छोटी नैतिक कहानियाँ। Best 10 lines short stories with moral in hindi

छोटी नैतिक कहानियाँ। Best 10 lines short stories with moral in hindi

हमारी यह 10 पंक्तियों की छोटी नैतिक कहानियों (10 lines short stories with moral in hindi) का संग्रह सभी उम्र के बच्चों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।

ये छोटी नैतिक कहानियाँ (short moral stories in hindi) कक्षा 1, कक्षा 2 और उससे आगे के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं क्योंकि ये कहानियाँ आकर्षक पात्रों और सुंदर चित्रों के साथ मूल्यवान सबक सिखाती हैं।

इन लघु नैतिक कहानियों (very short moral stories in hindi) को पंचतंत्र लघु कहानियों (panchatantra short stories in hindi with moral) के रूप में भी जाना जाता है जो बच्चों को आकर्षक और मनोरंजक तरीके से जीवन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

10 पंक्तियों की छोटी नैतिक कहानियों का संक्षिप्त परिचय। Brief Introduction of 10 lines short stories with moral in hindi:

Table of Contents

नमस्ते! क्या आप अपने नन्हे-मुन्नों में अच्छे संस्कार डालने के लिए हिंदी में सर्वश्रेष्ठ लघु नैतिक कहानियाँ (Short Moral Stories in Hindi)  खोज रहे हैं? मनोरम कहानियों के हमारे खजाने में आपका स्वागत है!

यहां, आपको छोटी नैतिक कहानियों (Very Short Moral Stories in Hindi) का एक शानदार संग्रह मिलेगा, जिसमें नैतिकता के साथ प्राचीन पंचतंत्र की कहानियां (Panchatantra short stories in Hindi with moral) भी शामिल हैं।

हमारी कहानियाँ कक्षा 1, कक्षा 2 और उससे आगे के युवा पाठकों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। हमारा मानना है कि मूल्यवान सबक सीखना मजेदार होना चाहिए, इसलिए हमने मनोरंजन और प्रेरणा दोनों के लिए नैतिक मूल्यों के साथ इन छोटी कहानियों (short stories with moral values in Hindi) को सावधानीपूर्वक तैयार किया है। 

नैतिकता पर आधारित हमारी 10 पंक्तियों की छोटी कहानियाँ (10 lines short stories with moral in Hindi) समझने में आसान हैं और बच्चों के लिए सोते समय मनोरंजक ढंग से पढ़ने के लिए उपयुक्त हैं।

हमारी कई नैतिक कहानियाँ चित्रों के साथ (short moral stories in Hindi with pictures) भी आती हैं, जो उन्हें छोटे बच्चों के लिए और भी अधिक आकर्षक बनाती हैं!

चाहे आप हिंदी में सर्वश्रेष्ठ 10 नैतिक कहानियों  (top 10 moral stories in Hindi) की सूची ढूंढ रहे हों या सोने से पहले अपने बच्चों के साथ साझा करने के लिए एक छोटी नैतिक कहानी, आप सही जगह पर आए हैं।

अपने बच्चों को कहानी सुनाने का आनंद लेने और युवा दिमागों में ज्ञान के बीज बोने के लिए तैयार हो जाइए!

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1. भेड़िया और मेमना । The Wolf and the Lamb: 10 lines short stories with moral in hindi

बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में एक चालाक भेड़िया रहता था। वह चालाक भेड़िया छोटे मेमने को खाना चाहता था।

एक दिन छोटा मेमना नदी से पानी पी रहा था तभी चालाक भेड़िया वहां आया और भेड़िये ने मेमने से कहा, “तुम मेरे हिस्से के पानी की धारा को गंदा क्यों कर रहे हो?”

Photo credit: 101 Aesop's Fables

छोटा मेमना बहुत बुद्धिमान था उसे आसानी से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता था। छोटे मेमने ने कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है? आप मुझसे ज्यादा ऊंचाई पर खड़े हैं और पानी ऊपर नहीं बहता, नीचे बहता है।”

भेड़िये ने फिर कोशिश की, और कहां “मुझे लगता है कि तुम वही मेमना हो जिसने पिछले साल मेरे पिता का अपमान किया था।”

मेमने ने फिर से अपनी समझदारी का प्रयोग किया और कहा कि, “मैं तब पैदा भी नहीं हुआ था!” 

भेड़िया मेमने की बात सुनकर गुस्से में आ गया और गुर्राया, “बस! मैं तुम्हें खाने का यह मौका नहीं जाने दूंगा क्योंकि तुम बहुत चालाक हो और तुम्हारे पास बहाने बनाने की प्रतिभा है!”

जैसे ही वह छोटे मेमने पर हमला करने वाला था,  मेमना नदी में कूद गया और पानी के बहाव के साथ बहकर भेड़िये से दूर चला गया और भेड़िया खड़ा देखता रह गया!

नैतिक: उस व्यक्ति के साथ तर्क करना आसान नहीं है जो आपकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।

2. भेड़िया और सात छोटे बच्चे। The Wolf and the Seven Goat Kids: Moral stories in hindi

एक दिन बकरी की माँ ने अपने बच्चों को चालाक भेड़िये से सावधान रहने को कहा और किसी काम से बाजार चली गई, जैसे ही वह बाजार गई, भेड़िया आ गया।

चालाक भेड़िया  ने छोटी-छोटी बकरियों को मूर्ख बनाया और जैसे ही छोटी-छोटी बकरियों ने दरवाजा खोला वह घर के अंदर गया और उसने बकरी के बच्चों को खा लिया सिवाय एक बच्चे के जो छिप गया।

Photo credit: 101 Aesop's Fables

 जब बकरी बाजार से घर वापस आई तो उस बच्चे ने रोते हुए अपनी माँ को सब कुछ बताया कि कैसे चालाक भेड़िए ने उन्हें मूर्ख बनाकर सबको खा लिया। बकरी ने उस बच्चे को शांत कराया और दोनों भेड़िए को खोजने निकल गए।

भेड़िया वहीं पास के बगीचे में गहरी नींद में सो रहा था ।बकरी ने भेड़िए को देखते हीअपने साथ आए उस बच्चे के कान में कुछ कहा और बच्चा तुरंत घर से दौड़ कर चीजें ले आया।

बकरी ने भेड़िए का पेट काटकर उसमें से अपने बच्चों को बाहर निकाल लिया और उसमें एक बड़ा पत्थर डालकर फिर से उसे सिल दिया।

भेड़िए की नींद पूरी होने पर वह उठा तो उसे बहुत प्यास लगी थी, वह पानी पीने के लिए  कुएं की तरफ गया और पेट में भारी पत्थर होने के कारण वह अपने को संभाल नहीं सका और कुएं में गिर गया।

उसे कुएं में गिरा देखकर बकरी और उसके बच्चे बहुत खुश हुए, और भेड़िए के डर से आजाद हो कर रहने लगे। इस तरह बकरी ने अपने बच्चों की जान बचा ली।

Moral: कभी किसी के बहकावे में न आएं। निर्णय हमेशा सोच समझ कर लेना चाहिए।

3. भेड़िया और बकरी। The Wolf and the Goat: panchatantra short stories in hindi with moral

एक बार एक छोटी सी बकरी अपने  घर का रास्ता भटककर दूसरे रास्ते पर चली गई ।उस रास्ते पर उसे एक भेड़िया मिला भेड़िए ने सोचा इसे मूर्ख बना कर खा लेता हूं, उसने छोटी बकरी से कहा कि लगता है तुम अपने घर का रास्ता भूल गई हो मेरे साथ चलो मैं तुम्हें घर पहुंचा दूंगा। 

 बकरी ने कहा, “धन्यवाद! लेकिन मैं स्वयं चली जाऊंगी मुझे अपने घर का रास्ता पता है, मुझे आपकी मदद की जरूरत नहीं है।

भेड़िए ने बहुत मासूमियत से अपनी आंखों में आंसू भर कर कहा कि मुझे तुम्हारी बहुत चिंता है, कहीं कोई दुष्ट जानवर तुम्हें नुकसान न पहुंचाए।

बकरी ने कहा कि मुझे भेड़िए के अलावा कोई चोट नहीं पहुंचा सकता तो मुझे तुम से सावधान रहने की ज्यादा आवश्यकता है!

भेड़िये ने कहा, “नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, कोई और तुम्हें चोट पहुंचाए इससे अच्छा है मैं तुम्हें अपने पेट के अंदर रख लेता हूं, जहां तुम सुरक्षित रहोगी!”

 जैसे ही वह बकरी पर कूदने वाला था, बकरी ने उसे लात मार दी और पूरी ताकत से अपने घर की तरफ दौड़ने लगी और जल्दी ही वह जंगल पार करके अपने घर पहुंच गई। 

Moral: शिक्षा: हमें सभी परिस्थितियों में सावधान रहना चाहिए।

4. भेड़िया और चरवाहा। The Wolf and the Shephered: Bedtime stories for kids in hindi

एक बार की बात है, एक चालाक भेड़िया था, जो यह दिखावा करता था, कि वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है। सबके साथ मित्रता और प्रेम से रहता है।

 जैसे-जैसे समय बीतता गया, चरवाहे को भेड़िया से डर नहीं लगता और उस पर विश्वास बढ़ता गया उसे लगता कि भेड़िया उसका मित्र है, भेड़िया चरवाहे की मदद भी किया करता था।

 एक दिन चरवाहा किसी काम से शहर गया। उसने भेड़िये की देखभाल में अपने भेड़ों के झुंड को छोड़ दिया।

The Wolf and the Shephered

 जब वह शाम को लौटा तो चरवाहे ने देखा कि उसकी सारी भेड़ों को भेड़िया उठा ले गया है।

 यह देखकर, चरवाहे को एहसास हुआ कि उसने कितनी बड़ी गलती की है, धूर्त और शत्रु पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए चाहे वह कितनी भी मित्रता का दिखावा क्यों न करें ।

Moral: कभी भी किसी पर अंध विश्वास न करें।

5. भेड़िये और कुत्ते। The wolves and the Dogs: moral stories in hindi for class 5

एक किसान के पास एक खेत था, जिसकी देखभाल के लिए उसने कुछ कुत्ते पाल रखे थे।

 एक दिन, भेड़ियों का एक झुंड खेतों में आया और कुत्तों से पूछा, “हमें तो जंगल में खाने की, घूमने की, रहने की और अपनी मर्जी से कहीं भी आने-जाने की पूरी आजादी है, और कोई काम भी नहीं करना होता है।

 तुम लोगों को तो यहां बलपूर्वक रहने के लिए बाध्य किया गया है, और तुम्हें काम भी करना पड़ता है, और भोजन भी नाप कर मिलता है, फिर तुम लोग यहां क्यों रहते हो हमारे साथ जंगल में क्यों नहीं चलते।

कुत्तों ने भेड़ियों की बातों पर विश्वास कर लिया और उनके साथ जंगल के लिए चल दिए।

 कुछ दूर जाने के बाद, भेड़ियों ने कुत्तों पर हमला कर दिया और एक-एक करके सब को मारकर खाने लगे, लेकिन कुत्तों को पछताने के लिए बहुत देर हो चुकी थी।

Moral: हमारे पास जो कुछ भी है उसमें खुश और संतुष्ट रहें।

6. घोड़ा और भेड़िया। The Horse and the Wolf: class 2 short moral stories in hindi:

एक बार भेड़िये ने घोड़े को बहला-फुसलाकर बाजार ले जाकर उसे बेचना चाहा। वह घोड़े को बेचकर पैसा कमाना चाहता था।

  भेड़िये ने घोड़े से कहा, “घोड़ा भाई क्या तुम अस्वस्थ हो ?”

 घोड़े ने उत्तर दिया, “मैं मैं बिल्कुल ठीक हूं मेरा ध्यान रखने के लिए धन्यवाद!”

 भेड़िये ने घोड़े के चारों ओर चक्कर लगाया और कहा, “घोड़े भाई मुझे तुम्हारे स्वास्थ में कुछ गड़बड़ लग रहा है मेरी बात मानो और मेरे साथ बाजार चलो मैं तुम्हें दवा दिलवा देता हूं।”

The Horse and the Wolf
Photo credit: 101 Aesop's Fables

घोड़े को अब उस पर थोड़ा शक हुआ और उसने कहा, “दरअसल, मेरे पिछले पैरों में से एक में दर्द हो रहा है।”

मेरी ने कहा ठीक है मैं उसे अभी देखता हूं जैसे ही भेड़िया घोड़े के पैरों के पास पहुंचा घोड़े ने उसे जोर से लात मारी!

घोड़े के लात मारते ही भेड़िया दूर जा गिरा और उसे बहुत चोट आई वह समझ गया कि घोड़ा समझ चुका है कि भेड़िया उसके साथ चलाकि कर रहा है, इस बात का एहसास होते ही भेड़िया वहां से तुरंत भाग गया।

शिक्षा: हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि चतुराई हमेशा सफलता की ओर नहीं ले जाती।

7. भेड़िया और बगुला। The Wolf and the Heron: 10 lines short stories with moral in hindi:

एक बार एक भेड़िया मछली खा रहा था तो उसने मछली की एक बड़ी हड्डी निगल ली, और वह हड्डी उसके गले में फंस गई।भेड़िए का सांस लेना मुश्किल हो गया, भेड़िया मदद के लिए इधर-उधर भागा।

 उसने अपने आसपास देखा उसे एक  बगुला घूमता हुआ दिखाई दिया। भेड़िए ने बगुले को मदद के लिए पुकारा।

मछली की हड्डी फसने की वजह से भेड़िया ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था किसी तरह से उसने अपनी बात कही की “कृपया मेरी मदद करें! मैं आपकी दया के लिए आपको इनाम दूंगा।”

The Wolf and the Heron
Photo credit: 101 Aesop's Fables

बगुला उसकी बातों में आ गया और इनाम की लालच में उसकी मदद करने को तैयार हो गया।

 बगुले ने भेड़िए से कहा कि वह जितना हो सके अपना मुंह खोल दे। फिर बगुले ने धीरे-धीरे और सावधानी से अपनी लंबी चोंच भेड़िये के गले में डाली और मछली की हड्डी निकाल ली।

गले से हड्डी निकलने की वजह से भेड़िए को राहत मिली,और भेड़िया वहां से जाने लगा। “

भेड़िए को जाता देख बगुले ने कहा अरे! तुम मुझे पुरस्कृत किए बिना क्यों जा रहे हो?”और  भेड़िये को रोकने की कोशिश करने लगा।

भेड़िये ने कहा “देखो मेरे दोस्त, जब तुमने अपनी चोंच मेरे मुँह के अंदर डाली तो मैंने तुम्हारा सिर नहीं काटा। क्या यह अपने आप में एक इनाम नहीं है,और यदि तुम्हें लगता है, कि मैंने तुम्हें इनाम नहीं दिया तो अभी दे देता हूं।”

 इतना कहते ही भेड़िया बगुले के ऊपर कूद पड़ा और उसे खा गया।

नैतिक: दुष्टों की सेवा करने के लिए किसी पुरस्कार की अपेक्षा न करें।

8. बंदर और टोपी। Monkey and Hat: very short story in hindi:

एक बार की बात है, एक छोटा लड़का था, जो टोपियाँ बेचा करता था। एक दिन कड़ी धूप में चलते चलते वह थक गया था तो एक पेड़ के नीचे सुस्ताने के लिए बैठा और ठंडी हवा से उसे नींद आ गई।

उस पेड़ पर एक बंदरों का समूह रहता था, उन बंदरों ने सारी टोपिया उठा ली और उसे लेकर वापस पेड़ पर चढ़ गए।

जब लड़का जागा तो यह देखकर चौंक गया कि उसकी रंग-बिरंगी टोपियां पहने बंदर पेड़ों पर झूल रहे हैं। “मेरी टोपी वापस दे दो!” वह गुस्से से चिल्लाया। लेकिन बंदर अपने में मस्त थे और केले खाकर छिलके उसके ऊपर फेंक रहे थे।

Photo Credit: 365 Bedtime Stories Book

लड़के ने अपनी टोपियां वापस पाने के लिए एक योजना बनाई। उसने अपने हाथों को ताली बजाई।

 चूंकि बंदर दूसरों की नकल करना पसंद करते हैं, इसलिए उन्होंने भी ताली बजाई। 

लड़के ने अपनी टोपी उतारकर सिर खुजाया तो बंदरों ने भी अपनी टोपी उतारकर अपना सिर खुजाया। 

लड़के ने फिर अपनी टोपी उतार कर जमीन पर फेंक दी। मूर्ख बंदरों ने उसकी हरकत की नकल की और अपनी टोपियां भी जमीन पर फेंक दीं।

 लड़के ने जल्दी से अपनी टोपियाँ उठाईं और चला गया।

नैतिक शिक्षा:- हमे कभी किसी की नकल नहीं करनी चाहिए और नकल करते समय भी अक्ल का प्रयोग करना चाहिए।

9. द मून प्रिंस । The moon prince: moral stories for kids in hindi

नन्हे शुभ को चांदनी रात में चाँद देखना बहुत पसंद था और वह सोचता था कि क्या वह किसी दिन  चांद पर जा सकता है क्या ?

एक रात, जब नन्हा शुभ रात में आकाश को देख रहा था, तभी चाँद से एक चांदी की सीढ़ी उतरी और एक सुंदर राजकुमार सीढ़ी से नीचे उतरने लगा।

 शुभ को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था राजकुमार उसके पास आया और बोला, “मैं मून प्रिंस हूँ। आओ, मैं तुम्हें अपने साथ चाँद पर ले चलता हूँ।”

 शुभ की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, वह तेजी से मून प्रिंस के साथ सीढ़ी चढ़ने लगा।

जहां राजकुमार रहता था उस विशाल महल को देखा कर  शुभ ने कहा “वाह! यह बहुत सुंदर है,।”

 राजकुमार ने शुभ को एक बड़ी कुर्सी पर बिठाया और चांदी की थाली में बहुत सारे स्वादिष्ट भोजन खाने को दिए।

राजकुमार के महल में चारो तरफ हीरे, मोती लगे हुए थे जिसकी चमक शुभ को बहुत अच्छी लगी।

राजकुमार ने शुभ को अपना पूरा महल दिखाया और फ़िर कहा कि “अब अपनी आंखें बंद करो और घर के बारे में सोचो”।

 शुभ ने राजकुमार की बात मान ली और अपनी आंखे बंद कर ली।

 शुभ ने जैसे ही आंखे खोली वह अपने बिस्तर पर था, और उसकी मां उसे जगा रही थी!

10. लालची लड़का। The Greedy boy: short stories for kids in hindi

एक दिन, सौरभ नाम के एक छोटे लड़के ने बेकरी से ताजा चीज़ ब्रेड खरीदा। ब्रेड की महक से सौरभ के मुंह में पानी आ गया और वह इसे खाने के लिए घर पहुंचने का इंतजार नहीं कर सका।

 “सौरभ ने तभी अपने दोस्त यश को उधर आते हुए देखा, अरे नहीं यह तो यश इधर ही आ रहा है! सौरभ में यश को देखते ही कहां।”

सौरभ इस समय  यश को देखकर खुश नहीं हुआ, क्योंकि वह अपना चीज़ ब्रेड किसी के साथ बांटना नहीं चाहता था।

 सौरभ ने नाटक किया जैसे उसने यश  को नहीं देखा लेकिन तभी यश ने सौरभ को बुलाया और कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ घर चलता हूं।

यश अपने दोस्त सौरभ के साथ उसके घर आ गया।  यश को अपने साथ आया देख सौरभ ने सोचा मुझे अपना चीज ब्रेड छुपा देना चाहिए।

 सौरभ ने यश को बाहर इंतजार करने के लिए कहा और वह जल्दी से ब्रेड किचन में रखने चला गया।

  सौरभ, यश के जाने का बेसब्री से इंतजार करने लगा। यश से बात करते हुए भी वह ब्रेड के बारे में ही सोचता रहा।

 यश के जाते ही   सौरभ दौड़कर किचन में गया। लेकिन ब्रेड वहां से गायब हो गया था।

  सौरभ ने रसोई में चारों ओर अपना ब्रेड ढूंढने लगा । तभी उसे म्याऊ- म्याऊ की आवाज सुनाई दी।

 उसने देखा की फर्श पर छोटे-छोटे टुकड़े बिखरे हुए थे, बिल्ली ने उसका सारा चीज ब्रेड खा लिया था, और अपना मुंह चाट रही थी।

 “काश मैंने  यश के साथ चीज ब्रेड बाँटी होती तो कम से कम मुझे इसका स्वाद चखने को तो मिल जाता,”सौरभ मन ही मन पछताते हुए यह सोचने लगा। 

11. दो चंद्रमा। Two Moons: Panchatantra stories in hindi

अंधेरी रात थी और आसमान में चाँद चमक रहा था। राम अपने परिवार के साथ दादी माँ से मिलने उनके घर जा रहा था।

 रास्ते में वे एक तालाब के पास से गुजर रहे थे, तभी  राम ने पानी में चंद्रमा को देखा।

 उसने उत्साह में अपनी बहन, सोनम का हाथ पकड़ लिया और चिल्लाया, “देखो सोनम! चाँद तालाब में गिर गया है।”

राम की बात सुनकर सोनम की हँसी फूट पड़ी।

 राम अपने बड़े भाई रोहित के पास गया और बोला, “रोहित भैया, देखो! चाँद पानी में गिर गया है”

Two Moons_ Panchatantra stories in hindi

रोहित ने कहा “ओह! सच में!” और उसकी भी हंसी फूट पड़ी। 

राम को बहुत गुस्सा आया और वह अपने माता-पिता के पास गया,जो बच्चों के पीछे-पीछे आ रहे थे।

 “माँ! मैंने चाँद को पानी में देखा,” उसने कहा।

राम की बात सुनकर उसकी मां मुस्कुराईं और उसे अपनी गोद में उठा लिया और कहा, “नहीं, राम, चाँद अभी भी ऊपर आसमान में है और तुमने पानी में जो देखा वह सिर्फ उसका प्रतिबिंब है।”

12. द स्नेकबॉय। The Snake Boy: Very short story in hindi

श्याम को सांपो के बारे में जानने का बहुत शौक था। वह दिन भर सांपों के बारे में पढ़ता और उनके बारे में टीवी में देखता रहता।

दूसरे बच्चे श्याम को अजीब समझते थे ,और उसे स्नेक ब्वॉय कहते थे।

एक दिन, मिस आकांक्षा, “श्याम की शिक्षिका” ने कहा, “बच्चों, मैं चाहती हूँ कि तुम सब तितलियों के बारे में दस पंक्तियाँ लिखो!”

अब, श्याम को तितलियों के बारे में तो कुछ पता नहीं था ,क्योंकि उसने जो कुछ भी पढ़ा था वह केवल सांपों के बारे में था।

सब बच्चों ने अपनी- अपनी पंक्तियाँ लिखकर शिक्षिका को दिखा दिया , लेकिन बेचारे श्याम ने एक शब्द भी नहीं लिखा था।

यह देख कर मिस आकांक्षा को गुस्सा आ गया और वह उसे सजा देने ही वाली थी कि तभी, एक बच्चा रोते हुए कक्षा में दौड़ा।

“मिस आकांक्षा! लॉन में एक साँप है।” यह सुनकर मिस आकांक्षा बेहोश हो गई।

किसी ने दौड़कर गार्ड को बुलाया। गार्ड भी सांप को देखकर डर गया और उसके पास नहीं जा रहा था!

श्याम लॉन में गया और दूर से ही उसने साँप के पास एक पत्थर फेंका, पत्थर की आवाज से भी साँप नहीं हिला और शांत पड़ा रहा।

तब श्याम ने कहा कि ये साँप मारा हुआ है इसलिए सांप शांत पड़ा है और फिर गार्ड ने सांप को पकड़ कर दूर फेंक दिया!

गार्ड और बाकी कक्षा ने श्याम की बहादुरी की प्रशंसा की और उसे धन्यवाद दिया।

13. इंद्रधनुष। The rainbow: 10 lines short stories with moral in hindi

देवताओं के राजा इंद्र के दरबार में सात बच्चे थे। एक दिन बच्चों में इस बात को लेकर बहस हो गई कि उनमें बड़ा कौन है।

लाल ने कहा, “मैं सबसे बड़ा हूँ! क्यों की तरबूज और सेब लाल हैं!”

ऑरेंज बोला “लेकिन संतरे और गाजर नारंगी हैं!” इसलिए मैं सबसे बड़ा हूं।

पीला बोला “नहीं! मैं सबसे बड़ा हूं मैं हूँ! सूरजमुखी और केले पीले हैं!”।

अब हरा बोला, “सभी कच्चे फल हरे होते हैं! इस प्रकार, मैं सबसे बड़ा हूँ!”

नीला ने कहा “आकाश को देखो और तुम जानोगे कि मैं सबसे बड़ा हूँ!”

The rainbow_10 lines short stories with moral in hindi

इंडिगो ने पूछा “क्या तुमने मोर नहीं देखा?” इसलिए मैं सबसे बड़ा हूं।

वायलेट बोल “तुमने निश्चित रूप से प्यारे अंगूर नहीं देखे हैं!” इसलिए मैं सबसे बड़ा हूं।

जब इंद्र ने यह सुना, तो उन्होंने कहा, “अच्छे बच्चे कभी नहीं लड़ते! यदि तुम एक साथ खेलोगे और एकजुट रहोगे, तो तुम पहले से भी अधिक मजबूत हो जाओगे!”

आज भी हर कोई इनकी जादुई खूबसूरती का कायल है। आखिरकार, वे मिलकर इंद्रधनुष बनाते हैं!

14. सम्मान की सीट। The seat of honour: panchatantra stories in hindi

एक बार जंगल में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया आयोजन के दौरान, सम्मान की सीट सबसे बड़े जानवर के लिए बचा के रखी हुई थी।

लेकिन इस साल सम्मान की सीट के लिए बहस शुरू हो गई कि सबसे बड़ा कौन है।

हिरण ने कहा, “मैं सबसे बड़ा हूँ क्योंकि मैंने सूर्य और चंद्रमा को बनाया है।”

लोमड़ी ने कहा मैं सबसे बड़ी हूं यहां क्योंकि मैंने सीढ़ियां बनाई जो आसमान तक जाती थी।

तभी एक बूढ़े मेंढक ने कहा मैं यहां सबसे बड़ा हूं।

तो बाकी सभी जानवरों ने पूछा यह कैसे, क्या आप बता सकते हैं?

तो बूढ़े मेंढक ने कहा क्या आप उस सीढ़ी के बारे में बात कर रहे हैं जिसका उपयोग सूर्य और चंद्रमा को बनाने के लिए किया गया था?

लोमड़ी ने उत्साह पूर्वक का हां… हां…हम उसी की बात कर रहे हैं?

तभी बूढ़े मेंढक ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा, मुझे अपने पर-पोते की याद आ गई उसने मुझे बताया था, कि उसने वह पेड़ लगाया था जिनकी लकड़ियों का उपयोग सीढ़ियां बनाने के लिए किया गया था।

मेंढक की बात सुनकर किसी अन्य जानवर ने शिकायत नहीं की और उसे सम्मान की सीट दे दिया गया।

15. समुद्रतट पर । At the seaside: 10 lines short stories with moral

रेयान और उसके दोस्त अपनी साइकिल से समुद्र के किनारे गए। उन्हें वहां जाकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने देखा वहां हर जगह आइसक्रीम, पॉपकॉर्न और कैंडी बिक रही थी।

रेयान और उसके दोस्तों ने सब कुछ खाया। रेयान और चीकू को पॉपकॉर्न बहुत पसंद था और सारा ने आइसक्रीम के बड़े स्कूप लिए क्योंकि सारा को आइसक्रीम बहुत पसंद था।

उधर देखो ! सारा ने जोकरों की ओर इशारा करते हुए कहां, जो एक मजेदार करतब कर रहे थे।

जोकरों ने रंग-बिरंगी गेंदों से अपने करतब दिखाए और बच्चों के साथ कई खेल खेले। लेकिन बच्चों को जो सबसे ज्यादा पसंद आया वह थी उनकी टट्टू की सवारी।

At the seaside_10 lines short stories with moral

इसके बाद रेयान, चीकू और सारा समुद्र तट के किनारे पर गए और रेत का एक बड़ा महल बनाया।

“जब हम बड़े होंगे, हम समुद्र के किनारे, इस तरह के एक बड़े महल में एक साथ रहेंगे। मैंने ठीक कहा ना?” सारा ने खुशी से कहा।

“हाँ, हम एक साथ रहेंगे,” रेयान और चीकू ने कहा।

शाम हो गई थी और वापस जाने का समय हो गया था, बच्चे मस्ती भरे दिन के बाद घर लौट आए।

16. दो बुरे चूहे। Two bad mice: short stories for kids in hindi

एक घर में चीकू – मिकू नाम के दो शरारती चूहे रहते थे। वे दोनों घर के एक छोटे से कोने में रहते थे।

उन्होंने किचन में रखा खाना कुतर-कुतर कर फैला दिया।

एक रात उन्होंने एक गुड़िया का घर देखा ,उसमें छोटी-छोटी कुर्सियाँ, बिस्तर और खाने के लिए एक मेज भी थी। दोनों दबे पाँव घर में घुस गए।

यह बिस्तर तो हमारे लिए एकदम सही है,” चीकू ने कहा।”

मीकू ने कहा कि चलो पहले खाना खत्म कर लेते हैं फिर बाद में बिस्तर पर सोएंगे।

Two bad mice_short stories for kids in hindi

लेकिन जैसे ही उन्होंने खाने की कोशिश की, तो उन्हे चोट लगी। उन्होंने ब्रेड भी ट्राई किया,लेकिन चीकू-मीकू का दांत टूट गया। “यह असली नहीं है!” मीकू जोर से चिल्लाया।

दोनों चूहे बहुत निराश हुए। लेकिन अपने बिल में वापस जाते समय, वे अपने साथ छोटे-छोटे बिस्तर और कुर्सियाँ ले गए। “कम से कम हम इनका तो कुछ उपयोग कर सकेंगे चीकू-मीकू ने कहा।

17. सुनहरी सुबह का पसंदीदा आवाज - Sunny day's favourite sound: short stories for kids in hindi

सुनहरी सुबह कंकड़-पत्थरों पर कलकल बहती धारा की आवाज को सुन बहुत प्रसन्न हुई, और नदी की धारा से बोली की “तुम इतनी प्यारी ध्वनि कैसे निकालती हो?

बहती धारा ने कहा धन्यवाद सुनहरी सुबह,  मैं तो अपने रास्ते पर बहती चली जाती हूं इन छोटे-छोटे कंकर पत्थर से टकरा कर पानी से जो ध्वनि निकलती है वही आपने सुना है।

फिर धारा अपने रास्ते पर बहती रही।

सुनहरी सुबह ने एक मधुमक्खी को शहद इकट्ठा करते हुए भिनभिनाते हुए सुना।

“तुम यह आवाज कैसे करते हैं?” उसने पूछा।

मधुमक्खी ने जवाब दिया, “मुझे अपनी मांसपेशियों को लचीला रखना पड़ता है, और काम करते समय अपने शरीर को गर्म रखने के लिए अपने पंखों को रगड़ना पड़ता है। यही वह भिनभिनाहट करता है।”

सुनहरी सुबह ने मॉकिंग बर्ड को गाना गाते हुए सुना। तुम्हारी आवाज बहुत प्यारी है कैसे गाती हो?

मॉकिंग बर्ड ने कहा जब मैं खुश होता हूं तो मैं अपना मुंह खोलता हूं और गाता हूं।

सुनहरी सुबह ने बच्चों को हंसते हुए सुना

बच्चों मुझे तुम्हारी हंसी बहुत पसंद है तुम या कैसे कर लेते हो?

छोटे बच्चे ने कहां जब मुझे कुछ अच्छा लगता है तो मैं हंसता हूं मुझे हंसना अच्छा लगता है।छोटे बच्चे ने उत्तर दिया

सुनहरी सुबह ने सोचा कि इतनी सारी सुंदर आवाजें वह रोज़ सुनता है वह कितना भाग्यशाली है।

18. लिली की सप्ताहांत योजनाएं - Lily's weekend plans: class 2 short moral stories in hindi

लिली छुट्टी के लिए उत्सुक थी। वह अपने पसंद के सारे काम करना चाहती थी जो उसे अच्छा लगता था। वह  अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहती।

लिली ने सोम को फोन किया और कहा “चलो साइकिल चलाने चलते हैं।

सोम ने कहा, “Sorry लिली, मुझे आज फुटबॉल खेलने के लिए जाना है। कल मेरा फुटबॉल का मैच है इसलिए मैं नहीं आ सकता और Sunday को मुझे जन्मदिन की पार्टी में जाना है।

निराश होकर लिली ने रिंकू को फोन किया।

रिंकू मेरे घर आओ ,हम मिलकर मेरे ब्लॉक्स के साथ कुछ बनाते हैं, और खेलते हैं।

Lily's weekend plans_class 2 short moral stories in hindi

लेकिन रिंकू भी व्यस्त था, वह अपने पिता के साथ मछली पकड़ने जा रहा है।

लिली परेशान हो गई थी। वह बाहर गई और घास पर लेट गई, बादलों को देखती रही।

उसने एक आवाज़ सुनी जो उसे पुकार रही थी, उसने अपनी आंखे खोली तो देखा कि उसकी माँ थी।

माँ ने बताया कि उसके दोस्त सारा ने फोन किया था।

वह लिली के साथ खेलना चाहती थी ?

यह सुन कर लिली मुस्कुराने लगी और खुश होकर सारा का इंतजार करने लगी।

19. कुकू का इनाम - Kuku's reward: panchtantra ki kahaniyan

कुकू एक दिन स्कूल से वापस आ रहा था, अचानक से उसकी नजर एक झाड़ी पर पड़ी।

झाड़ी के पीछे जाल में एक काला-सफेद कुत्ता फंसा था।

वह कुत्ते को अपने साथ घर ले गया। उसे देखकर कुकू के पापा ने कहा की कुकू मुझे लगता है इसका पैर टूट गया है।
कुकू अपने पापा के साथ उसे अस्पताल ले गया।

डॉक्टर ने कुत्ते के पैरों का इलाज किया और कहा कि यह जल्दी ठीक हो जाएगा लेकिन इसका ध्यान रखना। कुकू यह सुनकर खुश हो गया कि नन्हा कुत्ता जल्दी ठीक हो जाएगा।

कुकू कुत्ते को लेकर घर आ गया लेकिन वह थोड़ा उदास था।

कुकू के पापा ने उसे समझाते हुए कहा कि हमें उसके मालिक को ढूंढना होगा। वह भी इसके लिए परेशान हो रहा होगा, हम इसे हमेशा अपने पास नहीं रख सकते।

उन्होंने अपने आस पड़ोस में कुत्ते की फोटो के साथ अपना फोन नंबर लिखकर बोर्ड पर लगा दिया।

कुछ दिनों बाद कुत्ते के मालिक का फोन आया और वह कुत्ते को लेने के लिए कुकू के घर आया।

उन्होंने अपने कुत्ते की इतनी अच्छी देखभाल करने के लिए कुक्कू की बहुत तारीफ की और कहा तुम बहुत अच्छे लड़के हो और मैंने सुना है, आज तुम्हारा जन्मदिन है, इसलिए मैं तुम्हारे लिए एक छोटा सा पिल्ला तोहफे के रुप में लाया हूं।

कुकू ने कहा “धन्यवाद अंकल”।

कुकू पिल्ले को पाकर बहुत खुश हुआ और उसके साथ खेलने लगा।

20. द बॉय इन द पेपर बोट। The boy in the paper boat: panchtantra ki kahani

रोहन को कागज की नाव बनाना बहुत पसंद था। एक दिन उसने कागज की एक नाव बनाई और उसे अपने बेड के साइड टेबल पर रख दिया।

रात में कुछ आवाज से उसकी नींद खुल गई।

उसने देखा कि एक कप्तान और दो नाविक उसकी कागज की नाव को ले जाने की तैयारी कर रहे थे!

“आप मेरी नाव को लेकर कहां जा रहे हैं?” रोहन ने पूछा।

कप्तान ने कहा कि तुम भी क्यों नहीं हमारे साथ ही चलते, तुम भी नाव की सवारी कर लेना।

The boy in the paper boat_panchtantra ki kahani

रोहन भी उन लोगों के साथ नाव की सवारी करने के लिए चला गया।

जैसे ही कागज़ की नाव समुद्र में चलने लगी रोहन बहुत खुश हुआ और जोर से चिल्लाया “यिपी!”।

उन्होंने अचानक से समुद्री लुटेरों से भरा एक जहाज देखा। ” हमे समुद्री लुटेरों से हारना नही है, कप्तान जोर से चिल्लाया।

हां कप्तान,” रोहन ने पूरे जोश के साथ कहा।

रोहन बहुत साहस के साथ लड़ा और बहुत जल्द समुद्री डाकूओं का जहाज डूब गया।

बाद में, कागज़ की नाव ने रोहन को उसके बिस्तर पर उतार दिया।

यह नाव हमेशा रोहन की साइड टेबल पर रहता था! ताकी ज़रूरत पड़ने पर रोहन कप्तान की मदद कर सके।

21. भाग्यशाली बीज - The lucky seed: moral stories for kids in hindi

एक किसान बीज बेचने के लिए बाजार जा रहा था। उसकी गाड़ी एक पत्थर से टकराई और थैले में से एक बीज गिर गया।

“काश मैं ज़मीन के अंदर घुसकर सुरक्षित रह पाता,” बीज ने सोचा तभी एक भैंस ने बीज पर पैर रख दिया जिससे बीच जमीन के अंदर घुस गया।

“मैं बहुत प्यासा हूँ। मुझे बढ़ने में मदद के लिए कुछ पानी मिल जाता तो अच्छा होता,” बीज ने सोचा और तभी बारिश होने लगी!

अगले दिन बीज से जड़े निकलने लगी।

सूरज की किरणें जैसे ही बीच पर पड़ी उसमें टहनियां और पत्तियां निकलने लगी।

The lucky seed_moral stories for kids in hindi

एक भूखे पक्षी ने बीज को ज़मीन से निकाल कर खाने की कोशिश की लेकिन बीज की जड़े मजबूत थी और जड़ों ने उसे बचा लिया।

कुछ समय बाद बीज एक पौधा और फिर एक मजबूत पेड़ के रूप में विकसित हुआ।

बीज ने सोचा मैं कितना सौभाग्यशाली हूं कि मुझे एक पेड़ बनने का मौका मिला।

22. अकेला ट्रैफिक लाइट - The lonely traffic light: panchatantra stories in hindi

ट्रैफिक लाइट, एक क्रॉसिंग पर खड़ी थी, लाल, हरे और पीले रंग को झपका रही थी।

वह बहुत उदास और अकेली थी। उसने कहा “कोई मेरी परवाह नहीं करता! सब लोग बस तेजी से गाड़ी चलाते हैं!”

लेकिन बत्ती के लाल होते ही ट्रैफिक लाइट को खुशी महसूस हुई क्योंकि वाहनों को उसके हरे होने का इंतज़ार करना पड़ रहा था।

“अब हर कोई मुझे देख रहा है!” ट्रैफिक लाइट ने खुशी से सोचा।

The lonely traffic light_panchatantra stories in hindi

ट्रैफिक लाइट को बच्चों से बहुत प्यार था , क्योंकि बच्चे गाड़ियों से बाहर देखते रहते थे और उसके हरे होने का इंतजार करते थे,और ट्रैफिक लाइट को भी हाथ हिलाते बाय- बाय करते थे।

एक दिन, बेचारी ट्रैफिक लाइट रंग नहीं बदल सकी।

सारी गाड़ियां फंस गईं। टिफ़नी को ठीक करने के लिए मरम्मत वाले आए।

उन्होंने कहा “हमें बहुत जल्द इस लाइट को ठीक करने की आवश्यकता है! इस ट्रैफिक जाम को तो देखो।

अब, टिफ़नी को एहसास हुआ कि सड़क पर कारों के लिए वह कितनी महत्वपूर्ण थी।

“आज से, मैं और अच्छा काम करुंगी और सब को खुश रखूंगी!”

23. दिवाली की खुशी (Happy Diwali) - आकाश और लापता मिठाई: short moral stories in hindi

आकाश को दिवाली बहुत पसंद थी! पटाखे, रंगोली, और विशेष रूप से मिठाइयां! इस साल,आकाश की दादी मां ने खूब सारे लड्डू बनाए जो कि आकाश को बहुत पसंद था। वह उसे खाना चाहता था, लेकिन दादी ने कहा शाम को पूजा के बाद खाएंगे।

वह मान गया और शाम की पूजा की का इंतजार करने लगा। लेकिन जब शाम की पूजा खत्म हुई तो आकाश लड्डुओं को लेने के लिए रसोई घर में गया, लेकिन वह उसे नहीं मिला। उसने पूरे घर में ढूंढा लेकिन उसे एक भी लड्डू घर में नहीं मिला। वह निराश होकर बाहर बैठ गया, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। आकाश सोचने लगा क्या कोई उन्हें ले गया ?

अचानक, प्रकाश की एक छोटी सी किरण उसे दिखाई दी । आकाश ने ध्यान से देखा तो वह एक जुगनू था, जो अपनी छोटी-सी लालटेन जला रहा था। आकाश ने दूसरों की मदद करने के महत्व के बारे में अपनी दादी मां की कहानियों से सीखा था। उसने जुगनू की मदद करने का फैसला किया और लालटेन जलाने में उसने जुगनू की मदद की।

जुगनू उसे चींटियों के एक समूह के पास ले गया, जो एक वस्तु को ले जाने के लिए संघर्ष कर रही थी। आकाश ने देखा वह तो उसके दादी मां के बने हुए लड्डू थे।आकाश को बहुत गुस्सा आया कि उसकी दादी मां के बने हुए लड्डू यह चीटियां ले गई, लेकिन फिर उसे याद आया आज तो दिवाली है।

आज तो सभी को मिठाइयां खानी चाहिए, इसलिए आकाश ने न सिर्फ चींटियों को मिठाई वापस कर दी, बल्कि उन्हें ले जाने में उनकी मदद भी की । चींटियों ने आकाश को दिल से धन्यवाद दिया और उस पर अपने पंखों से छोटी-छोटी चमचमाती धूल बरसाई।

आकाश को कुछ समझ नहीं आया। उसे यह सब बहुत अजीब लगा, लेकिन उसने किसी की मदद की यह सोचकर वह खुशी-खुशी अपने घर चला गया। बाद में उस रात, आकाश ने कुछ ऐसा देखा जिस पर उसे विश्वासी नहीं हो रहा था।

चीटियों की धूल का एक-एक कण हजारों जुगनुओं की तरह कमरे को रोशन कर रहा था! यह दिवाली का चमत्कार था, यह सब उसकी दयालुता के कारण था जो उसने चीटियों को दिखाई।

24. रानी और बात करने वाली किताब - Rani and the Talking Book: very short moral stories in hindi

रानी को अपना फोन बहुत पसंद था।वह अपने फोन से बहुत प्यार करती थी। खेल, कार्टून, सब कुछ बस एक टैप की दूरी पर था। एक दिन,फोन पर उसे एक गेम खेलते समय, “टॉकिंग रामायण” का एक ऐप दिखाई दिया। उत्सुकतावश उसने इसे डाउनलोड कर लिया।

अचानक, कमरे में एक आवाज गूंजी – रामायण के सभी पात्र जैसे जीवंत होकर उसके सामने खड़े हो वह रानी को राम और सीता की दुनिया में ले गए।वहां पहुंचकर रानी को बहुत अच्छा लगा वहां उसने प्रभु श्री राम और माता सीता से जीवन के बहुत सारे नैतिक मूल्यों के बारे में सीखा।

जहां रानी ने बहादुरी, वफादारी और परिवार के महत्व के बारे में तो सीखा वही ईश्वर में सच्ची श्रद्धा रखना भी सीखा। ऐप ने न केवल उनका मनोरंजन किया बल्कि उन्हें मज़ेदार तरीके से मूल्यवान सबक भी सिखाए।

कहानी की नीति (Moral of the story): यदि बुद्धिमानी से उपयोग किया जाए तो Technology सीखने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है। उन कहानियों के साथ स्क्रीन टाइम (Screen Time) को संतुलित करें जो आपके जीवन के मूल्यों ,नैतिकता और संस्कृति को समृद्ध करती हैं।

25. राहुल और बात करने वाला पेड़ - Rahul and the Talking Tree : panchatantra short stories in hindi with moral

राहुल और उसके दोस्तों को पार्क में क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था। एक बरगद का पेड़ था, जो कि राहुल और उसके दोस्तों को बहुत पसंद था। क्योंकि वह बड़ा और बहुत ही छायादार था।

जिसके नीचे वह बैठकर गर्मियों में ठंडी हवा का आनंद लिया करते थे। लेकिन एक दिन जब वह पार्क में खेलने के लिए गए तो, उन्होंने देखा कि उनका पसंदीदा बड़ा बरगद का पेड़ उदास और झुका हुआ दिख रहा था।

एक दिन, जब वे उसके पास बैठे थे, तो एक आवाज ने उन्हें चौंका दिया।उन्होंने चौक कर इधर-उधर देखा, लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया। फिर अचानक से उन्हें यह एहसास हुआ कि यह तो वह बरगद का पेड़ है, जो अपने आसपास लगे पेड़ों से बातें कर रहा था। वह सभी प्रदूषण और पानी की कमी के बारे में बातें कर रहे थे। जिसके कारण वह बीमार रहने लगे थे।

राहुल और उसके दोस्तों ने उनकी मदद करने का फैसला किया। उन्होंने पार्क में और अपने आसपास सफाई अभियान चलाया, प्लास्टिक इकट्ठा किया और नए पौधे लगाए। धीरे-धीरे, पार्क विकसित और हरा भरा हो गया। बरगद के पेड़ और पार्क में लगे अन्य पेड़ फिर से हरे भरे हो गए।

बरगद के पेड़ ने राहुल और उसके दोस्तों को धन्यवाद दिया, और उन्हें जंगल की खूब सारी कहानी सुनाई। जिसे सुनकर राहुल और उसके दोस्तों को जंगल के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई, और वह बहुत खुश हुए।

कहानी की नीति(Moral of the story): हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए ताकि वह हमारा ख्याल रख सके। यहां तक ​​कि छोटे-छोटे कार्य भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

26. माया का जादुई दर्पण- Magic Mirror of Maya: short moral stories in hindi for class 1

माया बहुत ही सुंदर थी वह हमेशा वह हमेशा दूसरों को अपनी सुंदरता के आगे नीचे समझी थी माया हमेशा दूसरों का मजाक बनाती थी। ” मेरे बाल उसके बाल से अधिक घुंघराले हैं!” “मेरे पैर उसके पैर से मजबूत हैं इसलिए मैं उससे तेज दौड़ती हूं !”

वह हमेशा अपने दोस्तों का मजाक बनाती है और उन पर हंसती थी जिससे उसके दोस्त दुखी हो उन्हें परेशान कर माया को बहुत मजा आता था जाते एक दिन, एक बूढ़ी औरत ने उसे एक जादुई दर्पण उपहार में दिया,और कहा, “अंदर देखो,” इसमें देखने से तुम्हें सच्चे सुंदरता दिखाई देगी “

माया ने उत्सुक होकर दर्पण में झाँका।दर्पण में उसने अपने प्रतिबिंब के बजाय, एक बूढ़े आदमी को सड़क पार करने में मदद करने वाले एक बच्चे को देखा जिसके चेहरे पर दयालुता झलक रही थी गिरने के बावजूद अभ्यास कर रही एक नर्तकी में दृढ़ संकल्प को देखा, और लोगों की मदद कर रहे अपने दोस्तों की खुशी देखी। उसे एहसास हुआ कि सुंदरता दिखाने में नहीं है, बल्कि खुद के भीतर की रोशनी में है।

कहानी की नीति(Moral of the story): सच्ची सुंदरता हमारे कार्यों में निहित है, न कि हमारे रूप में। अपने और दूसरों की अच्छाइयों को देखें ना कि उनकी कमियों को ।

27. सुपर समोसा स्क्वाड- Super Samosa Squad: short moral stories for kids in hindi

प्रिया, रोहन और मीरा को समोसे बहुत पसंद थे! लेकिन उनके स्कूल के कैंटीन में बहुत ही बेस्वाद और तला हुआ समोसा मिलता था जिसे वह खा नहीं पाते थे।

एक दिन प्रिया ने कहा हम इससे अच्छा समोसा बना सकते हैं जो स्वाद और सेहत से भरपूर हो। उन्होंने अपने समोसे में स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों को भरा और उन्हें तेल में तलने की बजाय तलने के बजाय समोसे को बेकिंग किया।

उनके “सुपर समोसे” स्कूल के फंक्शन में सभी को बहुत पसंद आए और यह बात वहां के स्थानीय समाचारों में भी चर्चा का विषय रही।

तीनों ने स्वस्थ भोजन की एक अस्वस्थ भोजन से कैसे बदला जा सकता है इसके बारे में सीखा और साथ ही यह भी सीखा कि छोटे बच्चे भी कुछ नया करने की सोच तो कर सकते हैं। उनकी सफलता ने उन्हें एक पौष्टिक भोजन के लिए प्रेरित किया।

नैतिक(Moral of the story): जुनून, जब थोड़ी सी सरलता के साथ मिलाया जाता है, तो दुनिया में बदलाव के परिणाम दे सकता है।

28. चिंटू - वाईफाई योद्धा - Chintu- WiFi Warrior: small short stories with moral values in hindi

चिंटू, एक तकनीक (technology) से बहुत प्यार था उसे लैपटॉप और फोन पर ऑनलाइन गेम खेलना बहुत पसंद था। एक दिन, बिजली कटौती के कारण उसका वाईफाई (wifi) बंद हो गया!

परेशान होकर, वह बाहर निकला और अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट और और फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम खेलने लगा।

धीरे-धीरे, चिंटू ने अपने स्वयं के सरल खेलों को कोड करना शुरू कर दिया। उनका तकनीकी कौशल एक रचनात्मक आउटलेट में बदल गया।

यहां तक ​​कि उन्होंने अपने दादा-दादी के लिए एक डिजिटल साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया और उन्हें इंटरनेट के चमत्कार सिखाए। चिंटू ने संतुलन बनाने और अपनी प्रतिभा को अच्छे कामों में इस्तेमाल करने की कला सीखी।

(Moral of the story): संयम महत्वपूर्ण है, यहां तक ​​कि उन चीज़ों के साथ भी जिन्हें हम पसंद करते हैं।

29. रानी का लयबद्ध बचाव - Rhythmic Defense of The Queen: short moral stories in hindi

रानी को कत्थक बहुत पसंद था घूमती हुई स्कर्ट, झंकृत घुंघरू, सुंदर भाव उसे यह सब जादू सा लगता था वह बहुत दिनों से कत्थक का अभ्यास कर रही थी लेकिन वह सीख नहीं पा रही थी हमेशा उससे कुछ ना कुछ गलतियां हो जाती थी जिससे वह बहुत निराश हो गई।

एक दिन, नदी के किनारे टहलते हुए, उसने पानी के लयबद्ध प्रवाह, कंकड़ की हल्की थपथपाहट, पक्षियों की मधुर आवाज सुनी। प्रकृति के संगीत को सुनकर उसे बहुत अच्छा लगा।अचानक उसे समझ आ गया और प्रकृति की लय को अपने अभ्यास में शामिल कर रानी का नृत्य निखर उठा। उस शाम, उसने त्रुटिहीन प्रदर्शन किया,जिससे उसे बहुत खुशी हुई।

कहानी की नीति(Moral of the story): प्रेरणा किसी से भी और कहीं भी मिल सकती है। अपने अपने आस पास फैली प्रकृति का निरीक्षण करें और उन्हें अपना मार्गदर्शन करने दें।

30. टिफिन ट्रूपर्स - Tiffin Troopers: class 2 short moral stories in hindi

रोहन को स्कूल में टिफिन लाने से नफरत थी। घर का खाना उसे अच्छा नहीं लगता था वह हमेशा अपने लंच बॉक्स को लेकर मां से शिकायत करता था कि वह लंच में अच्छा खाना बनाकर नहीं देती

एक दिन, एक जैसा टिफिन बॉक्स होने की वजह से उसका टिफिन बॉक्स उसकी एक दोस्त अमीना के बदल गया अमीना का लंच बॉक्स सुगंधित बिरयानी से भरा हुआ मिला। रोहन ने जैसे ही बिरयानी का एक चम्मच मुंह में रखा उसका मुंह एक सुगंधित और स्वादिष्ट खाने से भर गया अमीना, बदले में, रोहन की साधारण रोटी-सब्जी खाने के लिए उत्सुक थी।

अब वह हर रोज अपने लंच बॉक्स को आपस में बदल लिया करते जिसकी वजह से वह दोनों एक-दूसरे की संस्कृतियों और व्यंजनों के बारे में सीख रहे थे।

उनको देखकर स्कूल में और भी बच्चे अपना लंच बॉक्स एक दूसरे से बदलने लगे। धीरे-धीरे यह स्कूल में चर्चित हो गया।
इस बात का पता जब टीचर्स को चला तो उन्होंने स्कूल में एक दिन “टिफिन स्वैप डे” मनाया।सभी को नए-नए व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका मिला और सब की संस्कृति को जानने का भी।

इस नए उत्सव ने अनावश्यक बाधाओं को तोड़ दिया और बच्चों में एक नई भावना का विकास किया।

कहानी की नीति(Moral of the story):भोजन में हमें एकजुट करने की शक्ति है। साहसिक बनें, नई चीजें आज़माएँ और विविधता का जश्न मनाएं,।

31. जिज्ञासु कोडब्रेकर- Curious codebreaker: very short moral stories in hindi

आयशा कंप्यूटर को कंप्यूटर के प्रति बहुत ही आकर्षण था लेकिन कोड की जटिल दुनिया से भयभीत महसूस करती थी। एक दिन, उसे अपने घर के पुरानी अलमारी में एक धूल भरी पहेलियों की एक पुरानी किताब मिली।

उसमें लिखी हुई सभी पहेलियां को हल करने के लिए वह बहुत ही उत्सुक हुई। उन पहेलियां को हल करते-करते जल्द ही, आयशा को एहसास हुआ कि कोडिंग एक विशाल पहेली को सुलझाने जैसा था! पहेलियों ने उसकी तार्किक सोच को जगा दिया था।

नए आत्मविश्वास के साथ, आयशा ने अपनी कोडिंग सीखने के अभ्यास को फिर से शुरू किया। उसने गेम बनाए, अपने गैजेट्स को समझना सीखा और यहां तक ​​कि अपनी दादी को उनके दवा शेड्यूल पर नज़र रखने के लिए एक ऐप भी डिजाइन किया।

पहेलियों की एक किताब से शुरुआत करने से उन्हें समस्या-समाधान की शक्ति मिली और तकनीक कैसे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है इस बात की भी प्रेरणा मिली।

कहानी की नीति(Moral of the story): हमें हमेशा जिज्ञासु बने रहना चाहिए जिससे हमारे ज्ञान का विकास हो सके।

32. छोटा लाइब्रेरियन- Little Librarian: panchatantra short stories in hindi with moral

तारा अपने पिताजी के साथ इस शहर में नई-नई आई थी। उसे अपने पड़ोस में एक पुरानी सी लाइब्रेरी मिली जो धूल से भरी हुई थी। ऐसा लगता था लोग उसे भूल गए हैं उसमें कोई आता जाता नहीं ।

उखड़ते पेंट और चरमराती अलमारियों के साथ, वह वह लोगों को अपनी तरफ आकर्षित नहीं करती थी बल्कि ऐसा लगता था वह डराती है। लेकिन जब तारा हिम्मत करके उसे लाइब्रेरी के अंदर गई तो उसे वहां खजाना मिला – राजाओं, परियों और दूर देशों की कहानियों वाली किताबें मिलीं!

तारा ने पुस्तकालय को पुनर्जीवित करने को अपना मिशन (Mission) बना लिया। अपने दोस्तों की मदद से उसने फटे पन्नों की मरम्मत की और नई किताबें खरीदने के लिए के धन जुटाने के लिए “अपने पसंदीदा चरित्र के रूप में पोशाक” परेड(costume parade) का भी आयोजन किया।

उसने वहां लाइब्रेरी में नई-नई कहानियां की किताबें रखी जिसकी वजह से और भी बच्चे वहां कहानियाँ पढ़ने और जानकारी लेने आने लगे।

कहानी की नीति(Moral of the story): छोटे कार्य भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। खोए हुए खजाने को पुनर्जीवित करना और पढ़ने का प्यार साझा करना या एक सच्चा उपहार है।

नोट: यहां साझा की गई ये लघु नैतिक कहानियाँ हमारी मूल रचनाएँ नहीं हैं, हमने इन्हें पहले पढ़ा है और अपने विचारों और सीखों को शामिल करने के बाद केवल हिंदी संस्करण प्रदान कर रहे हैं।

Disclaimer: These short moral stories shared here are not our original creations, We have read them before and just providing the Hindi version after including our own thoughts and learnings.

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आँचल बृजेश मौर्य चाय के पल की संस्थापक के साथ-साथ इस वेबसाइट की प्रमुख लेखिका भी है। उन्होंने ललित कला (फाइन आर्ट्स – Fine Arts) में स्नातक, संगीत में डिप्लोमा किया है और एलएलबी की छात्रा (Student of LLB) है।ललित कला (फाइन आर्ट्स) प्रैक्टिस और अपनी पढ़ाई के साथ साथ, आंचल बृजेश मौर्य विभिन्न विषयों जैसे महिला सशक्तिकरण, भारतीय संविधान, कानूनों और विनियमों इत्यादि पर ब्लॉग लिखती हैं। इसके अलावा उनकी रुचि स्वरचित कहानियां, कविताएं, बच्चों के लिए कहानियां इत्यादि लिखने में है।

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