिनी शक्तिपीठ (Ujjaini Shakti Peeth) :

मध्यप्रदेश के उज्जैन के पावन क्षिप्रा के दोनों तटों पर स्थित है उज्जयिनी हरसिद्धि शक्तिपीठ। जहां माता की कोहनी गिरी थी।मंगलचंडी के रूप में देवी और कपिलंबर के रूप में शिव हैं।

 27. मणिवेदिका शक्तिपीठ (Manivedika Shakti Peeth) :

राजस्थान के पुष्कर में स्थित है मणिदेविका शक्तिपीठ, जिसे गायत्री मन्दिर के नाम से जाना जाता है यहां माता की कलाइयां गिरी थीं।गायत्री के रूप में देवी और सर्वानंद के रूप में शिव हैं।

28. प्रयाग शक्तिपीठ (Prayag Shakti peeth) :

उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है। यहां माता की हाथ की अंगुलियां गिरी थी। लेकिन, स्थानों को लेकर मतभेद है। इसे अक्षयवट, मीरापुर और अलोपी स्थानों पर गिरा माना जाता है। ललिता और शिव भव के रूप में देवी हैं।

29. उत्कल शक्तिपीठ (Utakal Shakti Peeth) :

उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है जहां माता की नाभि गिरी था।विमला के रूप में देवी और जगन्नाथ के रूप में शिव हैं

30. कांची शक्तिपीठ (Kanchi Shakti Peeth) :

तमिलनाडु के कांचीवरम् में स्थित है माता का कांची शक्तिपीठ, जहां माता का कंकाल शरीर गिरा था। देवगर्भ के रूप में देवी हैं और रुरु के रूप में शिव हैं।

31. कालमाधव शक्तिपीठ (Kalmadhav Shakti Peeth) :

इस शक्तिपीठ के बारे कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है। यहां माता के दाहिने कूल्हे गिरे थे काली के रूप में देवी और असितानंद के रूप में शिव हैं।

32. शोण शक्तिपीठ (Shondesh Shakti Peeth) :

मध्यप्रदेश के अमरकंटक के नर्मदा मन्दिर शोण शक्तिपीठ है। यहां माता का दाहिना नितंब गिरा था। एक दूसरी मान्यता यह है कि  बिहार के सासाराम का ताराचण्डी मन्दिर ही शोण तटस्था शक्तिपीठ है। नर्मदा के रूप में देवी और वाड्रासेन के रूप में शिव हैं।

33. कामाख्या शक्तिपीठ (Kamakhya Shakti peeth) :

कामगिरि असम गुवाहाटी के कामगिरि पर्वत पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता की योनि गिरी थी। कामाख्या के रूप में देवी और उमानंद के रूप में शिव हैं।

34. जयंती शक्तिपीठ (Jayanti Shakti Peeth) :

जयन्ती शक्तिपीठ मेघालय के जयंतिया पहाडी पर स्थित है, माता की बायीं जांघ यहां गिरी थी जयंती के रूप में देवी और भैरव के रूप में शिव।

35. मगध शक्तिपीठ (Magadh Shakti Peeth) :

बिहार की राजधनी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है माता की दाहिनी जांघ यहां गिरी थी देवी के रूप में सर्वानंदकारी और शिव व्योमकेश के रूप में हैं।

36. त्रिस्तोता शक्तिपीठ (Tristotaa Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर स्थित है त्रिस्तोता शक्तिपीठ, जहां देवी के बाएं पैर यहां गिरे थे भ्रामरी के रूप में देवी और ईश्वर के रूप में शिव हैं।

37. त्रिपुरी सुन्दरी शक्तिपीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) :

त्रिपुरी सुन्दरी शक्तिपीठ में माता का दक्षिण पाद गिरा था। यह शक्तिपीठ त्रिपुरा के राध किशोर ग्राम में स्थित है और यहां की शक्ति त्रिपुर सुन्दरी तथा भैरव त्रिपुरेश हैं।

38 . विभाषा शक्तिपीठ (Vibhasha Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के ताम्रलुक ग्राम में स्थित है विभाषा शक्तिपीठ, माता का दाहिना पैर यहां गिरा था त्रिपुरसुंदरी के रूप में देवी और त्रिपुरेश के रूप में शिव हैं।

39. कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ  (Kurukshetra Shakti Peeth) :

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जंक्शन के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ, जिसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से भी जाना जाता है। यहां माता के  दाहिने चरण गिरे थे। सावित्री या स्थाणु के रूप में देवी और अश्वनाथ के रूप में शिव हैं।

40. युगाद्या शक्तिपीठ, क्षीरग्राम शक्तिपीठ ( Yugadhya Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल के बर्दमान जिले के क्षीरग्राम में स्थित है युगाद्या शक्तिपीठ, यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था। योगदया के रूप में देवी और खिरकंठ के रूप में शिव हैं।

41. विराट अम्बिका शक्तिपीठ (Virat Shakti Peeth) :

राजस्थान के गुलाबी नगरी जयपुर के वैराटग्राम में स्थित है विराट शक्तिपीठ, जहां सती के बाएं पैर की उंगलियां गिरी थीं।अम्बिका के रूप में देवी और अमृता के रूप में शिव हैं।

42. कालीघाट शक्तिपीठ (Kalighat Shakti Peeth) :

पश्चिम बंगाल, कोलकाता के कालीघाट में कालीमन्दिर के नाम से प्रसिद्ध यह शक्तिपीठ, जहां माता के दाहिने पैर  के अंगूठे को छोड़ 4 अन्य अंगुलियां गिरी थीं।काली के रूप में देवी और नकुलेश या नकुलेश्वर के रूप में शिव हैं।

43. मानस शक्तिपीठ (Manas Shakti Peeth) :

तिब्बत के मानसरोवर तट पर स्थित है मानस शक्तिपीठ, जहां माता की दाहिनी हथेली गिरी थी।दखचयनी के रूप में देवी और अमर के रूप में शिव हैं।

44. लंका शक्तिपीठ (Lanka Shakti Peeth) :

श्रीलंका में स्थित है लंका शक्तिपीठ, जहां माता के नूपुर यानी पायल गिरे थे। लेकिन, यह ज्ञात नहीं है कि श्रीलंका के किस स्थान पर गिरे थे।देवी के रूप में इंद्राक्षी और शिव के रूप में राक्षसेश्वर हैं।

45. गण्डकी शक्तिपीठ (Gandaki Shakti Peeth) :

नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर स्थित है जहां देवी का दाहिना गाल यहाँ गिरा था गंडकीचंडी के रूप में देवी और चक्रपाणि के रूप में शिव

46. गुह्येश्वरी शक्तिपीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) :

नेपाल के काठमाण्डू में पशुपतिनाथ मन्दिर के पास ही स्थित है गुह्येश्वरी शक्तिपीठ है, जहां माता सती के दोनों  घुटने गिरे थे।महामाया के रूप में देवी और कपाली के रूप में शिव हैं।

47. हिंगलाज शक्तिपीठ (Hinglaj Shakti Peeth) :

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित है माता हिंगलाज शक्तिपीठ, जहां माता का सिर का ऊपरी भाग गिरा था।कोटरी के रूप में देवी और भीमलोचन के रूप में शिव हैं

48. सुगंधा शक्तिपीठ  (Sugandha Shakti Peeth) :

बांग्लादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर स्थित है उग्रतारा देवी का शक्तिपीठ, माता की नाक यहाँ गिरी थी। सुनंदा के रूप में देवी और त्रयंबक के रूप में शिव हैं।

49. करतोया शक्तिपीठ (Kartoya Shakti Peeth) :

बांग्लादेश भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर स्थित है, जहां माता के कपड़े गिरे थे अपर्णा के रूप में देवी और भैरव के रूप में शिव हैं।

50. चट्टल शक्तिपीठ (Chatal Shakti Peeth) :

बंग्लादेश के चटगांव  में स्थित है चट्टल का भवानी शक्तिपीठ, जहां माता की दाहिनी भुजा गिरी थी। भवानी के रूप में देवी और चंद्रशेखर के रूप में शिव हैं

 51. यशोर शक्तिपीठ (Yashor Shakti Peeth) :

बांग्लादेश के जैसोर खुलना में स्थित है माता का  यशोरेश्वरी शक्तिपीठ, जहां माता की बायीं हथेली गिरी थी। जशोरेश्वरी और शिव चंदा के रूप में हैं।

51 शक्ति पीठ सूची टेबल फॉर्म में- 51 Shakti Peeth List in a Table

क्रमांकशक्तिपीठ का नामस्थानदेश / राज्यशरीर का कौन सा
अंग गिरा था
1किरीट शक्तिपीठ लालबाग कोटभारत / पश्चिम बंगालकिरीट यानी शिराभूषण या मुकुट
2कात्यायनी शक्तिपीठ वृन्दावन, मथुराभारत / उत्तर प्रदेशकेशपाश
3करवीर शक्तिपीठ कोल्हापुरभारत / महाराष्ट्रनेत्र
4श्री पर्वत शक्तिपीठ श्री पर्वतभारत / लद्दाख
(स्थान को लेकर
विद्वानों में मतभेद है)
कनपटी
5विशालाक्षी शक्तिपीठ  मीरघाट, वाराणसीभारत / उत्तर प्रदेशदाहिने कान के मणि
6गोदावरी तट शक्तिपीठ कब्बूर में गोदावरी तटभारत / आंध्रप्रदेशबायां कपोल
7शुचीन्द्रम शक्तिपीठ कन्याकुमारीभारत / तमिलनाडुऊपरी दाँत
8पंच सागर शक्तिपीठलोहाघाट के पास पंचसागरभारत / उत्तराखंडनीचे के दांत
9ज्वालामुखी शक्तिपीठकाँगड़ाभारत / हिमाचल प्रदेशजीभ
10भैरव पर्वत शक्तिपीठ उज्जैनभारत / मध्य प्रदेशऊपर का ओष्ठ या होंठ
11अट्टहास शक्तिपीठलाबपुरभारत / पश्चिम बंगालनीचे का होंठ
12जनस्थान शक्तिपीठ पंचवटी, नासिकभारत / महाराष्ट्रठुड्डी
13कश्मीर शक्तिपीठ या अमरनाथ शक्तिपीठअमरनाथभारत / जम्मू-कश्मीरकण्ठ
14नन्दीपुर शक्तिपीठसैन्थयाभारत / पश्चिम बंगालकण्ठहार
15श्री शैल शक्तिपीठ कुर्नूलभारत / आंध्रप्रदेशगले का हिस्सा
16नलहटी  शक्तिपीठबोलपुरभारत / पश्चिम बंगालउदरनली या पेट की नली
17मिथिला शक्तिपीठजनकपुरनेपालबायां कंधा
18रत्नावली शक्तिपीठ चेन्नईभारत / तमिलनाडुदाहिना कंधा
19अम्बाजी शक्तिपीठजूनागढ़भारत / गुजरातपेट
20जालंधर शक्तिपीठजालंधरभारत / पंजाबबाएं स्तन
21रामागिरि शक्तिपीठ(स्थान को लेकर
विद्वानों में मतभेद है)
(स्थान को लेकर
विद्वानों में मतभेद है)
दाहिना स्तन
22वैद्यनाथ शक्तिपीठगिरिडीह, देवघरभारत / झारखण्डहृदय
23वक्त्रेश्वर शक्तिपीठसिउरी टाउनभारत / पश्चिम बंगालभौंहों के बीच का भाग
24कन्याकुमारी शक्तिपीठकन्याकुमारीभारत / तमिलनाडुपीठ
25बहुला शक्तिपीठकेतुग्राम, कटवाभारत / पश्चिम बंगालबायीं भुजा
26उज्जयिनी शक्तिपीठउज्जैनभारत / मध्य प्रदेशकोहनी
27मणिवेदिका शक्तिपीठपुष्करभारत / राजस्थानकलाइयां
28प्रयाग शक्तिपीठइलाहाबाद (अब प्रयागराज है)भारत / उत्तर प्रदेशहाथ की अंगुलियां
29उत्कल शक्तिपीठपुरीभारत / उड़ीसानाभि
30कांची शक्तिपीठकांचीवरम्भारत / तमिलनाडुमाता का कंकाल
31कालमाधव शक्तिपीठ(स्थान को लेकर
विद्वानों में मतभेद है)
दाहिने कूल्हे
32शोण शक्तिपीठअमरकंटकभारत / मध्यप्रदेशदाहिना नितंब
33कामाख्या शक्तिपीठगुवाहाटीभारत / असमयोनि
34जयंती शक्तिपीठजयंतिया पहाडीभारत / मेघालयबायीं जांघ
35मगध शक्तिपीठपटनाभारत / बिहारदाहिनी जांघ
36त्रिस्तोता शक्तिपीठजलपाइगुड़ीभारत / पश्चिम बंगालबाएं पैर
37त्रिपुरी सुन्दरी शक्तिपीठराध किशोरत्रिपुरादक्षिण पाद
38विभाषा शक्तिपीठमिदनापुरभारत / पश्चिम बंगालदाहिना पैर
39कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ कुरुक्षेत्रभारत / हरियाणादाहिना चरण
40युगाद्या शक्तिपीठबर्दमानभारत / पश्चिम बंगालदाहिने चरण का अंगूठा
41विराट अम्बिका शक्तिपीठजयपुरभारत / राजस्थानबाएं पैर की उंगलियां
42कालीघाट शक्तिपीठकोलकाताभारत / पश्चिम बंगालदाहिने पैर की अंगुलियां
43मानस शक्तिपीठमानसरोवर तटतिब्बतदाहिनी हथेली
44लंका शक्तिपीठश्रीलंकानूपुर यानी पायल
45गण्डकी शक्तिपीठगण्डकी नदी के उद्गम परनेपालदाहिना गाल
46गुह्येश्वरी शक्तिपीठकाठमाण्डूनेपालघुटने
47हिंगलाज शक्तिपीठबलूचिस्तानपाकिस्तानसिर का ऊपरी भाग
48सुगंधा शक्तिपीठ खुलनाबांग्लादेशनाक
49करतोया शक्तिपीठभवानीपुरबांग्लादेशमाता के कपड़े
50चट्टल शक्तिपीठचटगांवबांग्लादेशदाहिनी भुजा
51यशोर शक्तिपीठजैसोरबांग्लादेशबायीं हथेली

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बृजेश कुमार स्वास्थ्य, सुरक्षा, पर्यावरण और समुदाय (Occupational Health, Safety, Environment and Community) से जुड़े विषयों पर लेख लिखते हैं और चाय के पल के संस्थापक भी हैं।वह स्वास्थ्य, सुरक्षा, पर्यावरण और सामुदायिक मामलों (Health, Safety, Environment and Community matters) के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम (Portsmouth University, United Kingdom) से व्यावसायिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन में मास्टर डिग्री (Master's degree in Occupational Health, Safety & Environmental Management ) हासिल की है। चाय के पल के माध्यम से इनका लक्ष्य स्वास्थ्य, सुरक्षा, पर्यावरण और समुदाय से संबंधित ब्लॉग बनाना है जो लोगों को सरल और आनंददायक तरीके से स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के बारे में जानकारी देता हो।

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